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ATM गार्ड की नौकरी दिलाने के नाम पर 9.60 लाख की ठगी, एक गिरफ्तार

उत्तराखंड एसटीएफ ने ऑनलाइन नौकरी तलाश कर रहे युवाओं और बेरोजगारों से धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. गिरोह के एक सदस्य को भी दबोचा है, जबकि एक फरार होने में कामयाब रहा.

dehradun cyber crime
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Published : Jul 6, 2021, 6:39 PM IST

Updated : Jul 6, 2021, 7:40 PM IST

देहरादून: प्रदेश में साइबर अपराध लगातार बढ़ता जा रहा है. उत्तराखंड एसटीएफ ने एटीएम गार्ड की नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए एक सदस्य को गिरफ्तार किया है. कार्रवाई में गिरोह का सदस्य अविनाश मौके से फरार होने में कामयाब रहा, जिसकी तलाश जारी है. गिरफ्त में आए आरोपी का नाम आशुतोष कुमार पांडे है, जो यूपी के गोरखपुर का रहने वाला है.

देहरादून साइबर क्राइम पुलिस के मुताबिक देहरादून निवासी कलम सिंह ने शिकायत दर्ज कराई गई थी कि उन्होंने नौकरी के लिए ऑनलाइन वेबसाइट में आवेदन किया था. कुछ दिन बाद एक अज्ञात कॉलेज द्वारा एटीएम गार्ड की नौकरी लगाने की बात कहकर रजिस्ट्रेशन शुल्क के रूप में लगभग ₹9.60 लाख अलग-अलग बैंकों खातों में जमा कराकर धोखाधड़ी के तहत हड़प लिए गए.

आरोपी आशुतोष कुमार पांडे गिरफ्तार.

साइबर पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की तो पता चला कि ठगी में इस्तेमाल मोबाइल नंबर दिल्ली और उत्तर प्रदेश से पाए गए, साथ ही धोखाधड़ी की रकम दिल्ली, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, देवरिया के बैंक खातों में ट्रांसफर करने की जानकारी सामने आई. इतना ही नहीं जब अलग-अलग बैंक खातों के स्टेटमेंट में पता चला कि इन बैंक खातों से अन्य बैंक खातों में लाखों की रकम स्थानांतरित की गई है. इसी जांच के आधार पर एसटीएफ और साइबर पुलिस की संयुक्त टीम उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, देवरिया जैसे स्थानों में गिरफ्तारी के लिए भेजी गई थी.

फर्जी कम्पनी के नाम पर बैंक अकाउंट

आरोपी आशुतोष कुमार पांडे से पूछताछ में पता चला कि बेरोजगारों को नौकरी दिलाने के नाम पर झांसा देकर रजिस्ट्रेशन और अन्य शुल्क के नाम पर अलग-अलग बैंक खातों में धनराशि जमा कराई जाती है. एक वर्ष पहले 'स्टार सर्विस कंपनी' के नाम से संदिग्ध बैंक अकाउंट में एक करोड़ 10 लाख की रकम ट्रांजैक्शन हो चुकी है. ऐसे में देहरादून साइबर क्राइम पुलिस की तकनीकी टीम ने फिलहाल तीन लाख की धनराशि इस बैंक खाते से फ्रीज कराई गई है.

पढ़ें- पौड़ी जनपद के 5 CM जिनका कार्यकाल रहा अधूरा, जानिए क्यों

अपराध का तरीका

पता चला है कि यह लोग ऑनलाइन नौकरी की तलाश करने वाले बेरोजगार व जरूरतमंदों को पहले ट्रेस करते हैं. फिर उनसे संपर्क कर उनकी नौकरी लगाने के नाम पर रजिस्ट्रेशन शुल्क के नाम पर अलग-अलग बैंक खातों में धनराशि डलवाकर धोखाधड़ी करते हैं. अभी तक दिल्ली उत्तर प्रदेश जैसे स्थानों के लोगों की फर्जी आईडी का इस्तेमाल कर मोबाइल सिम और बैंक खाता खोल कर धनराशि प्राप्त करते हैं. एक जगह वारदात को अंजाम देने के बाद यह उस सिम नंबर को नष्ट कर देते हैं.

उत्तराखंड पुलिस का हेल्पलाइन नंबर

उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने साइबर संबंधी शिकायत या सुझाव के लिए 0135-2655900 नंबर जारी किया है. जिस पर अपनी शिकायत या फिर सुझाव दे सकते हैं. इसके साथ ही ccps.deh@uttarakhandpolice.uk.gov.in पर ईमेल भी कर सकते हैं. यही नहीं, फेसबुक के माध्यम से भी https://www.facebook.com/cyberthanauttarakhand/ संपर्क कर सकते हैं.

देहरादून: प्रदेश में साइबर अपराध लगातार बढ़ता जा रहा है. उत्तराखंड एसटीएफ ने एटीएम गार्ड की नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए एक सदस्य को गिरफ्तार किया है. कार्रवाई में गिरोह का सदस्य अविनाश मौके से फरार होने में कामयाब रहा, जिसकी तलाश जारी है. गिरफ्त में आए आरोपी का नाम आशुतोष कुमार पांडे है, जो यूपी के गोरखपुर का रहने वाला है.

देहरादून साइबर क्राइम पुलिस के मुताबिक देहरादून निवासी कलम सिंह ने शिकायत दर्ज कराई गई थी कि उन्होंने नौकरी के लिए ऑनलाइन वेबसाइट में आवेदन किया था. कुछ दिन बाद एक अज्ञात कॉलेज द्वारा एटीएम गार्ड की नौकरी लगाने की बात कहकर रजिस्ट्रेशन शुल्क के रूप में लगभग ₹9.60 लाख अलग-अलग बैंकों खातों में जमा कराकर धोखाधड़ी के तहत हड़प लिए गए.

आरोपी आशुतोष कुमार पांडे गिरफ्तार.

साइबर पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की तो पता चला कि ठगी में इस्तेमाल मोबाइल नंबर दिल्ली और उत्तर प्रदेश से पाए गए, साथ ही धोखाधड़ी की रकम दिल्ली, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, देवरिया के बैंक खातों में ट्रांसफर करने की जानकारी सामने आई. इतना ही नहीं जब अलग-अलग बैंक खातों के स्टेटमेंट में पता चला कि इन बैंक खातों से अन्य बैंक खातों में लाखों की रकम स्थानांतरित की गई है. इसी जांच के आधार पर एसटीएफ और साइबर पुलिस की संयुक्त टीम उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, देवरिया जैसे स्थानों में गिरफ्तारी के लिए भेजी गई थी.

फर्जी कम्पनी के नाम पर बैंक अकाउंट

आरोपी आशुतोष कुमार पांडे से पूछताछ में पता चला कि बेरोजगारों को नौकरी दिलाने के नाम पर झांसा देकर रजिस्ट्रेशन और अन्य शुल्क के नाम पर अलग-अलग बैंक खातों में धनराशि जमा कराई जाती है. एक वर्ष पहले 'स्टार सर्विस कंपनी' के नाम से संदिग्ध बैंक अकाउंट में एक करोड़ 10 लाख की रकम ट्रांजैक्शन हो चुकी है. ऐसे में देहरादून साइबर क्राइम पुलिस की तकनीकी टीम ने फिलहाल तीन लाख की धनराशि इस बैंक खाते से फ्रीज कराई गई है.

पढ़ें- पौड़ी जनपद के 5 CM जिनका कार्यकाल रहा अधूरा, जानिए क्यों

अपराध का तरीका

पता चला है कि यह लोग ऑनलाइन नौकरी की तलाश करने वाले बेरोजगार व जरूरतमंदों को पहले ट्रेस करते हैं. फिर उनसे संपर्क कर उनकी नौकरी लगाने के नाम पर रजिस्ट्रेशन शुल्क के नाम पर अलग-अलग बैंक खातों में धनराशि डलवाकर धोखाधड़ी करते हैं. अभी तक दिल्ली उत्तर प्रदेश जैसे स्थानों के लोगों की फर्जी आईडी का इस्तेमाल कर मोबाइल सिम और बैंक खाता खोल कर धनराशि प्राप्त करते हैं. एक जगह वारदात को अंजाम देने के बाद यह उस सिम नंबर को नष्ट कर देते हैं.

उत्तराखंड पुलिस का हेल्पलाइन नंबर

उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने साइबर संबंधी शिकायत या सुझाव के लिए 0135-2655900 नंबर जारी किया है. जिस पर अपनी शिकायत या फिर सुझाव दे सकते हैं. इसके साथ ही ccps.deh@uttarakhandpolice.uk.gov.in पर ईमेल भी कर सकते हैं. यही नहीं, फेसबुक के माध्यम से भी https://www.facebook.com/cyberthanauttarakhand/ संपर्क कर सकते हैं.

Last Updated : Jul 6, 2021, 7:40 PM IST
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