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चुनाव से पहले फिर निकला इन्वेस्टर्स समिट का जिन्न, CM का दावा- 3 महीने में आएंगे निवेशक

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अगले दो से तीन महीनों में बहुत सारे निवेशक उत्तराखंड में आएंगे. जिसके लिए एक माहौल तैयार किया जा रहा है. बहुत जल्द मैं और मुख्य सचिव उद्योगपतियों, गढ़वाल और कुमाऊं के चैंबर्स और उद्योग के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों से बातचीत करेंगे.

cm pushkar singh dhami
सीएम का दावा
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Published : Jul 31, 2021, 7:39 PM IST

देहरादून: साल 2018 में बड़े तामझाम के साथ तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार ने इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया था. समिट का शुभारंभ करने खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड आए थे. एक लाख करोड़ से भी ज्यादा के एमओयू साइन होने का दावा किया गया था, लेकिन समय के साथ इन्वेस्टर्स समिट धरातल पर आने की जगह धूल फांकती फाइलों में दबकर रह गये. निवेशकों ने उत्तराखंड को अपना बिजनेस डेस्टिनेशन नहीं बनाया.

ऐसे में चुनावी साल आते ही एक बार फिर से इन्वेस्टर्स समिट का जिन्न बोतल से निकलकर बाहर आ गया है. जो काम त्रिवेंद्र सरकार नहीं कर पायी, अब वो प्रदेश के नए नवेले युवा सीएम पुष्कर सिंह धामी करने की बात कर रहे हैं. सीएम का दावा है कि प्रदेश में उद्योगों को बढ़ाने के लिए एक माहौल तैयार किया जा रहा है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि इसको लेकर उद्योगपतियों, गढ़वाल एवं कुमाऊं के चैंबर्स के साथ उद्योग क्षेत्र में काम करने वाले लोगों से बातचीत भी की जाएगी.

इन्वेस्टर्स को लेकर सीएम का दावा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा 'अगले एक-दो महीने में उत्तराखंड में बहुत सारे इन्वेस्टर्स आएंगे, जिससे राज्य में तमाम उद्योग देखने को मिलेंगे. जिसके लिए एक माहौल तैयार किया जा रहा है. जल्द ही मुख्य सचिव सभी उद्योगपतियों के साथ ही गढ़वाल और कुमाऊं के चैंबर्स और उद्योग के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों से बातचीत करेंगे. साथ ही वो खुद भी इन सभी लोगों से संवाद करेंगे'.

ये भी पढ़ें: UK Board Result 2021: CM धामी ने 10वीं और 12वीं के टॉपर्स को दी बधाई

गौर हो कि पहली बार साल 2018 में बड़े स्तर पर उत्तराखंड में इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया था. राज्य सरकार ने उत्तराखंड में उद्योग लगाने और निवेशकों को निवेश करने को लेकर विशेष प्रावधान देने की बात कही थी. इन्वेस्टर्स समिट में देश-विदेश के हजारों निवेशकों को आमंत्रित किया गया था. ताकि निवेशकों को उत्तराखंड की तरफ आकर्षित कर प्रदेश में निवेश कराया जा सके. वहीं, इस इन्वेस्टर्स समिट में एक लाख करोड़ रुपये से भी अधिक का एमओयू साइन हुआ था, लेकिन इस इन्वेस्टर्स समिट की हकीकत वर्तमान में सबके सामने है.

2018 में हुई इन्वेस्टर्स समिट का कुछ खास फायदा उत्तराखंड को नहीं मिल पाया, लेकिन 2022 विधानसभा चुनाव से एक बार फिर से इन्वेस्टर्स समिट का जिन्न बोतल से बाहर आ गया है. वहीं, विपक्षी दल लगातार इन्वेस्टर्स समिट को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने यहां तक कहा था कि यह इन्वेस्टर्स समिट, तत्कालिक मुख्यमंत्री की इमेज बिल्डिंग प्रोसेस थी. ऐसे में देखने वाली बात होगी कि युवा सीएम पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड में कितने उद्योगपतियों और निवेशकों को लाने में कामयाब साबित होते हैं.

देहरादून: साल 2018 में बड़े तामझाम के साथ तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार ने इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया था. समिट का शुभारंभ करने खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड आए थे. एक लाख करोड़ से भी ज्यादा के एमओयू साइन होने का दावा किया गया था, लेकिन समय के साथ इन्वेस्टर्स समिट धरातल पर आने की जगह धूल फांकती फाइलों में दबकर रह गये. निवेशकों ने उत्तराखंड को अपना बिजनेस डेस्टिनेशन नहीं बनाया.

ऐसे में चुनावी साल आते ही एक बार फिर से इन्वेस्टर्स समिट का जिन्न बोतल से निकलकर बाहर आ गया है. जो काम त्रिवेंद्र सरकार नहीं कर पायी, अब वो प्रदेश के नए नवेले युवा सीएम पुष्कर सिंह धामी करने की बात कर रहे हैं. सीएम का दावा है कि प्रदेश में उद्योगों को बढ़ाने के लिए एक माहौल तैयार किया जा रहा है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि इसको लेकर उद्योगपतियों, गढ़वाल एवं कुमाऊं के चैंबर्स के साथ उद्योग क्षेत्र में काम करने वाले लोगों से बातचीत भी की जाएगी.

इन्वेस्टर्स को लेकर सीएम का दावा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा 'अगले एक-दो महीने में उत्तराखंड में बहुत सारे इन्वेस्टर्स आएंगे, जिससे राज्य में तमाम उद्योग देखने को मिलेंगे. जिसके लिए एक माहौल तैयार किया जा रहा है. जल्द ही मुख्य सचिव सभी उद्योगपतियों के साथ ही गढ़वाल और कुमाऊं के चैंबर्स और उद्योग के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों से बातचीत करेंगे. साथ ही वो खुद भी इन सभी लोगों से संवाद करेंगे'.

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गौर हो कि पहली बार साल 2018 में बड़े स्तर पर उत्तराखंड में इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया था. राज्य सरकार ने उत्तराखंड में उद्योग लगाने और निवेशकों को निवेश करने को लेकर विशेष प्रावधान देने की बात कही थी. इन्वेस्टर्स समिट में देश-विदेश के हजारों निवेशकों को आमंत्रित किया गया था. ताकि निवेशकों को उत्तराखंड की तरफ आकर्षित कर प्रदेश में निवेश कराया जा सके. वहीं, इस इन्वेस्टर्स समिट में एक लाख करोड़ रुपये से भी अधिक का एमओयू साइन हुआ था, लेकिन इस इन्वेस्टर्स समिट की हकीकत वर्तमान में सबके सामने है.

2018 में हुई इन्वेस्टर्स समिट का कुछ खास फायदा उत्तराखंड को नहीं मिल पाया, लेकिन 2022 विधानसभा चुनाव से एक बार फिर से इन्वेस्टर्स समिट का जिन्न बोतल से बाहर आ गया है. वहीं, विपक्षी दल लगातार इन्वेस्टर्स समिट को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने यहां तक कहा था कि यह इन्वेस्टर्स समिट, तत्कालिक मुख्यमंत्री की इमेज बिल्डिंग प्रोसेस थी. ऐसे में देखने वाली बात होगी कि युवा सीएम पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड में कितने उद्योगपतियों और निवेशकों को लाने में कामयाब साबित होते हैं.

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