पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा भी दिल्ली में हैं. पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से भी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बातचीत की है. करीब 15 मिनट की बातचीत में राजनीतिक हालातों पर चर्चा की गई.
CM तीरथ का आखिरी दांव, उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग को लिखा पत्र, बहुगुणा भी नड्डा से मिले - मिशन 2022
15:24 July 02
पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा भी जेपी नड्डा से मिले, 15 मिनट की बातचीत में राज्य के राजनीतिक हालात पर चर्चा हुई
12:50 July 02
उत्तराखंड में दो विधानसभा सीटों पर होने हैं उपचुनाव
देहरादून: सीएम तीरथ सिंह रावत ने चुनाव आयोग को उपचुनाव के लिए पत्र लिखा है. चुनाव आयोग से उपचुनाव की अनुमति मिलने के बाद जल्द ही प्रदेश में खाली दो विधानसभा सीटों पर चुनाव की तारीख का ऐलान किया जाएगा. माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए ये तीरथ सिंह का आखिरी दांव है.
इसके बाद आज बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मुलाकात की. दोनों के बीच चुनावी समीकरणों और वर्तमान स्थिति को लेकर गहन चर्चा हुई है. बताया जा रहा है कि शाम तक सीएम देहरादून लौट सकते हैं.
बता दें कि रामनगर में आयोजित तीन दिवसीय चिंतन शिविर के समापन के तुरंत बाद सीएम तीरथ को बीजेपी आलाकमान ने दिल्ली तलब किया था. जिसके बाद से प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाएं जोर पकड़ने लगी थी. हालांकि, दिल्ली रवाना होने से पहले सीएम ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि वह दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व के सामने आगामी चुनाव और चिंतन शिविर में हुए निर्णयों को रखने जा रहे हैं. हालांकि, राजनीतिक पंडितों का कहना है कि प्रदेश की मुखिया (तीरथ सिंह रावत) का भविष्य का निर्णय दिल्ली दरबार से ही होना है.
पढ़ें- खतरे में उत्तराखंड CM की कुर्सी, हाईकमान ने बनाया नेतृत्व परिवर्तन का मन!
मुख्यमंत्री सीएम तीरथ सिंह रावत के तय कार्यक्रम के अनुसार, बीते दिन यानि कल गुरुवार को लौटना था, लेकिन अचानक से उनके प्रदेश वापसी का कार्यक्रम टल गया. जिससे नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं को बल मिला है. वहीं, विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी सीएम तीरथ सिंह रावत को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है. कांग्रेस का कहना है कि मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बने रहने के लिए शपथ ग्रहण के 6 महीने के भीतर विधानसभा की सदस्यता लेनी थी. यानी, उन्हें किसी भी विधानसभा सीट से उपचुनाव जीतना था.
पढ़ें- CM तीरथ की कुर्सी पर विरोधियों ने उठाये सवाल, उत्तराखंड में अटकलों का बाजार गर्म
वहीं, अभी भी सीएम तीरथ सिंह रावत दिल्ली में डटे हुए हैं और उन्होंने चुनाव आयोग को उपचुनाव के बाबत एक पत्र भी लिखा है. ऐसे में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत उपचुनाव में जाएंगे और अब गेंद चुनाव आयोग के पाले में है. हालांकि, राजनीतिक हलकों में अभी भी सुगबुगाहट है कि दो-तीन दिन में पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व कोई बड़ा फैसला ले सकता है. यह सब चर्चा ही है जब तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो जाती है. जानकारी के मुताबिक, अभी सीएम तीरथ सिंह रावत की बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से करीब 40 मिनट का मुलाकात चली. हालांकि, जब वह मीटिंग रूम से बाहर निकले तो उनके हावभाव से यह लग रहा था कि अभी स्थिति 'ऑल इज वेल' (All is Well) वाली है.
15:24 July 02
पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा भी जेपी नड्डा से मिले, 15 मिनट की बातचीत में राज्य के राजनीतिक हालात पर चर्चा हुई
पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा भी दिल्ली में हैं. पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से भी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बातचीत की है. करीब 15 मिनट की बातचीत में राजनीतिक हालातों पर चर्चा की गई.
12:50 July 02
उत्तराखंड में दो विधानसभा सीटों पर होने हैं उपचुनाव
देहरादून: सीएम तीरथ सिंह रावत ने चुनाव आयोग को उपचुनाव के लिए पत्र लिखा है. चुनाव आयोग से उपचुनाव की अनुमति मिलने के बाद जल्द ही प्रदेश में खाली दो विधानसभा सीटों पर चुनाव की तारीख का ऐलान किया जाएगा. माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए ये तीरथ सिंह का आखिरी दांव है.
इसके बाद आज बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मुलाकात की. दोनों के बीच चुनावी समीकरणों और वर्तमान स्थिति को लेकर गहन चर्चा हुई है. बताया जा रहा है कि शाम तक सीएम देहरादून लौट सकते हैं.
बता दें कि रामनगर में आयोजित तीन दिवसीय चिंतन शिविर के समापन के तुरंत बाद सीएम तीरथ को बीजेपी आलाकमान ने दिल्ली तलब किया था. जिसके बाद से प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाएं जोर पकड़ने लगी थी. हालांकि, दिल्ली रवाना होने से पहले सीएम ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि वह दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व के सामने आगामी चुनाव और चिंतन शिविर में हुए निर्णयों को रखने जा रहे हैं. हालांकि, राजनीतिक पंडितों का कहना है कि प्रदेश की मुखिया (तीरथ सिंह रावत) का भविष्य का निर्णय दिल्ली दरबार से ही होना है.
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मुख्यमंत्री सीएम तीरथ सिंह रावत के तय कार्यक्रम के अनुसार, बीते दिन यानि कल गुरुवार को लौटना था, लेकिन अचानक से उनके प्रदेश वापसी का कार्यक्रम टल गया. जिससे नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं को बल मिला है. वहीं, विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी सीएम तीरथ सिंह रावत को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है. कांग्रेस का कहना है कि मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बने रहने के लिए शपथ ग्रहण के 6 महीने के भीतर विधानसभा की सदस्यता लेनी थी. यानी, उन्हें किसी भी विधानसभा सीट से उपचुनाव जीतना था.
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वहीं, अभी भी सीएम तीरथ सिंह रावत दिल्ली में डटे हुए हैं और उन्होंने चुनाव आयोग को उपचुनाव के बाबत एक पत्र भी लिखा है. ऐसे में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत उपचुनाव में जाएंगे और अब गेंद चुनाव आयोग के पाले में है. हालांकि, राजनीतिक हलकों में अभी भी सुगबुगाहट है कि दो-तीन दिन में पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व कोई बड़ा फैसला ले सकता है. यह सब चर्चा ही है जब तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो जाती है. जानकारी के मुताबिक, अभी सीएम तीरथ सिंह रावत की बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से करीब 40 मिनट का मुलाकात चली. हालांकि, जब वह मीटिंग रूम से बाहर निकले तो उनके हावभाव से यह लग रहा था कि अभी स्थिति 'ऑल इज वेल' (All is Well) वाली है.