ETV Bharat / state

देहारादून: सिटी बस चालकों ने जताई नाराजगी, हेल्थ बीमा की मांग

प्रदेश में वापस आए लोगों को पहाड़ों की ओर भेजने से पहले बस चालकों का लाइसेंस हिल एंडोर्समेंट चेक नहीं किया गया.

dehradun
यात्री
author img

By

Published : May 4, 2020, 5:24 PM IST

Updated : May 25, 2020, 3:06 PM IST

देहरादून: परिवहन विभाग की तरफ से बहुत बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है. उत्तराखंड में वापस आए लोगों को पहाड़ों में भेजने की व्यवस्थाएं की गई थी. इससे पहले देहरादून सिटी बसों के ड्राइवर और कंडक्टरों की स्क्रीनिंग नहीं की गई, और ना ही सिटी बसों को सैनिटाइज किया गया. वहीं, बस सेवा महासंघ के अध्यक्ष विजयवर्धन डंडरियाल का कहना है कि बसों में पहाड़ों की ओर गए यात्रियों को कोरोना से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं करवाया गया.

यूनियन के अध्यक्ष का कहना है कि प्रदेश में वापस आए लोगों को पहाड़ों की ओर भेजने से पहले बस चालकों का लाइसेंस हिल एंडोर्समेंट चेक नहीं किया गया. बसों में बैठी सवारियों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कराया गया. उन्होंने कहा कि अधिकतर ड्राइवर रात भर ड्यूटी कर रहे हैं. ऐसे में 24 घंटे सिटी बस के चालक अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं. जिस कारण उन्हें आराम करने का मौका नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में अगर कोई दुर्घटना घट गई तो उसका जिम्मेदार कौन होगा? उन्होंने ड्राइवर और कंडक्टर का हेल्थ बीमा कराए जाने की अपील भी की है.

पढ़ें: छूट मिलते ही कोरोना को भूल गये लोग, सोशल डिस्टेंसिंग का ज्ञान हुआ फेल

यूनियन के अध्यक्ष का कहना है कि कुछ बसें वापसी के लिए गोचर में खड़ी हैं. कुछ बसें अल्मोड़ा में वापसी करने को तैयार हैं. उन बसों में डीजल भरवाने के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में वहां पर कोई अधिकारी यह बताने को तैयार नहीं है कि इन बसों मे आखिर कौन डीजल भरवाएगा? दरअसल, लॉकडाउन में फंसे लोगों को बसों के जरिए पहाड़ों में गंतव्य की ओर भेजा जा रहा है. इसी क्रम में यात्रियों को भेजने के लिए 40 से 50 सिटी बसें इस काम में लगी हुई हैं. ऐसे में सिटी बस संचालकों ने अव्यवस्थाओं पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है.

देहरादून: परिवहन विभाग की तरफ से बहुत बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है. उत्तराखंड में वापस आए लोगों को पहाड़ों में भेजने की व्यवस्थाएं की गई थी. इससे पहले देहरादून सिटी बसों के ड्राइवर और कंडक्टरों की स्क्रीनिंग नहीं की गई, और ना ही सिटी बसों को सैनिटाइज किया गया. वहीं, बस सेवा महासंघ के अध्यक्ष विजयवर्धन डंडरियाल का कहना है कि बसों में पहाड़ों की ओर गए यात्रियों को कोरोना से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं करवाया गया.

यूनियन के अध्यक्ष का कहना है कि प्रदेश में वापस आए लोगों को पहाड़ों की ओर भेजने से पहले बस चालकों का लाइसेंस हिल एंडोर्समेंट चेक नहीं किया गया. बसों में बैठी सवारियों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कराया गया. उन्होंने कहा कि अधिकतर ड्राइवर रात भर ड्यूटी कर रहे हैं. ऐसे में 24 घंटे सिटी बस के चालक अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं. जिस कारण उन्हें आराम करने का मौका नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में अगर कोई दुर्घटना घट गई तो उसका जिम्मेदार कौन होगा? उन्होंने ड्राइवर और कंडक्टर का हेल्थ बीमा कराए जाने की अपील भी की है.

पढ़ें: छूट मिलते ही कोरोना को भूल गये लोग, सोशल डिस्टेंसिंग का ज्ञान हुआ फेल

यूनियन के अध्यक्ष का कहना है कि कुछ बसें वापसी के लिए गोचर में खड़ी हैं. कुछ बसें अल्मोड़ा में वापसी करने को तैयार हैं. उन बसों में डीजल भरवाने के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में वहां पर कोई अधिकारी यह बताने को तैयार नहीं है कि इन बसों मे आखिर कौन डीजल भरवाएगा? दरअसल, लॉकडाउन में फंसे लोगों को बसों के जरिए पहाड़ों में गंतव्य की ओर भेजा जा रहा है. इसी क्रम में यात्रियों को भेजने के लिए 40 से 50 सिटी बसें इस काम में लगी हुई हैं. ऐसे में सिटी बस संचालकों ने अव्यवस्थाओं पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है.

Last Updated : May 25, 2020, 3:06 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.