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ऋषिकेश में गर्भ में हो गई शिशु की मौत, सरकारी अस्पताल पर लापरवाही का आरोप

ऋषिकेश के एसपीएस राजकीय अस्पताल में चिकित्सकीय लापरवाही से प्रसूता के गर्भ में ही बच्चे की मौत हो गई. महिला के देवर ने अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाते हुए जल्द से जल्द मामले में कार्रवाई करने की मांग की है.

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Published : Dec 12, 2020, 2:32 PM IST

ऋषिकेश: वीरभद्र रोड निवासी युवा कांग्रेस नेता हरि राम ने ऋषिकेश के सरकारी अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका आरोप है कि अस्पताल की लापरवाही के कारण उनकी भाभी के गर्भ में ही बच्चे की मौत हो गई.

complaint letter.
शिकायत पत्र.

हरि राम ने बताया है कि उनके भाई जय सिंह की पत्नी का इलाज बीते 16 अप्रैल से एसपीएस राजकीय चिकित्सालय में चल रहा था. हाल ही में उनकी भाभी को अचानक अत्याधिक दर्द होने लगा. जिसके बाद उन्हें सरकारी अस्पताल ले गए.

पढ़ें- राज्यमंत्री रेखा आर्य कोरोना पॉजिटिव, हुईं होम आइसोलेट

इलाज के दौरान अचानक महिला रोग विशेषज्ञ ने बताया कि अस्पताल में स्टाफ और आवश्यक वस्तुओं की कमी के चलते महिला को एम्स रेफर करना होगा. जिसके बाद महिला को एम्स ले गए लेकिन, अस्पताल पहुंचने पर पता चला कि बच्चे की गर्भ में ही मौत हो चुकी थी. उन्होंने कहा कि अस्पताल की लापरवाही के कारण 6 साल बाद उनके घर में बच्चे की किलकारियों के जगह मातम पसर गया है.

वहीं, शिकायत का संज्ञान लेते हुए आयोग की अध्यक्ष के निजी सचिव ने देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने विभाग को 15 दिन के भीतर कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश भी दिया है.

ऋषिकेश: वीरभद्र रोड निवासी युवा कांग्रेस नेता हरि राम ने ऋषिकेश के सरकारी अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका आरोप है कि अस्पताल की लापरवाही के कारण उनकी भाभी के गर्भ में ही बच्चे की मौत हो गई.

complaint letter.
शिकायत पत्र.

हरि राम ने बताया है कि उनके भाई जय सिंह की पत्नी का इलाज बीते 16 अप्रैल से एसपीएस राजकीय चिकित्सालय में चल रहा था. हाल ही में उनकी भाभी को अचानक अत्याधिक दर्द होने लगा. जिसके बाद उन्हें सरकारी अस्पताल ले गए.

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इलाज के दौरान अचानक महिला रोग विशेषज्ञ ने बताया कि अस्पताल में स्टाफ और आवश्यक वस्तुओं की कमी के चलते महिला को एम्स रेफर करना होगा. जिसके बाद महिला को एम्स ले गए लेकिन, अस्पताल पहुंचने पर पता चला कि बच्चे की गर्भ में ही मौत हो चुकी थी. उन्होंने कहा कि अस्पताल की लापरवाही के कारण 6 साल बाद उनके घर में बच्चे की किलकारियों के जगह मातम पसर गया है.

वहीं, शिकायत का संज्ञान लेते हुए आयोग की अध्यक्ष के निजी सचिव ने देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने विभाग को 15 दिन के भीतर कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश भी दिया है.

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