देहरादून: हरिद्वार महाकुंभ के आयोजन की तैयारियां अंतिम दौर में है और 27 फरवरी से महाकुंभ का आगाज होने जा रहा है. महाकुंभ के दौरान सरकार की सबसे बड़ी चिंता कोरोना संकट के बीच श्रद्धालुओं को महफूज रखना है. लिहाजा केंद्र सरकार ने महाकुंभ के दौरान चिकित्सीय सुविधा की मॉनिटरिंग का जिम्मा दिल्ली एम्स को दिया है.
हरिद्वार महाकुंभ में राज्य सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को मुकम्मल करने की व्यवस्थाओं में जुटी है, इस दौरान कुंभ क्षेत्र में ही 2 हजार बेड की क्षमता का अस्पताल बनाने की भी तैयारी की जा रही है. कोरोना संक्रमण के चलते पहले ही भारत सरकार की तरफ से SOP जारी की गई है.
उधर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने तीन महत्वपूर्ण सुझाव भी राज्य सरकार को अलग से दिए हैं. इसमें महाकुंभ की अवधि को कम करने, बुजुर्गों-छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं के साथ ही बीमार लोगों को भी महाकुंभ में आने के लिए हतोत्साहित करने और बंद जगहों पर यात्रियों की संख्या सुनिश्चित करने के सुझाव दिए गए हैं.
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इन सभी सुझावों पर राज्य सरकार विचार कर रही है. लेकिन इन सबके बीच केंद्र सरकार चिकित्सीय व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग को खुद करने जा रही है. इसके लिए दिल्ली एम्स की टीम को महाकुंभ क्षेत्र में चिकित्सीय सुविधाओं की मॉनिटरिंग करने के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई है.
खास बात यह है कि राज्य सरकार की तरफ से भी स्पेशलिस्ट चिकित्सकों के साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों की तैनाती करने का खाका तैयार कर लिया है. वहीं, महाकुंभ क्षेत्र में काम करने वाली मेडिकल टीम दिल्ली एम्स को ऑनलाइन महाकुंभ की रिपोर्ट देगी.