ETV Bharat / state

छात्रवृत्ति घोटाला: देहरादून में तीन और शिक्षण संस्थानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

तीनों संस्थाओं के खिलाफ आरोप है कि यहां साल 2012 से लेकर साल 2016 के बीच फर्जी दस्तावेजों के आधार दाखिला दिखाकर समाज कल्याण विभाग से छात्रवृत्ति के नाम पर लाखों रुपए का घोटाला किया गया है.

dehradun
छात्रवृत्ति घोटाला
author img

By

Published : Dec 13, 2019, 5:02 PM IST

देहरादून: कथित पांच सौ करोड़ रुपए के छात्रवृत्ति घोटाले मामले में एसआईटी ने देहरादून के तीन और शिक्षण संस्थानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. जिन तीन शिक्षण संस्थानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है उनमें सहस्त्रधारा रोड पर गुजराड़ा में स्थित के द्रोणा कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्निकल एजुकेशन, वसंत विहार के इंदिरा नगर में देहरादून इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नॉलोजी, इंस्टिट्यूट ऑफ मीडिया मैनेजमेंट ऑफ टेक्नॉलोजी हैं.

छात्रवृत्ति घोटाला

तीनों संस्थाओं के खिलाफ आरोप है कि यहां साल 2012 से लेकर साल 2016 के बीच फर्जी दस्तावेजों के आधार दाखिला दिखाकर समाज कल्याण विभाग से छात्रवृत्ति के नाम पर लाखों रुपए का घोटाला किया गया है.

पढ़ें- देवभूमि में बिगड़ा मौसम का मिजाज, बारिश और बर्फबारी ने बढ़ाई लोगों की मुश्किलें

बता दें कि समाज कल्याण विभाग ने वर्ष 2012 से 2013 और वर्ष 2015 से 2016 के बीच उत्तराखंड के शिक्षण संस्थानों में एससी-एसटी और ओबीसी को फीस प्रतिपूर्ति के लिए करोड़ों रुपये दिए थे. लेकिन, यह पैसा छात्रों तक नहीं पहुंचा. घोटाला उजागर होने पर सरकार ने घोटाले की जांच के लिए एसआईटी गठित की थी. अब तक एसआईटी छात्रवृत्ति के करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने पर विभिन्न कॉलेजों के संचालकों को गिरफ्तार कर चुकी है.

देहरादून: कथित पांच सौ करोड़ रुपए के छात्रवृत्ति घोटाले मामले में एसआईटी ने देहरादून के तीन और शिक्षण संस्थानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. जिन तीन शिक्षण संस्थानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है उनमें सहस्त्रधारा रोड पर गुजराड़ा में स्थित के द्रोणा कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्निकल एजुकेशन, वसंत विहार के इंदिरा नगर में देहरादून इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नॉलोजी, इंस्टिट्यूट ऑफ मीडिया मैनेजमेंट ऑफ टेक्नॉलोजी हैं.

छात्रवृत्ति घोटाला

तीनों संस्थाओं के खिलाफ आरोप है कि यहां साल 2012 से लेकर साल 2016 के बीच फर्जी दस्तावेजों के आधार दाखिला दिखाकर समाज कल्याण विभाग से छात्रवृत्ति के नाम पर लाखों रुपए का घोटाला किया गया है.

पढ़ें- देवभूमि में बिगड़ा मौसम का मिजाज, बारिश और बर्फबारी ने बढ़ाई लोगों की मुश्किलें

बता दें कि समाज कल्याण विभाग ने वर्ष 2012 से 2013 और वर्ष 2015 से 2016 के बीच उत्तराखंड के शिक्षण संस्थानों में एससी-एसटी और ओबीसी को फीस प्रतिपूर्ति के लिए करोड़ों रुपये दिए थे. लेकिन, यह पैसा छात्रों तक नहीं पहुंचा. घोटाला उजागर होने पर सरकार ने घोटाले की जांच के लिए एसआईटी गठित की थी. अब तक एसआईटी छात्रवृत्ति के करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने पर विभिन्न कॉलेजों के संचालकों को गिरफ्तार कर चुकी है.

Intro:pls note-Ready to news

summary_चर्चित छात्रवृत्ति घोटाला :देहरादून के तीन और घोटालेबाज शिक्षण संस्थानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज


उत्तराखंड के चर्चित 500 करोड़ से अधिक छात्रवृत्ति घोटाले मामले में एसआईटी टीम ने अपना शिकंजा तेज करते हुए देहरादून के तीन और घोटालेबाज शिक्षण संस्थानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। जानकारी के मुताबिक समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत कर वर्ष 2012 से लेकर 2016 के बीच फर्जी दस्तावेजों के आधार पर निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा अपने कॉलेजों में दाखिला दिला कर को रुपए का छात्रवृत्ति गबन किया गया है।

हाईकोर्ट के आदेश पर गठित की गई देहरादून और हरिद्वार जिले की जांच एसआईटी टीम ने देहरादून सहस्त्रधारा रोड के गुजराड़ा में स्थित के द्रोणाज कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्निकल एजुकेशन के प्रबंधक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी हैं। इसके साथ ही जाट असल की टीम ने वसंत विहार के इंदिरा नगर इलाके में स्थित इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी और इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट ऑफ टेक्नोलॉजी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर अपना शिकंजा तेज कर दिया है।




Body:उत्तराखंड में सबसे ज्यादा चर्चित घोटाले मामले में अब तक एसआईटी जांच टीम हरिद्वार जिले के एक दर्जन से ज्यादा घोटालेबाज निजी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर संस्कार को और दलालों सहित आरोपित समाज कल्याण अधिकारियों को जेल भेज चुकी है। जबकि देहरादून की बात करें तो यहां भी आधा दर्जन से ज्यादा छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कॉलेज संचालकों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.