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CM का निर्देश, कोरोना से अनाथ हुए बच्चों के लिए बने कार्ययोजना, तीसरी लहर के लिए रखें तैयारी

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Published : May 22, 2021, 3:17 PM IST

सीएम ने कहा कि जिनके माता-पिता या परिवार के मुखिया की मृत्यु कोविड के कारण हुई है, ऐसे बच्चों की सहायता के लिये जल्द से जल्द उनका चिह्नीकरण सुनिश्चित किया जाए. बैठक में सीएम ने कोविड की तीसरी लहर के लिए तैयारियों को शीघ्रता से धरातल पर लागू करने के निर्देश दिए.

कोरोना महामारी को लेकर सीएम की बैठक
कोरोना महामारी को लेकर सीएम की बैठक

देहरादून: मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और जिलाधिकारियों के साथ सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा कोविड की रोकथाम और बचाव कार्यों की समीक्षा बैठक की. इस दौरान सीएम ने कोविड के कारण अनाथ हुए बच्चों के लिए विशेष योजना बनाने के निर्देश दिए.

कोरोना महामारी को लेकर सीएम की बैठक
कोरोना महामारी को लेकर सीएम की बैठक

सीएम ने कहा कि जिनके माता-पिता या परिवार के मुखिया की मृत्यु कोविड के कारण हुई है, ऐसे बच्चों की सहायता के लिये जल्द से जल्द उनका चिह्नीकरण सुनिश्चित किया जाए. बैठक में सीएम ने कोविड की तीसरी लहर के लिए तैयारियों को शीघ्रता से धरातल पर लागू करने के निर्देश दिए.

सीएम ने कहा कि वर्तमान में कोविड मामलों में गिरावट देखी जा रही है, लेकिन फिर भी हमें पूरी तरह से सावधान रहना है. किसी तरह की ढिलाई नहीं होनी चाहिए. तीसरी लहर में बच्चों पर फोकस करना है. जिला और ब्लॉक स्तर तक इसकी मैपिंग हो. उन्होंने कहा कि फील्ड में काम करने वालों को मालूम होना चाहिए कि किसी तरह की परिस्थिति में उन्हें क्या करना है. कोविड की तीसरी लहर से पहले सारी तैयारियां पुख्ता कर ली जाएं. इसमें किसी तरह की कोई कमी न हो. जिलाधिकारी ग्रामवार इसकी पूरी प्लानिंग रखें.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में खत्म हुए ब्लैक फंगस के इंजेक्शन, स्वास्थ्य विभाग की जानलेवा लापरवाही

मुख्यमंत्री ने कहा कि मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए. कालाबाजारी को रोकने के लिए लगातार जरूरी कार्रवाई की जाएं. ई-संजीवनी का अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. इसे और अधिक सुदृढ़ और प्रचारित किया जाए. वहीं, बायो मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल पर भी ध्यान देने की जरूरत है. नगर निकायों में शहरी विकास विभाग और ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज विभाग इसे सुनिश्चित कराएं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड को लेकर अधिक ध्यान देना है. इसके लिए विकेंद्रीकृत योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए. आशा, एएनएम की सही तरीके से ट्रेनिंग हो. पीएचसी व सीएचसी स्तर तक तैयारियां हों. हर ब्लॉक में कंट्रोल रूम हों. ग्राम सभाओं का सहयोग लिया जाए. जहां तक संभव हो दूरस्थ क्षेत्रों के लिए मोबाइल टेस्टिंग वैन, मोबाइल लैब, सैंपलिंग वैन की व्यवस्था हो. गांव-गांव, घर-घर तक जरूरी मेडिकल किट और दवाओं की उपलब्धता हो. गांवों में क्वारंटाइन सेंटर चिह्नित कर उन्हें जरूरी सुविधाओं से युक्त किया जाए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वैक्सीनेशन में धन की कमी नहीं है. इसके लिये हर संभव प्रयास कर वैक्सीनेशन की प्रक्रिया में तेजी लानी है. प्रस्तावित और निर्माणाधीन ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट को जल्द पूरा किया जाए. ऑक्सीजन आपूर्ति में बहुत सुधार हुआ है. इसे आगे भी बनाये रखना है. हमारे सभी आईसीयू संचालित होने चाहिए. कोविड से संबंधित सूचनाओं की रियल टाइम डाटा एंट्री सुनिश्चित की जाए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि डेंगू को लेकर भी तैयारियां की जाएं. इसके बचाव के संबंध में जनजागरूकता अभियान चलाए जाएं. कोविड अस्पताल और कोविड केयर सेंटर के आस-पास पानी एकत्र न हो. मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में टेस्टिंग को बढ़ाने की जरूरत है. कोविड की तीसरी लहर की अभी से सारी तैयारी की जानी है. बाहर से आने वालों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. जन जागरूकता में ग्राम समितियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए. ऑक्सीजन आपूर्ति की तैयारी मानसून को ध्यान में रखते हुए कर ली जाए.

देहरादून: मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और जिलाधिकारियों के साथ सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा कोविड की रोकथाम और बचाव कार्यों की समीक्षा बैठक की. इस दौरान सीएम ने कोविड के कारण अनाथ हुए बच्चों के लिए विशेष योजना बनाने के निर्देश दिए.

कोरोना महामारी को लेकर सीएम की बैठक
कोरोना महामारी को लेकर सीएम की बैठक

सीएम ने कहा कि जिनके माता-पिता या परिवार के मुखिया की मृत्यु कोविड के कारण हुई है, ऐसे बच्चों की सहायता के लिये जल्द से जल्द उनका चिह्नीकरण सुनिश्चित किया जाए. बैठक में सीएम ने कोविड की तीसरी लहर के लिए तैयारियों को शीघ्रता से धरातल पर लागू करने के निर्देश दिए.

सीएम ने कहा कि वर्तमान में कोविड मामलों में गिरावट देखी जा रही है, लेकिन फिर भी हमें पूरी तरह से सावधान रहना है. किसी तरह की ढिलाई नहीं होनी चाहिए. तीसरी लहर में बच्चों पर फोकस करना है. जिला और ब्लॉक स्तर तक इसकी मैपिंग हो. उन्होंने कहा कि फील्ड में काम करने वालों को मालूम होना चाहिए कि किसी तरह की परिस्थिति में उन्हें क्या करना है. कोविड की तीसरी लहर से पहले सारी तैयारियां पुख्ता कर ली जाएं. इसमें किसी तरह की कोई कमी न हो. जिलाधिकारी ग्रामवार इसकी पूरी प्लानिंग रखें.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए. कालाबाजारी को रोकने के लिए लगातार जरूरी कार्रवाई की जाएं. ई-संजीवनी का अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. इसे और अधिक सुदृढ़ और प्रचारित किया जाए. वहीं, बायो मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल पर भी ध्यान देने की जरूरत है. नगर निकायों में शहरी विकास विभाग और ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज विभाग इसे सुनिश्चित कराएं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड को लेकर अधिक ध्यान देना है. इसके लिए विकेंद्रीकृत योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए. आशा, एएनएम की सही तरीके से ट्रेनिंग हो. पीएचसी व सीएचसी स्तर तक तैयारियां हों. हर ब्लॉक में कंट्रोल रूम हों. ग्राम सभाओं का सहयोग लिया जाए. जहां तक संभव हो दूरस्थ क्षेत्रों के लिए मोबाइल टेस्टिंग वैन, मोबाइल लैब, सैंपलिंग वैन की व्यवस्था हो. गांव-गांव, घर-घर तक जरूरी मेडिकल किट और दवाओं की उपलब्धता हो. गांवों में क्वारंटाइन सेंटर चिह्नित कर उन्हें जरूरी सुविधाओं से युक्त किया जाए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वैक्सीनेशन में धन की कमी नहीं है. इसके लिये हर संभव प्रयास कर वैक्सीनेशन की प्रक्रिया में तेजी लानी है. प्रस्तावित और निर्माणाधीन ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट को जल्द पूरा किया जाए. ऑक्सीजन आपूर्ति में बहुत सुधार हुआ है. इसे आगे भी बनाये रखना है. हमारे सभी आईसीयू संचालित होने चाहिए. कोविड से संबंधित सूचनाओं की रियल टाइम डाटा एंट्री सुनिश्चित की जाए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि डेंगू को लेकर भी तैयारियां की जाएं. इसके बचाव के संबंध में जनजागरूकता अभियान चलाए जाएं. कोविड अस्पताल और कोविड केयर सेंटर के आस-पास पानी एकत्र न हो. मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में टेस्टिंग को बढ़ाने की जरूरत है. कोविड की तीसरी लहर की अभी से सारी तैयारी की जानी है. बाहर से आने वालों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. जन जागरूकता में ग्राम समितियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए. ऑक्सीजन आपूर्ति की तैयारी मानसून को ध्यान में रखते हुए कर ली जाए.

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