मसूरी: मसूरी छावनी परिषद में मकान खाली करने के दौरान हुए बवाल के मामले में मसूरी छावनी परिषद के उपाध्यक्ष महेश चंद और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. उपाध्यक्ष महेश चंद के पिता 2014 में छावनी परिषद से रिटायर हुए थे, जिसके बाद भी आवास को खाली नहीं किया गया था.
बीते बुधवार को मलिंगार तिराहे पर स्थित कैंट बोर्ड में कर्नल बीके शुक्ला के नेतृत्व में इस संपत्ति से अवैध कब्जा हटाया गया. इस कार्रवाई के दौरान महेश चंद व उसके कुछ सहयोगियों ने अतिक्रमण हटाने गई टीम के साथ अभद्रता व धक्का-मुक्की की. इस मामले में मसूरी पुलिस ने आईपीसी की धारा 353 और 506 के तहत छावनी परिषद के उपाध्यक्ष महेश चंद व अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.
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बता दें कि उपाध्यक्ष महेश चंद के पिता छावनी परिषद से 2014 में रिटायर हो चुके हैं. नियमों के अनुसार रिटायर कर्मचारी को 90 दिन के अंदर सरकारी आवास खाली करना होता है, लेकिन रिटायर होने के बाद भी आवास खाली नहीं किया. सेना के अधिकारियों की तरफ से महेश चंद को आवास खाली करने का नोटिस भी भेजा गया, लेकिन नोटिस के बाद भी मकान खाली नहीं किया गया था.
23 अक्टूबर को भारतीय सेना के अधिकारियों ने भारी फोर्स के साथ छावनी परिषद में मकान को खाली करवाया. इस दौरान महेश चंद और उसके कुछ सहयोगियों के द्वारा सरकारी काम में व्यवधान और अधिकारियों के साथ अभद्रता की गई थी. जिसको लेकर उपाध्यक्ष महेश चंद व अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.
मसूरी कोतवाल भावना कैंथोला का कहना है कि कर्नल बीके शुक्ला की तहरीर के आधार पर महेश चंद और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. वहीं, देश विरोधी और आपत्तिजनक नारे लगाने को लेकर भारतीय सेना के अधिकारियों की तरफ से दी गई सीडी को फोरेंसिक जांच के लिये भेजा गया.