देहरादूनः उत्तराखंड सरकार में मंत्री रहे प्रकाश पंत (Prakash Pant Birth Anniversary) की आज जयंती है. अपनी कार्यशैली और सौम्यता के लिए एक अलग पहचान बना चुके प्रकाश पंत भले ही इस दुनिया में अब नहीं हैं. लेकिन आज भी लोग उन्हें एक कर्मठशील नेता के तौर पर याद करते हैं. प्रकाश पंत की जयंती पर सीएम पुष्कर सिंह धामी समेत कई दिग्गजों ने ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्टीट कर दिवंगत प्रकाश पंत श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने अपने ट्टिटर हैंडल पर लिखा है, 'भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, मृदुभाषी एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री श्री प्रकाश पंत जी की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि.'
पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत ने भी ट्टीट कर लिखा है, 'उत्तराखण्ड के विकास में अपना अविस्मरणीय योगदान देने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता, कुशल राजनीतिज्ञ एवं प्रदेश के भूतपूर्व वित्त मंत्री स्व. श्री प्रकाश पंत जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन.'
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बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने भी उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए लिखा है, 'उत्तराखंड भारतीय जनता पार्टी के मजबूत स्तम्भ, कुशल राजनीतिज्ञ एवं पूर्व मंत्री स्वर्गीय प्रकाश पंत जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन.'
बता दें कि कैबिनेट मंत्री रहे प्रकाश पंत ने बीते 5 जून 2019 को उन्होंने अमेरिका के ह्यूस्टन में अंतिम सांस ली थी. वे लंबे समय से बीमार चल थे. पंत का कुशल व्यवहार और उनका व्यक्तित्व उन्हें पक्ष और विपक्ष से परे करता था. राजनीति में हिंसा, घृणा, द्वेष, प्रतिस्पर्धा जैसी भावनाओं से दूर रहकर पंत ने खुद को अजात शत्रु साबित किया. उस समय पंत उत्तराखंड सरकार में संसदीय कार्य, वित्त और आबकारी जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल रहे थे.
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उत्तराखंड को हड़ताली प्रदेश बनाने में न सिर्फ कर्मचारी बल्कि प्रदेश सरकार भी उतनी ही दोषी है. लेकिन अगर सरकार चाहे तो उत्तराखंड को हड़ताली प्रदेश के तमगे से बाहर निकाल सकती है. ऐसे कई उदाहरण पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के समय में देखने को भी मिले है. बीजेपी सरकार में प्रकाश पंत की भूमिका सरकार और कर्मचारियों के बीच एक संकट मोचन के सरीखे थी. यही वजह थी कि हड़ताल, धरना और विरोध जैसे मुश्किल दौर में प्रकाश पंत ही पहला विकल्प होते थे.