देहरादून: मोदी सरकार 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की संभावनाएं तलाशने की कोशिशों में लगी है. इसी सिलसिले में 18 से 22 सितंबर को संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है. साथ ही केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है. वहीं, 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की खबरों के बीच सियासी गलियारों से प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. केंद्र सरकार के 'एक देश एक चुनाव' को लेकर शुरू की गई पहल का कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने समर्थन किया है. इसके लिए प्रेमचंद्र अग्रवाल ने पीएम मोदी को धन्यवाद दिया.
कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने कहा प्रधानमंत्री ने 'एक देश एक चुनाव' का जो निर्णय है, वो देश और देशवासियों के हित में है. उन्होंने कहा 1967 तक देश में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव साथ-साथ हुए हैं. 1968 और 1969 में कुछ विधानसभाओं पर धारा 356 के तहत कार्यवाही की गई. जिसके बाद से ही एक साथ चुनाव की प्रक्रिया खत्म होती चली गई.
कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने कहा वर्तमान समय में जब चुनाव होते हैं तो आदर्श आचार संहिता की वजह से विकास कार्य प्रभावित होते हैं. यही नहीं, जनता का भी इसमें काफी नुकसान होता है. बार बार मोटा बजट खर्च होता है. इसके अलावा जब प्रशासनिक अमला भी चुनाव में व्यस्त रहता है. जिससे हर कार्य प्रभावित होता है. ऐसे में प्रधानमंत्री ने विवेकपूर्ण और बहुत अच्छा निर्णय लिया है. कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने पीएम का अभिनंदन करते हुए इस फैसले का स्वागत किया है.
क्या है एक देश एक चुनाव: एक देश एक चुनाव के प्रस्ताव में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराये जाने का सुझाव दिया गया है. इससे पूरे देश में एक ही बार में चुनाव संपन्न होंगे. मौजूदा समय में हर पांच साल में लोकसभा का चुनाव होता है. साथ ही हर तीन से पांच साल के बीच विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनाव होते रहते हैं. एक देश एक चुनाव के जरिये चुनाव में होने वाले खर्च को कम किया जा सकेगा. इसके साथ ही प्रशासनिक व्यवस्था की गति भी चुनाव के दौरान धीमी हो जाती है. एक देश एक चुनाव के इसे रफ्तार मिलेगी.