देहरादूनः प्रदेश की बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में एसआईटी ने जांच तेज कर दी है. इसी कड़ी में एसआईटी ने मामले में नैनीताल के एक और शिक्षण संस्थान के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. आरोप है कि नैनीताल की इस शिक्षण संस्थान ने आईटीआई संस्थान के नाम पर यूपी के सहारनपुर, छुटमलपुर और कमानपुर में फर्जीवाड़ा किया है. साथ ही इन संस्थानों में फर्जी दस्तावेज और दाखिला दिखाकर छात्रवृत्ति की रकम डकारने का काम किया है.
एसआईटी आईजी संजय गुंज्याल के मुताबिक, नैनीताल जिला समाज कल्याण अधिकारी की ओर से उत्तर प्रदेश के छुटमलपुर, कमानपुर और सहारनपुर के कृष्णा आईटीआई में एससी और एसटी के छात्रों के नाम पर घोटाला किया है. जिसमें समाज कल्याण अधिकारी ने 7 छात्रों के नाम पर 2 करोड़ 89 लाख रुपये के चेक पंजाब नेशनल बैंक की शाखा फतेहपुर (सहारनपुर) के प्रबंधन को जारी किए थे.
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जांच पड़ताल में सामने आया है कि दूसरी अन्य योजनाओं का लाभ दिलाने का लालच देकर संबंधित छात्र- छात्राओं से उनकी शैक्षिक दस्तावेज प्राप्त किए गए. जिसके आधार पर उनका एडमीशन यूपी के कमालपुर और छुटमलपुर कृष्णा आईटीआई में दिखाया गया. इसके बाद सामान्य वर्ग के छात्रों को फर्जी तरीके से एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग में शामिल किया गया. वहीं, कॉलेज संचालकों ने बिचौलियों के जरिए और बैंक कर्मियों से साठगांठ कर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर छात्रवृत्ति का घोटाला कर बंदरबांट की.
वहीं, गुंज्याल की मानें तो उनकी अध्यक्षता में प्रदेश के 11 जिलों के लिए एसआईटी टीम गठित की गई है. इस टीम ने 26 सितंबर 2019 से अब तक घोटाले मामले में धोखाधड़ी करने वाले शिक्षण संस्थानों और अन्य लोगों के खिलाफ 8 मुकदमें दर्ज कर लिए हैं. इनमें से 4 उधमसिंह नगर, 3 नैनीताल और एक टिहरी गढ़वाल के शिक्षण संस्थान के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया, जिनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.