देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के बीच की तल्खियां दिनों-दिन बढ़ती जा रही हैं.कर्मकार कल्याण बोर्ड के कथित घोटाले में हरदा के मोर्चा खोलने के बाद हरक सिंह ने भी जुबानी तीर छोड़े हैं. हरक सिंह रावत ने हरदा के राजनीतिक भविष्य और उनकी मंशा पर ही सवाल खड़े किए हैं.
कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ बयानी तीर छोड़े हैं. हरक सिंह ने हरीश रावत को पंजाब प्रभारी बनाए जाने के पीछे का कारण कांग्रेस हाईकमान द्वारा उन्हें उत्तराखंड से दूर रखने की मंशा को बताया है. कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड और पंजाब में विधानसभा के चुनाव एक ही समय पर हैं, ऐसे में कांग्रेस हाईकमान ने हरीश रावत को पंजाब का प्रभार देकर यह साफ कर दिया है कि कांग्रेस हाईकमान भी उत्तराखंड में हरीश रावत का इंटरफेयर नहीं चाहता है.
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मगर हरीश रावत है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की कुर्सी की परिक्रमा में ही लगे हैं. यही कारण है कि हरीश रावत पंजाब के प्रभारी होने के बावजूद पंजाब पर ध्यान देने के बजाय उत्तराखंड ही ज्यादा फोकस कर रहे हैं. इस दौरान हरीश रावत को हरक सिंह रावत ने एक ऐसा बरगद का पेड़ बताया जो किसी को भी अपने नीचे पनपने नहीं देता. इसलिए हरीश रावत ने कुमाऊं में किसी भी नेता को बड़ा नहीं होने दिया.