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लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई करने वाली CM हेल्पलाइन में ही लापरवाही, शिकायतें हो रहीं नजरअंदाज

उत्तराखंड में अधिकारियों की एक और लापरवाही सामने आई है. अधिकारी सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट पर भी गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं.

सीएम हेल्पलाइन में शिकायतें हो रहीं नजरअंदाज
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Published : Nov 22, 2019, 3:17 PM IST

ऋषिकेश: अधिकारियों की लापरवाही की शिकायत के लिए सीएम हेल्पलाइन की शुरूआत हुई. इस हेल्पलाइन का मकसद लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई करना था, लेकिन अब इसी हेल्पलाइन में अधिकारी लापरवाही कर रहे हैं. यहां आने वाली शिकायतों पर न तो गंभीरता दिखाई जा रही है और न ही उस पर कार्रवाई की जा रही है.

समाजसेवी अनिल गुप्ता ने अधिकारियों की हिला हवाली के चलते कई ऐसे मामलों की शिकायत सीएम हेल्पलाइन में की, जिस पर अधिकारियों ने कोई भी कार्रवाई नहीं की. शिकायतों का दौर लगातार जारी रहा और अनिल गुप्ता ने लगभग 170 शिकायतें ऐसी कीं, जिस पर कार्रवाई की उम्मीद थी, लेकिन अधिकारियों की लापरवाह कार्यशैली तब सामने आई जब सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करने के बाद भी उस पर कोई भी संज्ञान नहीं लिया गया. यहां तक की शिकायतों को नजरअंदाज करने के लिए सिर्फ टालमटोल ही की गई. अनिल गुप्ता सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करने के बाद काफी निराश हैं.

सीएम हेल्पलाइन में शिकायतें हो रहीं नजरअंदाज

यह भी पढ़ें-कॉर्बेट पार्क की फर्जी वेबसाइट पर प्रशासन सख्त, पर्यटकों से हो रही थी धोखाधड़ी

अनिल गुप्ता ने बताया कि उन्होंने अभी तक सीएम हेल्पलाइन में 170 शिकायतें की, जिसमें की सिर्फ 10 शिकायतों पर ही संज्ञान लिया गया, बाकी की बची 160 शिकायतें आज भी पेंडिंग हैं. उन्होंने कहा कि उनके द्वारा की गई शिकायतें अतिक्रमण के साथ-साथ जनसमस्याओं की हैं, लेकिन अधिकारी सिर्फ शिकायतों को ऊपर से नीचे तक घुमाने के अलावा कुछ नहीं करते. उन्होंने कहा कि यह सब अधिकारियों की मिलीभगत है जो विभागों के अधिकारियों को बचाने का प्रयास करते हैं.

ऋषिकेश: अधिकारियों की लापरवाही की शिकायत के लिए सीएम हेल्पलाइन की शुरूआत हुई. इस हेल्पलाइन का मकसद लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई करना था, लेकिन अब इसी हेल्पलाइन में अधिकारी लापरवाही कर रहे हैं. यहां आने वाली शिकायतों पर न तो गंभीरता दिखाई जा रही है और न ही उस पर कार्रवाई की जा रही है.

समाजसेवी अनिल गुप्ता ने अधिकारियों की हिला हवाली के चलते कई ऐसे मामलों की शिकायत सीएम हेल्पलाइन में की, जिस पर अधिकारियों ने कोई भी कार्रवाई नहीं की. शिकायतों का दौर लगातार जारी रहा और अनिल गुप्ता ने लगभग 170 शिकायतें ऐसी कीं, जिस पर कार्रवाई की उम्मीद थी, लेकिन अधिकारियों की लापरवाह कार्यशैली तब सामने आई जब सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करने के बाद भी उस पर कोई भी संज्ञान नहीं लिया गया. यहां तक की शिकायतों को नजरअंदाज करने के लिए सिर्फ टालमटोल ही की गई. अनिल गुप्ता सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करने के बाद काफी निराश हैं.

सीएम हेल्पलाइन में शिकायतें हो रहीं नजरअंदाज

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अनिल गुप्ता ने बताया कि उन्होंने अभी तक सीएम हेल्पलाइन में 170 शिकायतें की, जिसमें की सिर्फ 10 शिकायतों पर ही संज्ञान लिया गया, बाकी की बची 160 शिकायतें आज भी पेंडिंग हैं. उन्होंने कहा कि उनके द्वारा की गई शिकायतें अतिक्रमण के साथ-साथ जनसमस्याओं की हैं, लेकिन अधिकारी सिर्फ शिकायतों को ऊपर से नीचे तक घुमाने के अलावा कुछ नहीं करते. उन्होंने कहा कि यह सब अधिकारियों की मिलीभगत है जो विभागों के अधिकारियों को बचाने का प्रयास करते हैं.

Intro:Exclusive

ऋषिकेश-- समय पर गैर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही ना होने के चलते उत्तराखंड मुख्यमंत्री के द्वारा सीएम हेल्पलाइन की शुरुआत की गई ताकि लगातार जल्द से जल्द समस्याओं का समाधान हो सके लेकिन यहां भी अधिकारियों की लापरवाही साफ देखी जा सकती है अधिकारी कोई भी कार्यवाही नहीं कर रहे हैं।


Body:वी/ओ-- ऋषिकेश के रहने वाले समाजसेवी अनिल गुप्ता ने अधिकारियों की हिला हवाली के चलते कई ऐसे मामलों की शिकायत सीएम हेल्पलाइन में की जिस पर अधिकारी कोई भी कार्यवाही नहीं कर रहे थे शिकायतों का दौर लगातार जारी रहा और अनिल गुप्ता ने लगभग 170 शिकायतें ऐसी कि जिस पर कार्यवाही की उम्मीद थी लेकिन अधिकारियों की कार्यशैली वहां सामने आई जहां सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करने के बाद भी उस पर कोई भी संज्ञान नहीं लिया गया यहां तक कि शिकायतों को नजरअंदाज करने के लिए सिर्फ टालमटोल ही की गई आज अनिल गुप्ता सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करने के बाद काफी निराश है।


Conclusion:वी/ओ-- अनिल गुप्ता ने बताया कि उन्होंने अभी तक सीएम हेल्पलाइन में 170 शिकायतें की जिसमें की सिर्फ 10 शिकायतों पर ही संज्ञान लिया गया बाकी की बच्ची 160 शिकायतें आज भी पेंडिंग है उन्होंने कहा कि उनके द्वारा की गई शिकायतें अतिक्रमण के साथ-साथ जनसमस्याओं की है लेकिन अधिकारी सिर्फ शिकायतों को ऊपर से नीचे तक घुमाने के अलावा संबंधित विभाग के अधिकारियों पर कोई भी कार्यवाही नहीं करते अब इससे साफ जाहिर होता है कि यह सब अधिकारियों की मिलीभगत है जो विभागों के अधिकारियों को बचाने का प्रयास करते हैं, अब देखने वाली बात यह होगी कि मुख्यमंत्री ने जिन अधिकारों के जिम में सीएम हेल्पलाइन को सौंपा है वे लोग इस पर कार्यवाही नहीं कर रहे हैं तो उन पर क्या कार्यवाही होती है।

बाईट--अनिल गुप्ता(समाज सेवी)
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