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Dehradun GST Evasion: 24 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का मामला, तीन के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा

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Published : Feb 24, 2023, 8:56 PM IST

देहरादून में तीन कारोबारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. इन कारोबारियों पर फर्जी दस्तावेज से कंपनी खोलने का आरोप है. साथ ही आरोपियों ने 24 करोड़ रुपए का जीएसटी चोरी किया है. मामले में जीएसटी विभाग ने केस दर्ज किया है. जिसके बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

kotwali dehradun police
कोतवाली देहरादून पुलिस

देहरादूनः नगर कोतवाली क्षेत्र में तीन कारोबारियों पर फर्जी दस्तावेज से कंपनी खोलने और 24 करोड़ की टैक्स चोरी का आरोप लगा है. जीएसटी निरीक्षक की तहरीर के आधार पर तीन आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में नगर कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत किया गया है. आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों पर जीएसटी नंबर लेकर फर्जी कंपनी बनाई थी. जहां उन्होंने 120 करोड़ रुपए के लेनदेन में 24 करोड़ जीएसटी का चूना लगाया है. वहीं, जीएसटी विभाग ने लेनदेन होने वाले बाहरी राज्यों के 3 बैंक खातों को भी फ्रिज कराया है.

जीएसटी निरीक्षक अंशुल बड़वाल ने कोतवाली नगर में एक शिकायत दर्ज कराई है. जिसमें उन्होंने बताया कि नेशविला रोड स्थित ठाकुर ट्रेडर्स के नाम से प्रोपराइटर संजय ठाकुर ने जीएसटी में अपनी फर्म को पंजीकृत किया और फर्म के नाम पर करीब 120 करोड़ रुपए का व्यापार दिखाया. फर्म का पंजीकरण 21 अप्रैल 2022 को हुआ था. कुछ महीनों में ही फर्म ने करीब 120 करोड़ रुपए का व्यापार दिखाया. तहरीर के आधार पर पुलिस ने जीएसटी विभाग की टीम के साथ नेशविला रोड स्थित संजय ठाकुर के कार्यालय में जाकर जांच पड़ताल की.

जानकारी मिली कि संजय ठाकुर नाम का कोई व्यक्ति नहीं है और इस पते के वास्तविक स्वामी का नाम सतीश कुमार है. ठाकुर ट्रेडर्स प्रोपराइटर संजय ठाकुर ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अपनी फर्म को पंजीकृत किया है. सतीश कुमार ही ठाकुर ट्रेडर्स के पंजीकरण में उपयोग कर रहा था. ठाकुर ट्रेडर्स प्रोपराइटर संजय ठाकुर, एरामत एंटरप्राइजेज प्रोपराइटर शाहरुख मोहम्मद और प्रेमशीश प्रोपराइटर सुनील कुमार ने एक साथ मिलकर फर्जी दस्तावेजों के आधार 120 करोड़ रुपए का व्यापार किया था. जिससे भारत सरकार को करीब 24 करोड़ रुपए की वित्तीय हानि पहुंची है.

एसपी क्राइम सर्वेश पंवार ने बताया कि तीन लोगों ने मिलकर नेशविला रोड के इंदिरा नगर में आयरन स्क्रैप की कंपनी 20 अप्रैल 2022 में खोली थी. करीब 8 महीने में इन्होंने सरकार को अपना ट्रेड 120 करोड़ रुपए दिखाया और आईटीसी क्लेम किया. लेन देन होने वाले बाहरी राज्यों के 3 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि करीबन 24 करोड़ की टैक्स चोरी का आरोप तीनों पर लगा है. जीएसटी विभाग के अधिकारियों की ओर से कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है. जिसकी जांच की जा रही है.
ये भी पढ़ेंः Haldwani Liquor Smuggling: 'पुष्पा' स्टाइल में कर रहा था शराब की तस्करी, हल्द्वानी में पुलिस ने दबोच लिया

देहरादूनः नगर कोतवाली क्षेत्र में तीन कारोबारियों पर फर्जी दस्तावेज से कंपनी खोलने और 24 करोड़ की टैक्स चोरी का आरोप लगा है. जीएसटी निरीक्षक की तहरीर के आधार पर तीन आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में नगर कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत किया गया है. आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों पर जीएसटी नंबर लेकर फर्जी कंपनी बनाई थी. जहां उन्होंने 120 करोड़ रुपए के लेनदेन में 24 करोड़ जीएसटी का चूना लगाया है. वहीं, जीएसटी विभाग ने लेनदेन होने वाले बाहरी राज्यों के 3 बैंक खातों को भी फ्रिज कराया है.

जीएसटी निरीक्षक अंशुल बड़वाल ने कोतवाली नगर में एक शिकायत दर्ज कराई है. जिसमें उन्होंने बताया कि नेशविला रोड स्थित ठाकुर ट्रेडर्स के नाम से प्रोपराइटर संजय ठाकुर ने जीएसटी में अपनी फर्म को पंजीकृत किया और फर्म के नाम पर करीब 120 करोड़ रुपए का व्यापार दिखाया. फर्म का पंजीकरण 21 अप्रैल 2022 को हुआ था. कुछ महीनों में ही फर्म ने करीब 120 करोड़ रुपए का व्यापार दिखाया. तहरीर के आधार पर पुलिस ने जीएसटी विभाग की टीम के साथ नेशविला रोड स्थित संजय ठाकुर के कार्यालय में जाकर जांच पड़ताल की.

जानकारी मिली कि संजय ठाकुर नाम का कोई व्यक्ति नहीं है और इस पते के वास्तविक स्वामी का नाम सतीश कुमार है. ठाकुर ट्रेडर्स प्रोपराइटर संजय ठाकुर ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अपनी फर्म को पंजीकृत किया है. सतीश कुमार ही ठाकुर ट्रेडर्स के पंजीकरण में उपयोग कर रहा था. ठाकुर ट्रेडर्स प्रोपराइटर संजय ठाकुर, एरामत एंटरप्राइजेज प्रोपराइटर शाहरुख मोहम्मद और प्रेमशीश प्रोपराइटर सुनील कुमार ने एक साथ मिलकर फर्जी दस्तावेजों के आधार 120 करोड़ रुपए का व्यापार किया था. जिससे भारत सरकार को करीब 24 करोड़ रुपए की वित्तीय हानि पहुंची है.

एसपी क्राइम सर्वेश पंवार ने बताया कि तीन लोगों ने मिलकर नेशविला रोड के इंदिरा नगर में आयरन स्क्रैप की कंपनी 20 अप्रैल 2022 में खोली थी. करीब 8 महीने में इन्होंने सरकार को अपना ट्रेड 120 करोड़ रुपए दिखाया और आईटीसी क्लेम किया. लेन देन होने वाले बाहरी राज्यों के 3 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि करीबन 24 करोड़ की टैक्स चोरी का आरोप तीनों पर लगा है. जीएसटी विभाग के अधिकारियों की ओर से कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है. जिसकी जांच की जा रही है.
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