देहरादून: हरिद्वार कांवड़ यात्रा (haridwar kanwar yatra) को लेकर अभी भी सस्पेंस बरकार है. यूपी सरकार कांवड़ यात्रा को लेकर मंजूरी दे चुकी है. वहीं, उत्तराखंड सरकार के पहले कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी थी, लेकिन यूपी सरकार के फैसले के बाद उत्तराखंड सरकार भी कांवड़ यात्रा शुरू करने पर विचार कर रही है. ऐसे में अभी कांवड़ यात्रा को लेकर संशय बना हुआ है. हालांकि इस बारे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (pushkar singh dhami) का कहना है कि श्रद्धालुओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए ही कांवड़ यात्रा पर फैसला लिया जाएगा.
कांवड़ यात्रा को लेकर गुरुवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM pushkar singh dhami) ने अधिकारियों के साथ बैठक भी की. बैठक के बाद भी सरकार कांवड़ यात्रा को लेकर किसी निर्णय पर नहीं पहुंच पाई है. वहीं कांवड़ यात्रा को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM dhami statement on kanwar yatra) से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वे दो बार यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से बात कर चुके हैं. कांवड़ यात्रा में यूपी के साथ हरियाणा भी शामिल है. कांवड़ यात्रा में सीधे-सीधे तीन राज्य शामिल हैं.
पढ़ें- मुकद्दर का सिकंदर: धामी बोले- डिप्टी CM के लिए की थी भागदौड़, बन गया सीएम
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार किसी भी तरह के श्रद्धालुओं की श्रद्धा को कम नहीं होने देंगे, लेकिन इसी के साथ कोरोना गाइडलाइन का भी ध्यान रखना पड़ेगा. दोनों चीजों के बीच में से रास्ते निकालने का प्रयास किया जा रहा है.
बता दें कि, हरिद्वार कुंभ-2021 को लेकर जिस तरह से भारत और उत्तराखंड की देश-दुनिया में फजीहत हुई है. उससे सबक लेकर नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जल्दबाजी में कांवड़ मेले को लेकर कोई भी निर्णय नहीं लेना चाहते हैं. लगभग 3 घंटे की बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने यह साफ कर दिया है.
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि यह निर्णय बेहद सोच समझकर लेना होगा, लिहाजा अधिकारियों से बात करने के बाद यह फैसला लिया गया है कि अभी दिल्ली हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकारों और वहां के अधिकारियों से बातचीत करना होगा. जिसके बाद ही कांवड़ यात्रा पर निर्णय हो पाएगा.
बता दें कि लगभग 1 हफ्ते पहले हुई पुलिस अधिकारियों की इंटरेस्टेट बैठक में निर्णय लिया गया था कि पूरी तरह से कांवड़ मेला प्रतिबंध रहेगा. लिहाजा जिस भी स्टेट के लोग उत्तराखंड में आना चाहते हैं वह टैंकरों के माध्यमों से गंगाजल ले जा सकते हैं, क्योंकि मौजूदा हालात कांवड़ मेले की परमिशन नहीं देते हैं.
वहीं ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने बुधवार को जो घोषणा की थी कि प्रदेश की जनता को 100 यूनिट तक बिजली मुफ्त में दी जाएगी, उसको लेकर जब मुख्यमंत्री धामी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ये प्रस्ताव अभी कैबिनेट में नहीं आया है. ये प्रस्ताव कैबिनेट में आएगा तो विचार किया जाएगा. निश्चित रूप से जनता के लिए जो भी अच्छा हो सकता वो सरकार करेगी.