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पुलों के लोहे से बनेंगे दुकान और स्टॉल, निर्माण खंड टिहरी होगा पुनर्स्थापित

गुरुवार को पीडब्ल्यूडी मंत्री सतपाल महाराज ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुआ है. साथ ही कर्चमारियों ने मंत्री से अपना दर्द भी बयां किया.

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Published : Sep 23, 2021, 8:23 PM IST

पीडब्ल्यूडी मंत्री सतपाल महाराज
पीडब्ल्यूडी मंत्री सतपाल महाराज

देहरादून: उत्तराखंड राज्य में खाली पड़े 30 से 40 लोहे के पुलों का इस्तेमाल अब दुकानों के स्टॉल और शौचालय बनाने में किया जाएगा. गुरुवार को पीडब्ल्यूडी मंत्री सतपाल महाराज ने अधिकारियों के साथ बैठक कर विभाग से जुड़े तमाम विषयों पर चर्चा की.

बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश में करीब 30 से 40 लोहे के पुल ऐसे हैं, जिनकी उपयोगिता खत्म हो गई है. ऐसे में इन पूलों का इस्तेमाल किया जा सके. जिसका लाभ यात्रियों को मिलेगा. यही नहीं बैठक के दौरान सड़कों को गड्ढा मुक्त करने, कर्मचारियों की समस्याओं का निदान, सड़कों के किनारे मोबाइल टावर के इंडिकेटर बोर्ड लगाने समेत तमाम विषयों पर चर्चा हुई.

पढ़ें- उत्तराखंड में 8 सालों से नहीं हुई लोकायुक्त की नियुक्ति, HC ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

बैठक के बाद पीडब्ल्यूडी मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि 31 अक्टूबर तक प्रदेश के सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का निर्णय लिया गया है, जिस संबंध में अधिकारियों को सख्त निर्देश भी दिए हैं. इसके साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों के किनारे मोबाइल कनेक्टिविटी को लेकर भी जानकारी इंगित की जाएगी. जिससे आने जाने वाले पर्यटकों को यह जानकारी हो सकेगी कि किस क्षेत्र में मोबाइल कनेक्टिविटी है और किस क्षेत्र में नहीं है.

महाराज ने बताया कि सड़कों के अधिग्रहण संबंधी मुआवजे के लिए 125 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है. ताकि सड़कों के लिए जिनके जमीनों का अधिग्रहण किया जाता है, उन्हें मुआवजा दिया जा सके. प्रावधान किए गए बजट में से 35 करोड़ रुपए अवमुक्त किए जा चुके हैं, जिसमें से 14 करोड़ रुपये मुआवजा दिया जा चुका है.

पढ़ें- सीएम धामी ने CII के प्रतिनिधियों से किया वर्चुअल संवाद, औद्योगिक विकास पर हुई चर्चा

साथ ही बताया कि बैठक में एक बड़ा फैसला लिया गया है कि निर्माण खंड टिहरी को दोबारा स्थापित किया जाएगा. इसके लिए कर्मचारियों से बातचीत भी की गई है. जेई के स्थायीकरण को लेकर विभागीय परीक्षा आयोजित की जाएगी.

कर्मचारियों ने मंत्री के सामने बयां किया अपना दर्द: बैठक के दौरान अधिकारियों ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि जब से भाजपा की सरकार बनी है, तब से अभी तक इस तरह की बैठक आयोजित नहीं हुई है और ना ही उनकी समस्याओं को सुना दिया है. आज पहली बार ऐसी बैठक की गई है, जिसमें कर्मचारियों की समस्याओं को सुना गया है. वहीं, इस मामले पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि आज बैठक हुई है, जिसमें कर्मचारियों को काफी समय दिया गया था कि वह अपनी समस्याओं को उनके सामने रख सकें.

देहरादून: उत्तराखंड राज्य में खाली पड़े 30 से 40 लोहे के पुलों का इस्तेमाल अब दुकानों के स्टॉल और शौचालय बनाने में किया जाएगा. गुरुवार को पीडब्ल्यूडी मंत्री सतपाल महाराज ने अधिकारियों के साथ बैठक कर विभाग से जुड़े तमाम विषयों पर चर्चा की.

बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश में करीब 30 से 40 लोहे के पुल ऐसे हैं, जिनकी उपयोगिता खत्म हो गई है. ऐसे में इन पूलों का इस्तेमाल किया जा सके. जिसका लाभ यात्रियों को मिलेगा. यही नहीं बैठक के दौरान सड़कों को गड्ढा मुक्त करने, कर्मचारियों की समस्याओं का निदान, सड़कों के किनारे मोबाइल टावर के इंडिकेटर बोर्ड लगाने समेत तमाम विषयों पर चर्चा हुई.

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बैठक के बाद पीडब्ल्यूडी मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि 31 अक्टूबर तक प्रदेश के सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का निर्णय लिया गया है, जिस संबंध में अधिकारियों को सख्त निर्देश भी दिए हैं. इसके साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों के किनारे मोबाइल कनेक्टिविटी को लेकर भी जानकारी इंगित की जाएगी. जिससे आने जाने वाले पर्यटकों को यह जानकारी हो सकेगी कि किस क्षेत्र में मोबाइल कनेक्टिविटी है और किस क्षेत्र में नहीं है.

महाराज ने बताया कि सड़कों के अधिग्रहण संबंधी मुआवजे के लिए 125 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है. ताकि सड़कों के लिए जिनके जमीनों का अधिग्रहण किया जाता है, उन्हें मुआवजा दिया जा सके. प्रावधान किए गए बजट में से 35 करोड़ रुपए अवमुक्त किए जा चुके हैं, जिसमें से 14 करोड़ रुपये मुआवजा दिया जा चुका है.

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साथ ही बताया कि बैठक में एक बड़ा फैसला लिया गया है कि निर्माण खंड टिहरी को दोबारा स्थापित किया जाएगा. इसके लिए कर्मचारियों से बातचीत भी की गई है. जेई के स्थायीकरण को लेकर विभागीय परीक्षा आयोजित की जाएगी.

कर्मचारियों ने मंत्री के सामने बयां किया अपना दर्द: बैठक के दौरान अधिकारियों ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि जब से भाजपा की सरकार बनी है, तब से अभी तक इस तरह की बैठक आयोजित नहीं हुई है और ना ही उनकी समस्याओं को सुना दिया है. आज पहली बार ऐसी बैठक की गई है, जिसमें कर्मचारियों की समस्याओं को सुना गया है. वहीं, इस मामले पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि आज बैठक हुई है, जिसमें कर्मचारियों को काफी समय दिया गया था कि वह अपनी समस्याओं को उनके सामने रख सकें.

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