देहरादून: स्कूल में मीट सप्लाई के लिए हलाल के मीट का टेंडर निकालने वाले वेल्हम बॉयज स्कूल पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दिया है. स्कूल प्रशासन ने अभी तक मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. बजरंग दल ने स्कूल के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की थी.
बता दें कि, बजरंग दल की ओर से देहरादून के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान वेल्हम बॉयज स्कूल में निकले हलाल मीट सप्लाई के टेंडर को लेकर जमकर प्रदर्शन किया गया था. बजरंग दल ने आरोप लगाया था कि देहरादून में तमाम मिशनरी स्कूल एक विशेष धर्म को स्कूलों में बढ़ावा दे रहे हैं. स्कूलों में जबरन सभी धर्मों के अनुयायियों को हलाल मांस खाने के लिए मजबूर किया जाता है. लगातार हाई प्रोफाइल होते इस मामले पर पुलिस द्वारा कार्रवाई की गई.
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आज डालनवाला थाने में वेल्हम बॉयज स्कूल के खिलाफ कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज हो चुका है.
बजरंग दल के नेता विकास वर्मा का कहना है कि यह सिर्फ एक शुरूआत है. इस तरह से प्रदेश में चलने सभी मिशनरी स्कूलों में हिंदू और अन्य धर्मों के बच्चों को खिलाया जा रहे हलाल मीट के खिलाफ अभियान जारी रहेगा. जबरन धर्मान्तरण और मतांतर को लेकर आवाज उठाई जाएगी. जिससे हिंदू धर्म की अस्मिता को बचाए जाएगा.
वेल्हम स्कूल पर हलाल मीट परोसने का आरोप
बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने वेल्हम बॉयज स्कूल प्रबंधन के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया था. कार्यकर्ताओं का आरोप है कि स्कूल के मेस में हलाल मीट परोसा जाता है. स्कूल प्रबंधन के खिलाफ बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कोतवाली डालनवाला में तहरीर दी है.
![Welham Boys School](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/12331938_gtgtgtgtgt.jpg)
क्या है हलाल मीट
हलाल में जानवर के शरीर से खून का अंतिम कतरा निकलने तक उसका जिंदा रहना जरूरी होता है. यह ‘झटका’ की तुलना में काफी दर्दनाक है. हलाल विधि में जानवर की गर्दन को थोड़ा सा काटकर एक टब में छोड़ देते हैं. ऐसा करने से जानवर की धीरे-धीरे खून बहने से तड़प-तड़प कर मौत हो जाती है. मुस्लिम समुदाय के लोग हलाल मीट खाते हैं.
वेल्हम बॉयज स्कूल
वेल्हम बॉयज स्कूल देहरादून में स्थित है. इस स्कूल की स्थापना 1937 में की गई थी. ये सीबीएसई से संबद्ध है. ये लड़कों का आवासीय विद्यालय है. ये विद्यालय हिमालय की तलहटी में 30 एकड़ क्षेत्र में बना है. यहां देश-विदेश के अलग-अलग पृष्ठभूमि के छात्र पढ़ते हैं. 2019 में इसे एजुकेशन वर्ल्ड रैंकिंग में देश के टॉप 5 बोर्डिंग स्कूलों में स्थान मिला था.