देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर धामी तीन दिवसीय दौरे पर लखनऊ पहुंचे हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने 90 के दशक में अपनी छात्र राजनीति की शुरुआत लखनऊ विश्वविद्यालय से की थी. सीएम धामी लखनऊ विवि में छात्रसंघ का चुनाव कभी नहीं जीत सके, लेकिन उनकी किस्मत ने ऐसी करवट ली कि इसके बाद अपने साथ के अनेक छात्र नेताओं को पीछे छोड़ते हुए उत्तराखंड की सर्वोच्च कुर्सी पर विराजमान हो गए हैं. मुख्यमंत्री बनने के करीब 5 महीने बाद पुष्कर धामी पहली बार यूपी की राजधानी लखनऊ पहुंचे. यहां बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनका ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत किया. इस दौरान सीएम धामी ने यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित से मुलाकात की है.
इस दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी ने यूपी की राज्यपाल को स्मृति चिन्ह के रूप में केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति तथा रुद्राक्ष का पौधा उपहार स्वरूप भेंट किया. साथ ही यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी मुख्यमंत्री शॉल और दो पुस्तकें ‘लोकहित के मुखर स्वर’ तथा ‘वो मुझे हमेशा याद रहेंगे’ भेंट किया. इसके साथ ही सीएम पुष्कर सिंह धामी राजधानी लखनऊ के हनुमान सेतु पहुंचे. उन्होंने वहां पर बजरंगबली की मूर्ति को अंग वस्त्र भेंट किए, साथ ही उन्होंने शिवलिंग का दुग्धाभिषेक भी किया.
सीएम धामी लखनऊ में उत्तराखंड महोत्सव के समापन समारोह में शामिल होंगे. साथ ही संगठन के पदाधिकारियों के साथ मुलाकात करेंगे. यहां आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा होने की उम्मीद है.
इस हॉस्टल में रहते थे सीएम धामी: पुष्कर धामी लखनऊ विश्वविद्यालय के आचार्य नरेंद्र देव छात्रावास में रहा करते थे और 90 के दशक में वे लखनऊ विश्वविद्यालय के तेजतर्रार छात्र नेता माने जाते थे. उनके साथ के बृजेश पाठक, दयाशंकर सिंह, रमेश श्रीवास्तव, अरुण कांत त्रिपाठी और ऐसे ही कई और नेता हैं, जो कि उस वक्त विद्यार्थी परिषद में हुआ करते थे. वो उत्तर प्रदेश की राजनीति में अहम भूमिका निभा रहे हैं, मगर उन सब को वह मुकाम नहीं मिल सका जो पुष्कर सिंह धामी को मिला.
पुष्कर सिंह धामी ने लखनऊ विश्वविद्यालय में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, उत्तराखंड में जाकर भारतीय जनता पार्टी का झंडा बुलंद करना शुरू किया. वे बाद में खटीमा से विधायक बने और विधायक बनने के बाद उनको उत्तराखंड में लगातार हो रहे नेतृत्व परिवर्तनों के दौर में युवा चेहरे के तौर पर केंद्रीय नेतृत्व ने मुख्यमंत्री चुना गया.
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लखनऊ में उत्तराखंड के लोगों की ओर से होने वाले सबसे बड़े आयोजन उत्तराखंड महोत्सव के मुख्य अतिथि होंगे. इसके बाद वो शुक्रवार को भी कई अहम कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे. वो भाजपा संगठन के पदाधिकारियों से मुलाकात करेंगे और इसके साथ ही उनकी मुलाकात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी होने की संभावना है.