देहरादूनः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सचिवालय में पेयजल विभाग की समीक्षा बैठक ली. बैठक में सीएम धामी ने अधिकारियों को जल स्रोतों के पुनर्जीवन (Revival of water sources in Uttarakhand) की दिशा में ठोस कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए. साथ ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग (Rain Water Harvesting) की दिशा में कार्य करने को कहा.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जिस भी विभाग की ओर से वृक्षारोपण (Plantation) करवाया जाता है, उन वृक्षों के संरक्षण एवं संवर्द्धन की जिम्मेदारी भी संबधित विभागों की होगी. साथ ही नलकूप एवं हैंडपंप भी जिस विभाग या संस्था की ओर से लगाए जा रहे हैं, उनके मेंटिनेंस के लिए उनकी जिम्मेदारी भी तय की जाए.
उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है. जल जीवन मिशन के कार्यों में और तेजी लाई जाए. उन्होंने कहा कि जल संचय की दिशा में सबको मिलकर प्रयास करने होंगे, इसमें जन सहयोग भी जरूरी है. जल जीवन मिशन के तहत जिन घरों में नल लग चुका है, उनमें शुद्ध गुणवत्ता युक्त पेयजल सुनिश्चित किया जाए.
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हर जिले को मिलेंगे दो-दो टैंकरः हर घर नल, हर घर जल पहुंचाने के लिए अभियान चलाया जाए. पेयजल की उपलब्धता के लिए जो व्यावहारिक दिक्कतें आ रही हैं, उनका शीघ्रता से समाधान किया जाए. ग्रीष्मकाल में किसी भी जिले में पेयजल की कमी न हो, इसके लिए उपलब्ध साधनों के साथ ही जल्द ही प्रत्येक जिले को दो-दो वाटर टैंकर उपलब्ध कराए जाएं. पेयजल, स्वास्थ्य एवं शिक्षा सभी की प्राथमिकताओं में है.
चारधाम यात्रा मार्गों पर 500 वाटर एटीएमः सीएम धामी ने कहा कि आगामी चारधाम यात्रा के दृष्टिगत जलापूर्ति के लिए सुनियोजित व्यवस्था की जाए. चारधाम यात्रा मार्गों पर उच्च गुणवत्ता के 500 वाटर एटीएम (water ATM on Chardham Yatra routes) लगाए जाएं. वाटर एटीएम के साथ पानी की गुणवत्ता को भी डिस्प्ले किया जाए. चारधाम यात्रा आस्था का प्रतीक है. देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु देवभूमि उत्तराखंड आते हैं, श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना हमारी जिम्मेदारी है. यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि यात्रा मार्गों पर सुलभ शौचालयों में पर्याप्त पानी की उपलब्धता रहे.
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जल जीवन मिशन के तहत उत्तराखंड में अब हुए कामः पेयजल सचिव नितेश कुमार झा ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत उत्तराखंड में तेजी से कार्य हो रहा है. जल जीवन मिशन के तहत कार्य प्रगति में उत्तराखंड देश में छठवें स्थान पर है. स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को शत प्रतिशत कवर कर लिया गया है. जल जीवन मिशन ग्रामीण के तहत राज्य के 62 प्रतिशत कनेक्शन दिए जा चुके हैं. दिसंबर 2023 तक इसे शत प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है.
नाबार्ड फंड की 280 योजनाओं में से 244 पूरी हो चुकी हैं, बाकी 36 योजनाएं इस साल पूरी हो जाएंगी. नमामि गंगे की 23 योजनाओं में से 19 पूरी हो चुकी हैं, जबकि 4 पर कार्य प्रगति पर है. पिछले 5 सालों में मुख्यमंत्री घोषणाओं के तहत 336 घोषणाओं में से 293 के शासनादेश हो चुके हैं. जिसमें से 133 पूरी हो चुकी हैं. जबकि, 160 पर पर कार्य प्रगति पर है.
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