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Agnipath Scheme: रिटायर अग्निवीरों को उत्तराखंड सरकार देगी नौकरी, CM धामी ने बताया प्लान - क्या है अग्निपथ योजना

केंद्र सरकार ने एक बड़ी महत्वाकांक्षी योजना 'अग्निपथ' (Agnipath Scheme) लॉन्च की, लेकिन देशभर के साथ ही उत्तराखंड में भी इसका विरोध हो रहा है. इस बीच सीएम पुष्कर धामी ने अग्निपथ योजना के फायदे गिनाए हैं. सीएम धामी ने कहा कि सेना में 4 साल की नौकरी करने के बाद जो 75 फीसदी जवान रिटायर होंगे उन्हें हम उत्तराखंड की सेवाओं में लेंगे. साथ ही उन्होंने इसे केंद्र सरकार का ऐतिहासिक फैसला करार दिया है. जानिए इसके अलावा सीएम धामी ने क्या-क्या कहा...

Pushkar Dhami Statement on Agnipath scheme
अग्निपथ योजना पर सीएम धामी का बयान
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Published : Jun 16, 2022, 2:29 PM IST

Updated : Jun 16, 2022, 4:54 PM IST

देहरादून: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को सेना के तीनों प्रमुखों की मौजूदगी में दिल्ली में अग्निपथ योजना का ऐलान किया था. इस घोषणा के बाद से ही देशभर में विरोध प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया है. उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों में भी युवाओं ने जमकर प्रदर्शन किया. वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अग्निपथ योजना को ऐतिहासिक फैसला बताया है.

90 दिनों में होगी 'अग्निपथ' की शुरुआत: सीएम धामी ने कहा कि, प्रधानमंत्री मोदी ने अगले 18 महीने में 10 लाख नौकरियां देने का निर्णय लिया है. इस महाअभियान की शुरुआत 'अग्निपथ' योजना को प्रारम्भ कर की गयी है, जिसके तहत सेना में 'अग्निवीरों' को नियुक्त किया जाएगा. इससे न केवल देश के युवाओं को बड़े स्तर पर रोजगार मिलेगा बल्कि हमारी सेनाएं भी और अधिक युवा व सशक्त होंगी. इस योजना के तहत 17 वर्ष से 21 वर्ष के युवाओं को सेना में भर्ती किया जाएगा और इसकी शुरुआत आने वाले 90 दिनों में हो जाएगी.

सीएम धामी ने कहा कि सेना की 4 साल की नौकरी के बाद जो 75 फीसदी अग्निवीर रिलीव होंगे उत्तराखंड सरकार उन्हें पुलिस, आपदा प्रबंधन और चारधाम प्रबंधन में तैनात करेगी. सीएम धामी ने कहा कि हम किसी को बेरोजगार नहीं रहने देंगे. हम केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का स्वागत करते हैं. हमारे युवाओं को ये चिंता नहीं करनी चाहिए कि सेना में 4 साल तक नौकरी करने के बाद उनका क्या होगा.

अग्निवीरों के लिए सीएम धामी ने बताया प्लान.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ये योजना भारतीय सेना को विश्व की बेहतरीन सेना बनाने की दृष्टि से बेहद ऐतिहासिक फैसला है. इस योजना के जरिए युवाओं के लिए भारतीय सेना के द्वार खुलेंगे. अग्निपथ योजना के माध्यम से भारत की सैन्य ताकत को मजबूती मिलने के साथ ही युवाओं की कौशलता और प्रतिबद्धता में भी खासा सुधार आएगा.

युवाओं को मिलेगी हाई स्किल्ड ट्रेनिंग: अग्निपथ योजना से अग्निवीर तैयार किए जाएंगे और देश के नौजवान आर्म्ड फोर्सेस में जा सकेंगे. उन्हें नई तकनीक से ट्रेंड किया जाएगा और देश को हाई स्किल्ड आर्म्ड फोर्स मिलेगी. चयनित युवाओं को पहले छह महीने का प्रशिक्षण दिया जाएगा, उसके बाद अगले साढ़े तीन साल वो सेना में तैनात रहेंगे. चार साल पूरे होने पर अग्निवीरों को स्थायी होने के लिए स्वेच्छा से आवेदन करने का अवसर मिलेगा. योग्यता व जरुरत पर 25 फीसदी तक रेगुलर कैडर के लिए चयनित होंगे. इस दौरान अग्निवीरों को अच्छी सैलरी भी मिलेगी. सेना में चार साल की नौकरी के बाद युवाओं को भविष्य के लिए अन्य अवसर दिए जाएंगे. चार साल की नौकरी के बाद सेवा निधि पैकेज मिलेगा.
ये भी पढ़ेंः अग्निपथ स्कीम से रिटायर्ड जवानों को उत्तराखंड पुलिस भर्ती में मिलेगी प्राथमिकता, CM धामी का ऐलान

उत्तराखंड सरकार देगी प्राथमिकता: उत्तराखंड सरकार ऐसे अग्निवीरों को उत्तराखंड पुलिस आपदा प्रबंधन, चारधाम यात्रा प्रबंधन सहित अनेक सेवाओं में प्राथमिकता प्रदान करेगी. इसके लिए नियम जल्द ही तय किये जाएंगे. अगर कोई अग्निवीर देश सेवा के दौरान शहीद हो जाता है, तो उसके परिजनों को सेवा निधि के तहत एक करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि ब्याज समेत मिलेगी, इसके अलावा बाकी बची नौकरी का भी वेतन दिया जाएगा. वहीं, यदि कोई अग्निवीर दिव्यांग हो जाता है, तो उसे 44 लाख रुपए तक की राशि दी जाएगी, इसके अलावा बाकी बची नौकरी का भी वेतन मिलेगा.

Agnipath अग्निवीरों को उत्तराखंड सरकार देगी नौकरी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि, सेना में भर्ती होने का सपना रखने वाले उत्तराखंड के युवाओं के लिए ये योजना अत्यंत लाभकारी सिद्ध होने वाली है. इस योजना के ऐलान के बाद उनको प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से युवाओं के संदेश मिल रहे हैं जिनमें उन्होंने राष्ट्र सेवा की दिशा में किए गए इस अनुपम प्रयास के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया है. इस योजना को लेकर देश का युवा अत्यंत उत्साहित है.
इसे भी पढ़ें- 'अग्निपथ योजना' के खिलाफ देश के कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन, ट्रेनें जलाईं, पटरियां उखाड़ीं, भाजपा दफ्तर फूंका

युवा मांग रहे जवाब: गौर हो कि बीती 15 जून को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में देश की तीनों सेनाओं में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना का ऐलान किया था, लेकिन घोषणा होते ही ये योजना विवादों में घिर गई है. युवाओं का सबसे बड़ा सवाल केवल चार साल के लिए हो रही भर्ती को लेकर है. दूसरा सवाल चार साल की सेवा के बाद 75 पर्सेंट युवाओं को रिटायर करने को लेकर है. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि इस योजना को तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाना चाहिए और लंबे समय से अटकी सेनाओं में भर्ती रैलियों को आयोजित कराया जाना चाहिए.

क्या है अग्निपथ योजना? दरअसल, केंद्र सरकार ने बीती 14 जून को एक बड़ी महत्वाकांक्षी योजना लॉन्च की. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय युवाओं के लिए सशस्त्र बलों में सेवा के लिए एक आकर्षक भर्ती योजना 'अग्निपथ' (Agnipath) को मंजूरी दी. इसमें अग्निवीर (Agniveer) युवाओं को कम उम्र में सैन्य प्रशिक्षण के साथ-साथ स्वरोजगार के काबिल भी बनाया जाएगा. इस दौरान उन्हें शानदार वेतन भी मिलेगा. पहले साल 46 हजार युवक-युवतियों की भर्ती जाएगी. यहां संख्या हर साल कम या ज्यादा हो सकती है. यह योजना सेना भर्ती रैलियों की जगह लेगी.

अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर बनने के मानदंड? इच्छुक युवक-युवती का भारतीय नागरिक होना जरूरी है. आवेदक की उम्र साढ़े 17 साल से 21 साल के मध्य होना चाहिए. साथ ही आवेदक उम्मीदवार का 10वीं या 12वीं पास होना जरूरी है. जो 10वीं पास होंगे, उन्हें प्रशिक्षण के दौरान कक्षा 12वीं पढ़ाई भी कराई जाएगी. चार साल के कार्यकाल में पहले छह महीने ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके बाद सेना के जवानों के साथ देश सेवा का मौका मिलेगा.

वहीं, अग्निवीरों का चार वर्षीय सेवाकाल खत्म होने के बाद वे इच्छानुसार रेगुलर काडर के लिए आवेदन कर सकेंगे. रेगुलर काडर में कुल अग्निवीरों में से अधिकतम 25 फीसदी को जगह मिलेगी. प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके बाकी 75 फीसदी अग्निवीरों को चार साल की सेवा के बाद घर भेज दिया जाएगा. जिन जवानों को सेवा से मुक्त किया जाएगा, उन्हें स्वरोजगार के काबिल बनाया जाएगा. साथ ही सशस्त्र बलों और अन्य सरकारी सेवाओं की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी. इसके साथ ही अग्निवीर को पूर्व सैनिक कोटे का भी लाभ मिलेगा.
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देहरादून: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को सेना के तीनों प्रमुखों की मौजूदगी में दिल्ली में अग्निपथ योजना का ऐलान किया था. इस घोषणा के बाद से ही देशभर में विरोध प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया है. उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों में भी युवाओं ने जमकर प्रदर्शन किया. वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अग्निपथ योजना को ऐतिहासिक फैसला बताया है.

90 दिनों में होगी 'अग्निपथ' की शुरुआत: सीएम धामी ने कहा कि, प्रधानमंत्री मोदी ने अगले 18 महीने में 10 लाख नौकरियां देने का निर्णय लिया है. इस महाअभियान की शुरुआत 'अग्निपथ' योजना को प्रारम्भ कर की गयी है, जिसके तहत सेना में 'अग्निवीरों' को नियुक्त किया जाएगा. इससे न केवल देश के युवाओं को बड़े स्तर पर रोजगार मिलेगा बल्कि हमारी सेनाएं भी और अधिक युवा व सशक्त होंगी. इस योजना के तहत 17 वर्ष से 21 वर्ष के युवाओं को सेना में भर्ती किया जाएगा और इसकी शुरुआत आने वाले 90 दिनों में हो जाएगी.

सीएम धामी ने कहा कि सेना की 4 साल की नौकरी के बाद जो 75 फीसदी अग्निवीर रिलीव होंगे उत्तराखंड सरकार उन्हें पुलिस, आपदा प्रबंधन और चारधाम प्रबंधन में तैनात करेगी. सीएम धामी ने कहा कि हम किसी को बेरोजगार नहीं रहने देंगे. हम केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का स्वागत करते हैं. हमारे युवाओं को ये चिंता नहीं करनी चाहिए कि सेना में 4 साल तक नौकरी करने के बाद उनका क्या होगा.

अग्निवीरों के लिए सीएम धामी ने बताया प्लान.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ये योजना भारतीय सेना को विश्व की बेहतरीन सेना बनाने की दृष्टि से बेहद ऐतिहासिक फैसला है. इस योजना के जरिए युवाओं के लिए भारतीय सेना के द्वार खुलेंगे. अग्निपथ योजना के माध्यम से भारत की सैन्य ताकत को मजबूती मिलने के साथ ही युवाओं की कौशलता और प्रतिबद्धता में भी खासा सुधार आएगा.

युवाओं को मिलेगी हाई स्किल्ड ट्रेनिंग: अग्निपथ योजना से अग्निवीर तैयार किए जाएंगे और देश के नौजवान आर्म्ड फोर्सेस में जा सकेंगे. उन्हें नई तकनीक से ट्रेंड किया जाएगा और देश को हाई स्किल्ड आर्म्ड फोर्स मिलेगी. चयनित युवाओं को पहले छह महीने का प्रशिक्षण दिया जाएगा, उसके बाद अगले साढ़े तीन साल वो सेना में तैनात रहेंगे. चार साल पूरे होने पर अग्निवीरों को स्थायी होने के लिए स्वेच्छा से आवेदन करने का अवसर मिलेगा. योग्यता व जरुरत पर 25 फीसदी तक रेगुलर कैडर के लिए चयनित होंगे. इस दौरान अग्निवीरों को अच्छी सैलरी भी मिलेगी. सेना में चार साल की नौकरी के बाद युवाओं को भविष्य के लिए अन्य अवसर दिए जाएंगे. चार साल की नौकरी के बाद सेवा निधि पैकेज मिलेगा.
ये भी पढ़ेंः अग्निपथ स्कीम से रिटायर्ड जवानों को उत्तराखंड पुलिस भर्ती में मिलेगी प्राथमिकता, CM धामी का ऐलान

उत्तराखंड सरकार देगी प्राथमिकता: उत्तराखंड सरकार ऐसे अग्निवीरों को उत्तराखंड पुलिस आपदा प्रबंधन, चारधाम यात्रा प्रबंधन सहित अनेक सेवाओं में प्राथमिकता प्रदान करेगी. इसके लिए नियम जल्द ही तय किये जाएंगे. अगर कोई अग्निवीर देश सेवा के दौरान शहीद हो जाता है, तो उसके परिजनों को सेवा निधि के तहत एक करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि ब्याज समेत मिलेगी, इसके अलावा बाकी बची नौकरी का भी वेतन दिया जाएगा. वहीं, यदि कोई अग्निवीर दिव्यांग हो जाता है, तो उसे 44 लाख रुपए तक की राशि दी जाएगी, इसके अलावा बाकी बची नौकरी का भी वेतन मिलेगा.

Agnipath अग्निवीरों को उत्तराखंड सरकार देगी नौकरी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि, सेना में भर्ती होने का सपना रखने वाले उत्तराखंड के युवाओं के लिए ये योजना अत्यंत लाभकारी सिद्ध होने वाली है. इस योजना के ऐलान के बाद उनको प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से युवाओं के संदेश मिल रहे हैं जिनमें उन्होंने राष्ट्र सेवा की दिशा में किए गए इस अनुपम प्रयास के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया है. इस योजना को लेकर देश का युवा अत्यंत उत्साहित है.
इसे भी पढ़ें- 'अग्निपथ योजना' के खिलाफ देश के कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन, ट्रेनें जलाईं, पटरियां उखाड़ीं, भाजपा दफ्तर फूंका

युवा मांग रहे जवाब: गौर हो कि बीती 15 जून को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में देश की तीनों सेनाओं में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना का ऐलान किया था, लेकिन घोषणा होते ही ये योजना विवादों में घिर गई है. युवाओं का सबसे बड़ा सवाल केवल चार साल के लिए हो रही भर्ती को लेकर है. दूसरा सवाल चार साल की सेवा के बाद 75 पर्सेंट युवाओं को रिटायर करने को लेकर है. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि इस योजना को तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाना चाहिए और लंबे समय से अटकी सेनाओं में भर्ती रैलियों को आयोजित कराया जाना चाहिए.

क्या है अग्निपथ योजना? दरअसल, केंद्र सरकार ने बीती 14 जून को एक बड़ी महत्वाकांक्षी योजना लॉन्च की. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय युवाओं के लिए सशस्त्र बलों में सेवा के लिए एक आकर्षक भर्ती योजना 'अग्निपथ' (Agnipath) को मंजूरी दी. इसमें अग्निवीर (Agniveer) युवाओं को कम उम्र में सैन्य प्रशिक्षण के साथ-साथ स्वरोजगार के काबिल भी बनाया जाएगा. इस दौरान उन्हें शानदार वेतन भी मिलेगा. पहले साल 46 हजार युवक-युवतियों की भर्ती जाएगी. यहां संख्या हर साल कम या ज्यादा हो सकती है. यह योजना सेना भर्ती रैलियों की जगह लेगी.

अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर बनने के मानदंड? इच्छुक युवक-युवती का भारतीय नागरिक होना जरूरी है. आवेदक की उम्र साढ़े 17 साल से 21 साल के मध्य होना चाहिए. साथ ही आवेदक उम्मीदवार का 10वीं या 12वीं पास होना जरूरी है. जो 10वीं पास होंगे, उन्हें प्रशिक्षण के दौरान कक्षा 12वीं पढ़ाई भी कराई जाएगी. चार साल के कार्यकाल में पहले छह महीने ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके बाद सेना के जवानों के साथ देश सेवा का मौका मिलेगा.

वहीं, अग्निवीरों का चार वर्षीय सेवाकाल खत्म होने के बाद वे इच्छानुसार रेगुलर काडर के लिए आवेदन कर सकेंगे. रेगुलर काडर में कुल अग्निवीरों में से अधिकतम 25 फीसदी को जगह मिलेगी. प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके बाकी 75 फीसदी अग्निवीरों को चार साल की सेवा के बाद घर भेज दिया जाएगा. जिन जवानों को सेवा से मुक्त किया जाएगा, उन्हें स्वरोजगार के काबिल बनाया जाएगा. साथ ही सशस्त्र बलों और अन्य सरकारी सेवाओं की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी. इसके साथ ही अग्निवीर को पूर्व सैनिक कोटे का भी लाभ मिलेगा.
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Last Updated : Jun 16, 2022, 4:54 PM IST
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