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प्रीतम सिंह समेत कई कांग्रेसियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज, कोविड-19 गाइडलाइन का किया उल्लंघन

बिना अनुमति के रैली निकालने और कोविड-19 की गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर प्रीतम सिंह समेत कई कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

congress rally
कांग्रेस रैली
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Published : Oct 29, 2020, 10:07 PM IST

देहरादूनः भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के इस्तीफे की मांग को लेकर सैकड़ों कांग्रेसियों ने राजभवन कूच किया, लेकिन उन्हें पुलिस ने हाथीबड़कला में बैरिकेड़ लगाकर रोक दिया. वहीं, पुलिस ने शांति व्यवस्था भंग करने के आरोप में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह समेत कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया. हालांकि, बाद में पुलिस ने सभी को निजी मुचलके पर छोड़ दिया. जबकि, बिना अनुमति के रैली निकालने और कोविड-19 की गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर थाना डालनवाला में मुकदमा दर्ज किया गया है.

बता दें, बीते 27 अक्टूबर को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच सीबीआई को सौंपी थी. हाईकोर्ट ने सीबीआई को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ केस दर्ज कर करप्शन के आरोपों की जांच करने का आदेश दिया है.

नैनीताल हाईकोर्ट ने यह आदेश पत्रकार उमेश शर्मा के खिलाफ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की छवि बिगाड़ने के मामले में दर्ज FIR को रद्द करने को लेकर दिया है. उमेश शर्मा के खिलाफ देहरादून के एक थाने में दर्ज एफआईआर को रद्द करने के आदेश देते हुए न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की एकल पीठ ने यह भी कहा कि इस मामले के सभी दस्तावेज अदालत में जमा कराए जाएं. हालांकि, अब इस आदेश पर उच्चतम न्यायालय ने रोक लगा दी है.

ये भी पढ़ेंः CM त्रिवेंद्र की इस्तीफे की मांग को लेकर कांग्रेस गरजी, राजभवन कूच के दौरान पुलिस ने रोका

वहीं, कांग्रेस ने सीएम त्रिवेंद्र से नैतिकता के आधार पर इस्तीफे और राज्यपाल से मिलने के लिए प्रतिनिधि मंडल को समय न देने को लेकर राजभवन कूच किया. इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने राजभवन कूच किया. जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश और उत्तराखंड दौरे पर आए कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव शामिल हुए. जिन्हें पुलिस ने हाथीबड़कला पर बनाए गए बैरिकेडिंग पर रोका, इस दौरान पुलिस और कांग्रसियों के बीच नोंक-झोंक भी हुई और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी को गिरफ्तार भी किया गया.

ये भी पढ़ेंः CBI जांच पर हरदा का बड़ा बयान, कहा- उनका केस CM त्रिवेंद्र से अलग

एसपी सिटी श्वेता चौबे ने बताया कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी को मौके से गिरफ्तार कर शाम को व्यतिगत मुचलके पर रिहा कर दिया गया है. साथ ही कहा कि बिना प्रशासन की अनुमति के रैली निकाली गई थी. जबकि, रैली में कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया. जिस पर कोतवाली डालनवाला में महामारी अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह समेत अन्य कांग्रसियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया है.

देहरादूनः भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के इस्तीफे की मांग को लेकर सैकड़ों कांग्रेसियों ने राजभवन कूच किया, लेकिन उन्हें पुलिस ने हाथीबड़कला में बैरिकेड़ लगाकर रोक दिया. वहीं, पुलिस ने शांति व्यवस्था भंग करने के आरोप में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह समेत कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया. हालांकि, बाद में पुलिस ने सभी को निजी मुचलके पर छोड़ दिया. जबकि, बिना अनुमति के रैली निकालने और कोविड-19 की गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर थाना डालनवाला में मुकदमा दर्ज किया गया है.

बता दें, बीते 27 अक्टूबर को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच सीबीआई को सौंपी थी. हाईकोर्ट ने सीबीआई को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ केस दर्ज कर करप्शन के आरोपों की जांच करने का आदेश दिया है.

नैनीताल हाईकोर्ट ने यह आदेश पत्रकार उमेश शर्मा के खिलाफ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की छवि बिगाड़ने के मामले में दर्ज FIR को रद्द करने को लेकर दिया है. उमेश शर्मा के खिलाफ देहरादून के एक थाने में दर्ज एफआईआर को रद्द करने के आदेश देते हुए न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की एकल पीठ ने यह भी कहा कि इस मामले के सभी दस्तावेज अदालत में जमा कराए जाएं. हालांकि, अब इस आदेश पर उच्चतम न्यायालय ने रोक लगा दी है.

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वहीं, कांग्रेस ने सीएम त्रिवेंद्र से नैतिकता के आधार पर इस्तीफे और राज्यपाल से मिलने के लिए प्रतिनिधि मंडल को समय न देने को लेकर राजभवन कूच किया. इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने राजभवन कूच किया. जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश और उत्तराखंड दौरे पर आए कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव शामिल हुए. जिन्हें पुलिस ने हाथीबड़कला पर बनाए गए बैरिकेडिंग पर रोका, इस दौरान पुलिस और कांग्रसियों के बीच नोंक-झोंक भी हुई और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी को गिरफ्तार भी किया गया.

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एसपी सिटी श्वेता चौबे ने बताया कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी को मौके से गिरफ्तार कर शाम को व्यतिगत मुचलके पर रिहा कर दिया गया है. साथ ही कहा कि बिना प्रशासन की अनुमति के रैली निकाली गई थी. जबकि, रैली में कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया. जिस पर कोतवाली डालनवाला में महामारी अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह समेत अन्य कांग्रसियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया है.

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