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उत्तराखंड में मिनिस्ट्रियल कर्मियों की मांग हुई पूरी, इस पद को मिला राजपत्रित अधिकारी का दर्जा

Ministerial Employees Demand in Uttarakhand उत्तराखंड में मिनिस्ट्रियल कर्मियों की लंबे समय से चली आ रही मांग को आखिरकार सरकार ने मान लिया है. खास बात ये है कि इसको लेकर पहले भी सहमति हो गई थी, लेकिन अब शासन स्तर पर इसके लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं. जारी आदेश के अनुसार, अब मुख्य प्रशासनिक अधिकारी को राजपत्रित अधिकारी का दर्जा दिया जाएगा.

Uttarakhand Secretariat
उत्तराखंड सचिवालय
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 13, 2023, 5:57 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में अब मुख्य प्रशासनिक अधिकारी पद को राजपत्रित अधिकारी का दर्जा दे दिया गया है. राज्यपाल की स्वीकृति के बाद सचिव कार्मिक शैलेश बगोली ने इस संदर्भ में आदेश भी जारी कर दिया है. वहीं, गजट नोटिफिकेशन जारी होने के बाद मिनिस्ट्रियल संवर्ग के 'मुख्य प्रशासनिक अधिकारी' पद को राजपत्रित अधिकारी का दर्जा मिल गया है.

  • राज्य सरकार ने मिनिस्टीरियल संवर्ग के 'मुख्य प्रशासनिक अधिकारी' पद को राजपत्रित अधिकारी की प्रतिष्ठा प्रदान की है। मिनिस्ट्रीयल संवर्ग के द्वारा लंबे समय से यह मांग की जा रही थी, जिस पर मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami ने व्यवस्था में शीघ्र बदलाव किए जाने का आश्वासन दिया था।

    — CM Office Uttarakhand (@ukcmo) December 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दरअसल, उत्तराखंड में मिनिस्ट्रियल कर्मियों की तमाम मांगों के साथ ही एक मांग यह भी थी कि मिनिस्टर संवर्ग में मुख्य प्रशासनिक अधिकारी पद को राजपत्रित अधिकारी का दर्जा दिया जाए. इस मामले को लेकर लंबे समय से मिनिस्टर कर्मियों की कई दौर की बातचीत भी उच्चाधिकारियों के साथ हुई थी. अच्छी बात ये है कि अब इस मांग को शासन ने पूरा कर दिया है और मुख्य प्रशासनिक अधिकारी अब राजपत्रित अधिकारी के दर्जे में शामिल हो गया है.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में हिल अलाउंस पर मौज काट रहे मैदानी अफसर, सचिवालय में बैठे अधिकारी भी भत्ते के हकदार

बताया जा रहा है कि इस नए आदेश के बाद अब विभिन्न विभागों में जितने भी मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के पद हैं, उन सभी को इसका लाभ मिल सकेगा. हालांकि, इस आदेश से राज्य पर किसी भी तरह का वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा, लेकिन राजपत्रित अधिकारी के रूप में जो लाभ दिए जाते हैं, वो लाभ अब मुख्य प्रशासनिक अधिकारी पद के अफसर को मिल सकेगा.

वहीं, शासन की ओर से जारी आदेश में उत्तरांचल फेडरेशन ऑफ मिनिस्ट्रियल सर्विसेज एसोसिएशन की मांग के अनुसार राज्य सरकार ने मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदोन्नति के लिए पात्रता अवधि 25 वर्ष के स्थान पर 22 वर्ष करने का भी गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इससे पहले मिनिस्ट्रीयल संवर्ग की मांग पर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने व्यवस्था में जल्द बदलाव करने का आश्वासन दिया था.

देहरादूनः उत्तराखंड में अब मुख्य प्रशासनिक अधिकारी पद को राजपत्रित अधिकारी का दर्जा दे दिया गया है. राज्यपाल की स्वीकृति के बाद सचिव कार्मिक शैलेश बगोली ने इस संदर्भ में आदेश भी जारी कर दिया है. वहीं, गजट नोटिफिकेशन जारी होने के बाद मिनिस्ट्रियल संवर्ग के 'मुख्य प्रशासनिक अधिकारी' पद को राजपत्रित अधिकारी का दर्जा मिल गया है.

  • राज्य सरकार ने मिनिस्टीरियल संवर्ग के 'मुख्य प्रशासनिक अधिकारी' पद को राजपत्रित अधिकारी की प्रतिष्ठा प्रदान की है। मिनिस्ट्रीयल संवर्ग के द्वारा लंबे समय से यह मांग की जा रही थी, जिस पर मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami ने व्यवस्था में शीघ्र बदलाव किए जाने का आश्वासन दिया था।

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दरअसल, उत्तराखंड में मिनिस्ट्रियल कर्मियों की तमाम मांगों के साथ ही एक मांग यह भी थी कि मिनिस्टर संवर्ग में मुख्य प्रशासनिक अधिकारी पद को राजपत्रित अधिकारी का दर्जा दिया जाए. इस मामले को लेकर लंबे समय से मिनिस्टर कर्मियों की कई दौर की बातचीत भी उच्चाधिकारियों के साथ हुई थी. अच्छी बात ये है कि अब इस मांग को शासन ने पूरा कर दिया है और मुख्य प्रशासनिक अधिकारी अब राजपत्रित अधिकारी के दर्जे में शामिल हो गया है.
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बताया जा रहा है कि इस नए आदेश के बाद अब विभिन्न विभागों में जितने भी मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के पद हैं, उन सभी को इसका लाभ मिल सकेगा. हालांकि, इस आदेश से राज्य पर किसी भी तरह का वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा, लेकिन राजपत्रित अधिकारी के रूप में जो लाभ दिए जाते हैं, वो लाभ अब मुख्य प्रशासनिक अधिकारी पद के अफसर को मिल सकेगा.

वहीं, शासन की ओर से जारी आदेश में उत्तरांचल फेडरेशन ऑफ मिनिस्ट्रियल सर्विसेज एसोसिएशन की मांग के अनुसार राज्य सरकार ने मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदोन्नति के लिए पात्रता अवधि 25 वर्ष के स्थान पर 22 वर्ष करने का भी गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इससे पहले मिनिस्ट्रीयल संवर्ग की मांग पर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने व्यवस्था में जल्द बदलाव करने का आश्वासन दिया था.

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