ऋषिकेश: श्यामपुर में लक्कड़ घाट एसटीपी के निकट वन आरक्षित भूमि पर अवैध खनन कर मिट्टी चोरी का मामला सामने आया है. वहीं, मिट्टी की खुदाई को छिपाने के लिए कचरे के ढेर से गड्ढों को भरने की कोशिश की गई है. समाजसेवियों और ग्रामीणों ने कचरे के ढेर से उठने वाली बदबू से परेशान होकर वन विभाग को शिकायत दर्ज कराई. जिसके बाद अब मामले में जांच शुरू हुई है.
श्यामपुर न्याय पंचायत क्षेत्र के लक्कड़ घाट स्थित 26 एमएलडी सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के निकट वन आरक्षित भूमि है. जिसके पास विस्थापित कॉलोनी भी बसी हुई है. कई दिनों से विस्थापित कॉलोनी के लोगों को कचरे के ढेर से उठने वाली बदबू महसूस हो रही थी. स्थानीय लोगों ने बदबू की वजह को जाना तो दंग रह गए. वन आरक्षित भूमि पर कई घन मीटर जमीन को खोदकर मिट्टी का उठान किए जाने का मामला सामने आया. इस मिट्टी उठान के बाद गड्ढे को समतल करने के लिए वहां कचरे को फेंका गया.
मामले में ग्रामीणों ने वन विभाग को शिकायत कर जल्द से जल्द जांच के साथ कार्रवाई करने की मांग की है. स्थानीय निवासी अनीता ममगाईं ने बताया बदबू की वजह से उनका जीना दूभर हो गया है. चिंता का विषय यह है कि आखिरकार मिट्टी का उठान कब और कैसे हो गया? जो इसकी भनक किसी को नहीं लगी.
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समाजसेवी मनजीत राठौर ने बताया यह मामला बिल्कुल संदिग्ध है. संभवत वन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से ही आरक्षित वन भूमि से चोरी-छिपे खुदाई कर मिट्टी का उठान कराया गया है. अपनी कमियों को छुपाने के लिए यहां पर कचरे से गड्ढों को भरने का प्रयास किया गया है.
वन विभाग को मिली शिकायत के बाद देहरादून एसडीओ स्पर्श काला मौके पर मुआयना करने के लिए वन आरक्षित भूमि पर पहुंची. इस दौरान स्थानीय निवासी अनिता ममगाईं और समाजसेवी मनजीत राठौर भी मौके पर पहुंच गए. उन्होंने एसडीओ को घटना की पूरी जानकारी देकर जल्द से जल्द जांच करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की.
एसडीओ स्पर्श काला ने बताया मामला उनके संज्ञान में आया है. ग्रामीणों ने शिकायत की है. जांच के बाद ही स्पष्ट कहा जा सकेगा कि आखिरकार यह मामला क्या है? हालांकि मिट्टी का उठान हुआ है, यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है, लेकिन यह खुदाई किन लोगों ने किया है. यह अभी जांच का विषय है. उन्होंने बताया यदि वन विभाग के किसी भी कर्मचारी की इसमें मिलीभगत सामने आती है तो, उसके खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने इस मामले में एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं.