देहरादून: उत्तराखंड में इस मानसून सीजन के दौरान प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए केंद्रीय टीम पहुंची हुई है. भारत सरकार की टीम ने तीन दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड के आपदा स्थलों का निरीक्षण किया. आज केंद्रीय टीम वापस लौट गई. केंद्र से आए डेलिगेशन ने हरिद्वार सहित आपदा घोषित कई इलाकों का स्थलीय निरीक्षण किया. अब केंद्र सरकार उत्तराखंड में आपदा से हुए इस नुकसान की भरपाई के लिए रणनीति तैयार करेगी. उसी के आधार पर उत्तराखंड को डिजास्टर रिलीफ फंड भी केंद्र सरकार जारी करेगी.
केंद्रीय टीम के दौरे को लेकर आपदा प्रबंधन सचिव रणजीत कुमार सिन्हा ने बताया भारत सरकार की टीम ने पूरे तीन दिन तक उत्तराखंड में रहकर आपदा से हुए नुकसान के क्षेत्र का भ्रमण किया. इस दौरान उन्होंने हरिद्वार में किसी क्षेत्र के हुए भारी नुकसान का भी निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान एक प्राथमिक रिपोर्ट तैयार की गई है जो कि केंद्र और राज्य दोनों को साझा की गई. यही टीम अपनी रिपोर्ट को भारत सरकार में भी सौंपी जाएगी. जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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आपदा प्रबंधन सचिव ने कहा विभाग लगातार डिजास्टर मिटिगेशन यानी कि प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान की न्यूनीकरण को लेकर कम कर रहा है. उन्होंने कहा इसका व्यापक असर अगले साल से देखने को मिलेगा. आपदा प्रबंधन सचिव ने बताया अब तक मोटा मोटा 650 करोड़ के नुकसान का आकलन किया गया है. उन्होंने बताया इस संबंध में सभी स्टेकहोल्डर्स को जानकारियां साझा कर दी गई हैं. आपदा प्रबंधन सचिव ने कहा अभी यह क्षति प्रारंभिक तौर पर है. यह नुकसान आगे बढ़ता जाएगा. इस बार प्रदेश में होने वाले नुकसान को लेकर के रियल टाइम डाटा तैयार किया जा रहा है.
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देहरादून के चकराता क्षेत्र में गांव के मकानों में आई दरार के मामले पर आपदा प्रबंधन विभाग को अब तक किसी तरह की कोई सूचना नहीं है. आपदा प्रबंधन सचिव ने कहा वे इस संबंध में संज्ञान लेंगे. आपदा प्रबंधन सचिव ने कहा 14 अगस्त तक मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है. जिसके लिए विभाग पूरी तरह से मुस्तैद है. आपदा प्रबंधन सचिव ने बताया रेड अलर्ट को देखते हुए सभी रिस्पांस बल को अलर्ट पर रखा गया है. जिसमें एसडीआरएफ और एनडीआरएफ शामिल है. उन्होंने बताया एयर इवेक्युएशन के लिए दो हेलीकॉप्टर स्टैंडबाई पर रखे हुए हैं.