देहरादून: उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में महिला कर्मियों से अभद्रता का मामला प्रकाश में आया है. आरोप कैंपस निदेशक पर लगाया गया है. इसके अलावा विश्वविद्यालय कुलपति पर भी गंभीर आरोप लगे हैं. खास बात यह है कि मामला मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच चुका है और शासन ने मामले में विभाग के निदेशक से रिपोर्ट भी तलब की है. मुख्यमंत्री कार्यालय तक यूं तो शिकायतों का अंबार लगा रहता है. लेकिन बात यदि महिलाओं के शोषण से जुड़ी हो तो शिकायत और भी गंभीर हो जाती है.
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में महिला कर्मियों से अभद्रता और शोषण का खुलासा हुआ है. मुख्यमंत्री पोर्टल के जरिए सीएम कार्यालय तक पहुंची इस शिकायत में आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कैंपस निदेशक पर महिला कर्मियों और डॉक्टर से अभद्रता के गंभीर आरोप लगाए गए हैं. यही नहीं विश्वविद्यालय के कुलपति पर भी मामले को दबाए रखने का आरोप लगाया गया है. जानकारी के अनुसार कुछ समय पहले विश्वविद्यालय में परीक्षा के दौरान एक छात्रा की चेकिंग को लेकर भी कैंपस निदेशक सुर्खियों में आए थे.
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कैंपस निदेशक राधाबल्लभ सती पर आरोप है कि वह महिला कर्मियों को अपने कक्ष में बुलाकर उनके साथ गलत हरकतें करते हैं और जब महिला कर्मी इसका विरोध करती है तो निदेशक सीआर खराब करने की भी धमकी देते हैं. चिंता की बात यह है कि इसमें विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर सुनील जोशी का भी नाम लिखकर उनके द्वारा मामले को दबाए जाने के आरोप लगाए गए हैं.
वैसे आपको बता दें कि कैंपस निदेशक राधाबल्लभ सती गुरुकुल परिसर हरिद्वार में तैनात थे. लेकिन उन्हें विश्वविद्यालय में प्रतिनियुक्ति पर लाया गया है. कैंपस निदेशक पर पहले भी इस तरह के आरोप लगने की भी बात इस पत्र में कही गई है. पत्र के जरिए मांग की गई है कि कैंपस निदेशक को उनके मूल तैनाती स्थल पर भेजा जाए.
मुख्यमंत्री कार्यालय ने निदेशक आयुर्वेद से मामले में मांगी रिपोर्ट
इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आगे की कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही इस मामले में की गई कार्रवाई की सूचना मुख्यमंत्री कार्यालय को भी बताने को कहा गया है.
विश्वविद्यालय कुलपति ने सभी आरोपों को किया खारिज
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ सुनील जोशी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि इस मामले की उन्हें जानकारी नहीं है और जैसे ही शासन की तरफ से इस संबंध में कोई जानकारी मांगी जाएगी तो इसका जवाब दिया जाएगा.
कुलपति सुनील जोशी ने कहा कि उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय की छवि खराब करने के लिए ऐसी शिकायतें की जाती हैं. हालांकि मामले में शासन की तरफ से निर्देश आने के बाद इसकी जांच करने की भी उन्होंने बात कही. कुलपति के मुताबिक उन्हें महिला कर्मियों की तरफ से कोई मौखिक शिकायत नहीं की गई है.