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समाल्टा में डेढ़ साल चालदा महाराज ने किया प्रवास, अब खत पट्टी को होंगे रवाना, तैयारियों में जुटी मंदिर समिति

समाल्टा से चालदा देवता की प्रवास यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं. समाल्टा में 17 महीने 7 दिन रुकने के बाद अब चालदा देवता खत पट्टी दसऊ गांव के लिए रवाना होंगे. जहां कुछ समय के लिए वे प्रवास करेंगे.

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Published : Apr 28, 2023, 1:30 PM IST

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समाल्टा में डेढ़ साल चालदा महाराज ने किया प्रवास
समाल्टा में डेढ़ साल चालदा महाराज ने किया प्रवास

विकासनगर: जौनसार बावर जनजाति क्षेत्र के ईष्ट देवता चालदा महासू महाराज डेढ़ साल तक समाल्टा में विराजमान होने के बाद अब खत पट्टी दसऊ गांव के लिए प्रवास पर जाएंगे. इस कार्यक्रम में तीस से चालीस हजार श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है. जिसे देखते हुए मंदिर समिति ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन भी मुस्तैदी से कमर कस चुका है.

छत्रधारी चालदा देवता का प्रवास किसी भी क्षेत्र के लिए अहम होता है. आजकल छत्रधारी चालदा देवता समाल्टा में हैं. 29 अप्रैल को समाल्टा मंदिर से देवता प्रवास खत्म कर दसऊ गांव जाएंगे. जनजाति क्षेत्र जौनसार बावर के कुल आराध्य देवता चार भाई हैं. इनमें से सबसे छोटे भाई चालदा देवता हैं. चालदा देवता हमेशा चलायमान रहते हैं, जो प्रवास के दौरान किसी खत पट्टी में दो साल, कहीं एक साल, तो कहीं डेढ़ साल तक रहते हैं. देवता का प्रवास जौनसार बावर में बड़ा आयोजन माना जाता है. प्रवास का लंबा इतिहास है.
पढ़ें- बुरांश की लालिमा, लोकगीतों की गूंज, चालदा महासू मंदिर में फूलियात पर्व की धूम

छत्रधारी चालदा देवता 30 नवंबर 2018 में कोटी कनासर गांव में विराजमान हुए. 20 नवंबर 2019 को कोटी कनासर से प्रस्थान हुआ. 23 नवंबर 2019 मोहना गांव में विराजमान हुए. 22 नवंबर 2021 प्रवास खत्म हुआ. 23 नवंबर 2021 को खत पट्टी समाल्टा मोरी में विराजमान हुए. 29 अप्रैल तक 17 महीने 7 दिन का प्रवास है. 29 अप्रैल को समाल्टा मंदिर से खत पट्टी दसऊ गांव के लिए प्रस्थान करेंगे. रात्रि प्रवास पर नराया गांव में दो दिन रहेंगे. जिसके लेकर प्रशासन ने भी शांति व्यवस्था बनाए रखने की तैयारियां पूरी कर ली हैं.
पढ़ें- समाल्टा के चालदा महासू मंदिर में जागड़ा पर्व, आस्था का उमड़ा सैलाब

तहसीलदार कालसी सुशीला कोठियाल ने बताया जैसा कि मंदिर समिति ने बताया इस कार्यक्रम में तीस से चालीस हजार श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है. जिसे देखते हुए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है. पीएसी की तैनाती की गई है. पुलिस व तहसील कर्मी भी मौजूद रहेंगे. उन्होंने कहा यातायात व्यवस्था के मद्देनजर वाहन चालकों के लिए रूट तैयार किया गया. सवारियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए रूट के नियम का पालन करना होगा. वाहन चालक चकराता मसूरी मार्ग से विकासनगर की ओर जाएंगे. वहीं, काली मंदिर से चकराता के लिए वाहन जाएंगे. साहिया में भी विशेष व्यवस्था की गई है.

समाल्टा में डेढ़ साल चालदा महाराज ने किया प्रवास

विकासनगर: जौनसार बावर जनजाति क्षेत्र के ईष्ट देवता चालदा महासू महाराज डेढ़ साल तक समाल्टा में विराजमान होने के बाद अब खत पट्टी दसऊ गांव के लिए प्रवास पर जाएंगे. इस कार्यक्रम में तीस से चालीस हजार श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है. जिसे देखते हुए मंदिर समिति ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन भी मुस्तैदी से कमर कस चुका है.

छत्रधारी चालदा देवता का प्रवास किसी भी क्षेत्र के लिए अहम होता है. आजकल छत्रधारी चालदा देवता समाल्टा में हैं. 29 अप्रैल को समाल्टा मंदिर से देवता प्रवास खत्म कर दसऊ गांव जाएंगे. जनजाति क्षेत्र जौनसार बावर के कुल आराध्य देवता चार भाई हैं. इनमें से सबसे छोटे भाई चालदा देवता हैं. चालदा देवता हमेशा चलायमान रहते हैं, जो प्रवास के दौरान किसी खत पट्टी में दो साल, कहीं एक साल, तो कहीं डेढ़ साल तक रहते हैं. देवता का प्रवास जौनसार बावर में बड़ा आयोजन माना जाता है. प्रवास का लंबा इतिहास है.
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छत्रधारी चालदा देवता 30 नवंबर 2018 में कोटी कनासर गांव में विराजमान हुए. 20 नवंबर 2019 को कोटी कनासर से प्रस्थान हुआ. 23 नवंबर 2019 मोहना गांव में विराजमान हुए. 22 नवंबर 2021 प्रवास खत्म हुआ. 23 नवंबर 2021 को खत पट्टी समाल्टा मोरी में विराजमान हुए. 29 अप्रैल तक 17 महीने 7 दिन का प्रवास है. 29 अप्रैल को समाल्टा मंदिर से खत पट्टी दसऊ गांव के लिए प्रस्थान करेंगे. रात्रि प्रवास पर नराया गांव में दो दिन रहेंगे. जिसके लेकर प्रशासन ने भी शांति व्यवस्था बनाए रखने की तैयारियां पूरी कर ली हैं.
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तहसीलदार कालसी सुशीला कोठियाल ने बताया जैसा कि मंदिर समिति ने बताया इस कार्यक्रम में तीस से चालीस हजार श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है. जिसे देखते हुए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है. पीएसी की तैनाती की गई है. पुलिस व तहसील कर्मी भी मौजूद रहेंगे. उन्होंने कहा यातायात व्यवस्था के मद्देनजर वाहन चालकों के लिए रूट तैयार किया गया. सवारियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए रूट के नियम का पालन करना होगा. वाहन चालक चकराता मसूरी मार्ग से विकासनगर की ओर जाएंगे. वहीं, काली मंदिर से चकराता के लिए वाहन जाएंगे. साहिया में भी विशेष व्यवस्था की गई है.

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