देहरादून: मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा बैठक ली. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को आगामी मानसून सीजन के दृष्टिगत सभी तैयारियां जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए. उन्होंने चमोली के तपोवन रैणी क्षेत्र में आई आपदा में लापता लोगों के डेथ सर्टिफिकेट की कारवाई में तेजी लाने को कहा. जिससे प्रभावित परिवारों को राहत राशि का जल्द भुगतान किया जा सके.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन में एयर एंबुलेंस शामिल करने के लिए केन्द्र सरकार को जल्द प्रस्ताव भेजा जाएगा. आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि जल्द ही देहरादून में 'आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास' विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जाएगा, जिसमें अनेक विषय विशेषज्ञ रहेंगे.
उन्होंने कहा कि राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में आपदा प्रबंधन से संबधित एक चैप्टर शुरू किया जा रहा है. आपदा प्रबंधन विषय पर 6 माह के सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू किए जा रहे हैं. महिला मंगल दल, युवक मंगल दलों एवं ग्राम प्रहरियों के भी आपदा प्रबंधन से संबधित गढ़वाल एवं कुमाऊं मंडल में सम्मेलन किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि लेखपालों को बाइक एंबुलेंस देने की योजना पर भी कार्य योजना बनाई जा रही है.
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आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. सीएम ने कहा कि आपदा प्रबंधन की दृष्टि से उत्तराखंड में शोध संस्थान खोला जाएगा. राज्य में विभिन्न स्थानों पर कार्यशालाएं आयोजित कर लोगों को जागरुक किया जाएगा. न्याय पंचायत स्तर तक टीमें गठित कर आपदा प्रबंधन से संबधित सभी महत्वपूर्ण उपकरण किट उपलब्ध कराए जाएंगे. सभी जिलाधिकारी ग्राम स्तर तक संपर्क सूत्र बनाये रखें. ग्राम स्तर तक के जनप्रतिनिधियों एवं कार्मिकों की लिस्ट पूरी अपडेट रखने के निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि सुरकंडा में बने डॉप्लर राडार को जल्द चालू किया जाएगा. साथ ही लैंसडाउन में लगने वाले डॉप्लर राडार की स्थापना की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए. मुक्तेश्वर में बना डॉप्लर राडार चालू हो चुका है. आपदा प्रबंधन की दृष्टि से दूर-दराज के क्षेत्रों में और क्या प्रयास किये जा सकते हैं, इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. भूकम्परोधी मकान बनाने के लिए राजमिस्त्रियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जायेगी.