देहरादून: राजधानी में बीते कई सालों से डेरा जमाए शिक्षकों को पहाड़ भेजने का आदेश सवालों के घेरे में खड़ा हो गया है. महकमे की तरफ से कुछ शिक्षकों को पहाड़ी क्षेत्र में भेजने के आदेश तो जारी कर दिए गए, लेकिन बहुत से शिक्षक शिक्षा निदेशालय की सूची में शामिल नहीं किए गए.
उत्तराखंड में करीब 400 शिक्षक ऐसे थे जो कई सालों से मैदानी जिलों में डटे हुए थे. उनको पहाड़ भेजने की हर कोशिश नाकाम हो रही थी. दरअसल ये सभी शिक्षक कांग्रेस सरकार के समय में पहाड़ों से मैदानी जिलों में अटैच किए गए थे. पिछले दिनों शिक्षा मंत्री ने भी ऐसे शिक्षकों को पहाड़ भेजने के आदेश दिए थे, लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद भी इनको पहाड़ भेजने में महकमा कामयाब नहीं हो पा रहा था.
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बहरहाल, अब जाकर मैदानों में डटे ऐसे 100 से ज्यादा शिक्षकों को पहाड़ भेजे जाने का आदेश जारी कर दिया गया है. लेकिन इस आदेश के जारी होते ही सवाल ये उठ रहे हैं कि जब ऐसे शिक्षकों की संख्या करीब 400 है तो फिर महज कुछ शिक्षकों को ही क्यों पहाड़ जाने वाले शिक्षकों की सूची में शामिल किया गया है. हालांकि, शिक्षा विभाग ये कह चुका है कि जिस भी शिक्षक को कोई आपत्ति हो वह निदेशालय में अपनी आपत्ति दर्ज करवा सकता है.