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सीएम त्रिवेंद्र सिंह ने की डिजिटल हस्तांतरण की शुरूआत, त्रिस्तरीय पंचायतों को मिलेगा सीधा फायदा

आज 15वें वित्त आयोग की प्रथम किश्त एवं राज्य वित्त आयोग की धनराशि का एक साथ डिजिटल हस्तांतरण किया गया. इसमें उत्तराखंड की 7791 ग्राम पंचायतों, 95 क्षेत्र पंचायतों एवं 13 जिला पंचायतों के लिए 15 वें वित्त आयोग की 143.50 करोड़ रूपये की अनटाईड अनुदान धनराशि एवं राज्य वित्त आयोग की 94.88 करोड़ की धनराशि शामिल है.

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सीएम त्रिवेंद्र सिंह ने की डिजिटल हस्तांतरण की शुरुआत
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Published : Jun 22, 2020, 6:50 PM IST

Updated : Jun 22, 2020, 7:09 PM IST

देहरादून: 15वें वित्त आयोग एवं राज्य वित्त आयोग द्वारा पंचायतों हेतु संस्तुत अनुदानों को ऑनलाईन के डिजिटल हस्तांतरण के माध्यम से संबंधित पंचायतों को हस्तांतरित करने की शुरूआत की गई है. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को सचिवालय में डिजिटल माध्यम से त्रिस्तरीय पंचायतों (ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायत) को कुल 238.38 करोड़ रूपये की धनराशि का हस्तांतरण किया. जिसमें 15वें वित्त आयोग की प्रथम किश्त एवं राज्य वित्त आयोग की धनराशि का एक साथ डिजिटल हस्तांतरण किया गया. इसमें उत्तराखंड की 7791 ग्राम पंचायतों, 95 क्षेत्र पंचायतों एवं 13 जिला पंचायतों के लिए 15 वें वित्त आयोग की 143.50 करोड़ रुपये की अनटाईड अनुदान धनराशि एवं राज्य वित्त आयोग की 94.88 करोड़ की धनराशि शामिल है.

सीएम त्रिवेंद्र सिंह ने की डिजिटल हस्तांतरण की शुरुआत
इस दौरान त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा भारत सरकार द्वारा लागू डिजिटल इंडिया प्रोग्राम का उद्देश्य सरकारी सेवाओं को उन्नत करना, सरकारी योजनाओं की जानकारी ऑनलाइन जनता तक पहुंचाकर ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देना है. उन्होंने बताया प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय पंचायत दिवस के मौके पर 24 अप्रैल 2020 को ई-ग्राम स्वराज पोर्टल का शुभारंभ किया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि इससे राजकीय कार्यों में पारदर्शिता बढ़ेगी. वहीं पोर्टल के माध्यम से पंचायत को केन्द्रीय वित्त एवं राज्य वित्त के साथ ही स्त्रोतों से आसानी से धनराशि प्राप्त होगी.

पढ़ें- पढ़ें- कोरोना काल में हल्द्वानी नगर निगम ने खर्चे 1 करोड़ 75 लाख, पशु-पक्षियों के खाने पर खर्च हुए 16 लाख


मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा पंचायतों को एक साथ धनराशि के डिजिटल हस्तांतरण से विकासपरक योजनाओं के साथ-साथ कोरोना वायरस महामारी से संबंधित व्यवस्थाओं को करने में भी आसानी होगी. इसके अलावा गांव, पंचायतों में भवनों की स्वच्छता, विद्युत व्यवस्था, पेयजल, सैनिटाइजेशन एवं अन्य आवश्यक कार्यों को पूर्ण करने में सहायता मिलेगी.

पढ़ें- कोटद्वार: जंगल में मिला महिला का शव

इस दौरान बताया गया कि वित्त विभाग के शासनादेश के अनुसार केन्द्रीय वित्त के संदर्भ में प्राथमिक अनुदान अनटाईड है, जिसका उपयोग स्थानीय निकायों द्वारा स्थान-विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए किया जा सकता है. राज्य वित्त आयोग की अनुदान राशि से निर्वाचित जन प्रतिनिधियों का मानदेय पंचायतीराज विभाग द्वारा भुगतान किया जायेगा.

पढ़ें- भारत-चीन विवाद पर हरक सिंह रावत बोले- सीमांत जिलों की सुरक्षा को लेकर सरकार चिंतित

अवशेष धनराशि में से 20 प्रतिशत धनराशि कोरोना महामारी के बचाव हेतु प्रचार-प्रसार, सैनिटाइजिंग व महामारी से सबंधित अन्य कार्यों पर व्यय की जायेगी. इसके अलावा जलापूर्ति व्यवस्था, सीवरेज ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, जल निकासी एवं स्वच्छता, सामुदायिक परिसम्पतियों के रख-रखाव, स्ट्रीट लाईट तथा आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण/अतिरिक्त कक्षा कक्ष का निर्माण एवं सामुदायिक भवन निर्माण आदि विकास कार्य किये जायेंगे.

देहरादून: 15वें वित्त आयोग एवं राज्य वित्त आयोग द्वारा पंचायतों हेतु संस्तुत अनुदानों को ऑनलाईन के डिजिटल हस्तांतरण के माध्यम से संबंधित पंचायतों को हस्तांतरित करने की शुरूआत की गई है. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को सचिवालय में डिजिटल माध्यम से त्रिस्तरीय पंचायतों (ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायत) को कुल 238.38 करोड़ रूपये की धनराशि का हस्तांतरण किया. जिसमें 15वें वित्त आयोग की प्रथम किश्त एवं राज्य वित्त आयोग की धनराशि का एक साथ डिजिटल हस्तांतरण किया गया. इसमें उत्तराखंड की 7791 ग्राम पंचायतों, 95 क्षेत्र पंचायतों एवं 13 जिला पंचायतों के लिए 15 वें वित्त आयोग की 143.50 करोड़ रुपये की अनटाईड अनुदान धनराशि एवं राज्य वित्त आयोग की 94.88 करोड़ की धनराशि शामिल है.

सीएम त्रिवेंद्र सिंह ने की डिजिटल हस्तांतरण की शुरुआत
इस दौरान त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा भारत सरकार द्वारा लागू डिजिटल इंडिया प्रोग्राम का उद्देश्य सरकारी सेवाओं को उन्नत करना, सरकारी योजनाओं की जानकारी ऑनलाइन जनता तक पहुंचाकर ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देना है. उन्होंने बताया प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय पंचायत दिवस के मौके पर 24 अप्रैल 2020 को ई-ग्राम स्वराज पोर्टल का शुभारंभ किया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि इससे राजकीय कार्यों में पारदर्शिता बढ़ेगी. वहीं पोर्टल के माध्यम से पंचायत को केन्द्रीय वित्त एवं राज्य वित्त के साथ ही स्त्रोतों से आसानी से धनराशि प्राप्त होगी.

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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा पंचायतों को एक साथ धनराशि के डिजिटल हस्तांतरण से विकासपरक योजनाओं के साथ-साथ कोरोना वायरस महामारी से संबंधित व्यवस्थाओं को करने में भी आसानी होगी. इसके अलावा गांव, पंचायतों में भवनों की स्वच्छता, विद्युत व्यवस्था, पेयजल, सैनिटाइजेशन एवं अन्य आवश्यक कार्यों को पूर्ण करने में सहायता मिलेगी.

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इस दौरान बताया गया कि वित्त विभाग के शासनादेश के अनुसार केन्द्रीय वित्त के संदर्भ में प्राथमिक अनुदान अनटाईड है, जिसका उपयोग स्थानीय निकायों द्वारा स्थान-विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए किया जा सकता है. राज्य वित्त आयोग की अनुदान राशि से निर्वाचित जन प्रतिनिधियों का मानदेय पंचायतीराज विभाग द्वारा भुगतान किया जायेगा.

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अवशेष धनराशि में से 20 प्रतिशत धनराशि कोरोना महामारी के बचाव हेतु प्रचार-प्रसार, सैनिटाइजिंग व महामारी से सबंधित अन्य कार्यों पर व्यय की जायेगी. इसके अलावा जलापूर्ति व्यवस्था, सीवरेज ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, जल निकासी एवं स्वच्छता, सामुदायिक परिसम्पतियों के रख-रखाव, स्ट्रीट लाईट तथा आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण/अतिरिक्त कक्षा कक्ष का निर्माण एवं सामुदायिक भवन निर्माण आदि विकास कार्य किये जायेंगे.

Last Updated : Jun 22, 2020, 7:09 PM IST

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