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मानसून सीजन को लेकर सीएम ने लिया तैयारियों का जायजा, जारी किए 70 करोड़ रुपए - बारिश

सीएम ने बताया कि मानसून सीजन की प्रारंभिक तैयारियों के लिए जिलाधिकारियों को करीब 70 करोड़ रुपए भेज दिया गया है. इसके साथ ही आवश्यक उपकरण खरीदने के लिए जिला अधिकारी को अधिकृत भी किया गया है.

CM Trivendra Singh Rawat
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Published : Jun 19, 2019, 11:23 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में मानसून हर साल कहर बरपाता है. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं. ताकि बाढ़ व बादल फटने जैसी दैविया आपदा से निपटा जा सके और इस दौरान कम से कम जानमाल का नुकसान हो. बुधवार को शासन ने सभी जिलों के लिए 70 करोड़ रुपए का बजट जारी किया है. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मानसून से पहले की तैयारियों को लेकर सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक भी की.

पढ़ें- छापेमारी करने गई विजिलेंस टीम को ग्रामीणों ने बनाया बंधक, की मारपीट

सीएम ने कहा कि मानसून से पहले बाढ़ बचाव प्रबंधन के सभी इंतजाम पूरे किए जाएं. पूरे प्रदेश में आम जन के लिए बिजली, पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी नहीं होनी चाहिए.

सीएम त्रिवेंद्र ने की बैठक

बैठक में सीएम ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों से बात की. सीएम ने कहा कि मानसून से पहले बाढ़ बचाव प्रबंधन के सभी इंतजाम पूरे किए जाएं. पूरे प्रदेश में आम जन के लिए बिजली, पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी नहीं होनी चाहिए. वहीं जिलाधिकारियों को सभी जरूरी उपकरण खरीदने के निर्देश भी दिए हैं.

पढ़ें- उत्तराखंड में धूमधाम से मनाया गया राहुल गांधी का जन्मदिन, हुए कई तरह के कार्यक्रम

मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने बैठक में जिलाधिकारियों से तैयारियों के बारे में जानकारी ली. सभी जनपदों में कम्युनिकेशन सुविधा, एसडीआरएफ की तैयारी, बिजली, पानी, दवाइयों और खाद्यान्न से संबंधित स्टोरेज की व्यवस्था करने को कहा गया है.

अक्सर देखने में आता है कि बाढ़ या फिर अन्य दैवीय आपदा में सड़कें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं. इन हालात में वहां फंसे हुए लोगों तक जरूरी सुविधाएं नहीं पहुंच पाती हैं. उन लोगों तक कैसे सुविधा पहुंचाई जाए इसके बारे में पहले ही व्यवस्था कर ली जाए. अधिकारियों को छुट्टी पर भेजना चाहिए या नहीं यह निर्णय जिलाधिकारी पर छोड़ दिया गया है.

सीएम ने बताया कि मानसून सीजन की प्रारंभिक तैयारियों के लिए जिलाधिकारियों को करीब 70 करोड़ रुपए भेज दिया गया है. इसके साथ ही आवश्यक उपकरण खरीदने के लिए जिला अधिकारी को अधिकृत भी किया गया है.
इस मानसून सीजन में अगर कहीं हेली सेवाओं की आवश्यकता होती है तो उसके लिए हेली सेवा प्रदान करने वाली कम्पनियों को भी तैयार रहने के निर्देश दिए गये है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हेली सेवाओं के लिए हेलीपैड को भी दुरुस्त कर लिया गया है. ताकि आपदा के समय उनका उपयोग किया जा सके

देहरादून: उत्तराखंड में मानसून हर साल कहर बरपाता है. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं. ताकि बाढ़ व बादल फटने जैसी दैविया आपदा से निपटा जा सके और इस दौरान कम से कम जानमाल का नुकसान हो. बुधवार को शासन ने सभी जिलों के लिए 70 करोड़ रुपए का बजट जारी किया है. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मानसून से पहले की तैयारियों को लेकर सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक भी की.

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सीएम ने कहा कि मानसून से पहले बाढ़ बचाव प्रबंधन के सभी इंतजाम पूरे किए जाएं. पूरे प्रदेश में आम जन के लिए बिजली, पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी नहीं होनी चाहिए.

सीएम त्रिवेंद्र ने की बैठक

बैठक में सीएम ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों से बात की. सीएम ने कहा कि मानसून से पहले बाढ़ बचाव प्रबंधन के सभी इंतजाम पूरे किए जाएं. पूरे प्रदेश में आम जन के लिए बिजली, पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी नहीं होनी चाहिए. वहीं जिलाधिकारियों को सभी जरूरी उपकरण खरीदने के निर्देश भी दिए हैं.

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मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने बैठक में जिलाधिकारियों से तैयारियों के बारे में जानकारी ली. सभी जनपदों में कम्युनिकेशन सुविधा, एसडीआरएफ की तैयारी, बिजली, पानी, दवाइयों और खाद्यान्न से संबंधित स्टोरेज की व्यवस्था करने को कहा गया है.

अक्सर देखने में आता है कि बाढ़ या फिर अन्य दैवीय आपदा में सड़कें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं. इन हालात में वहां फंसे हुए लोगों तक जरूरी सुविधाएं नहीं पहुंच पाती हैं. उन लोगों तक कैसे सुविधा पहुंचाई जाए इसके बारे में पहले ही व्यवस्था कर ली जाए. अधिकारियों को छुट्टी पर भेजना चाहिए या नहीं यह निर्णय जिलाधिकारी पर छोड़ दिया गया है.

सीएम ने बताया कि मानसून सीजन की प्रारंभिक तैयारियों के लिए जिलाधिकारियों को करीब 70 करोड़ रुपए भेज दिया गया है. इसके साथ ही आवश्यक उपकरण खरीदने के लिए जिला अधिकारी को अधिकृत भी किया गया है.
इस मानसून सीजन में अगर कहीं हेली सेवाओं की आवश्यकता होती है तो उसके लिए हेली सेवा प्रदान करने वाली कम्पनियों को भी तैयार रहने के निर्देश दिए गये है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हेली सेवाओं के लिए हेलीपैड को भी दुरुस्त कर लिया गया है. ताकि आपदा के समय उनका उपयोग किया जा सके

Intro:summary - मानसून सीजन में किसी भी आपदा से निपटने को लेकर शासन स्तर पर तैयारियां तेज, साथ ही मानसून से निपटने के लिए शासन द्वारा तमाम जनपदों को 70 करोड़ का बजट किया गया जारी। Intro - उत्तराखंड सरकार ने मानसून को लेकर अभी से ही तैयारियां करनी शुरू कर दी है। जिसमे सरकार के मुखिया त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवलाय में मानसून की तैयारियों को लेकर शासन के आला अधिकारीयों की बैठक ली, जिसमे जिला अधिकारीयों को मानसून से निपटने के लिए जरुरी उपकरण खरीदने के दिशा निर्देश दिए गये है। मुख्यमंत्री रावत ने कहा की बैठक में जिला अधिकारियो ने अपने जनपदों में मानसून को लेकर कितनी तैयारी की है। उसकी भी इस बैठक में समीक्षा की गयी है। साथ ही मानसून से निपटने के लिए शासन द्वारा जनपदों को 70 करोड़ का बजट जारी किया गया है।


Body:बैठक के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि बैठक में जिला अधिकारियों ने क्या-क्या तैयारी की है इस पर चर्चा किया गया है और तमाम जो कम्युनिकेशन सुविधा, एसडीआरएफ की तैयारी, बिजली, पानी, दवाइयों और खाद्यान्न से संबंधित स्टोरीज की व्यवस्था की जा रही है। क्योंकि कई बार सड़कें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं तो तमाम व्यवस्थाएं पहुंचाने में दिक्कत होती हैं। इसलिए सभी जिलाधिकारियों ने अपनी सारी तैयारियां की है। और सभी जिलाधिकारियों निर्देशित कर दिया गया है कि जिले की जो भी व्यवस्थाएं हैं, उसके लिए जिलाधिकारियों को अधिकृत किया है की अधिकारियों को छुट्टी पर भेजना चाहिए कि नहीं भेजना चाहिए यह निर्णय जिलाधिकारी पर छोड़ दिया गया है। साथ ही त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि मानसून सत्र की प्रारंभिक तैयारियों के लिए तमाम जिलाधिकारियों को करीब 70 करोड़ रुपये भेज दिया गया है। इसके साथ ही इक्विपमेंट्स खरीदने के लिए जिला अधिकारी को अधिकृत भी किया गया है की 10% तक जे इक्विपमेंट जिलाधिकारी खुद खरीद सकते हैं। और इस मानसून सीजन में अगर कहीं हेली सेवाओं की आवश्यता होती है, तो उसके लिए हेली सेवा प्रदान करने वाली कम्पनियों को भी तैयार रहने के निर्देश दिए गये है। मुख्यमंत्री ने कहा की हेली सेवाओं के लिए हेलीपेड को भी दुरस्त कर लिया गया है। जिससे आपदा के समय उनका उपयोग किया जा सके। 


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