देहरादून: उत्तराखंड में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat) को लेकर सियासी उथल-पुथल मची हुई है. इसी बीच कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने अपनी नाराजगी दूर होने की खबर का खंडन कर दिया है. हरक सिंह रावत ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि उन्हें बेहद ज्यादा दुख है कि उनकी जनता को लेकर की गई मांग को इतने लंबे समय बाद भी पूरा नहीं किया गया. उधर कैबिनेट की बैठक में मेडिकल कॉलेज के लिए 5 करोड़ की रकम की व्यवस्था करने पर उनकी नाराजगी और भी ज्यादा बढ़ गई है.
गौर हो कि बीजेपी के हैवीवेट मंत्री हरक सिंह रावत इन दिनों अपनी ही सरकार से खफा चल रहे हैं. कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत अब भी सरकार के मेडिकल कॉलेज को लेकर रवैया पर नाराज हैं, यह बात खुद हरक सिंह रावत ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कही है. बता दें कि विधायक उमेश शर्मा काऊ हरक सिंह रावत से देर रात मुलाकात के बाद दावा किया था कि हरक सिंह रावत की मुख्यमंत्री से बातचीत के बाद उनकी नाराजगी दूर कर दी गई है. लेकिन ईटीवी भारत से बात करते हुए हरक सिंह रावत ने इन बातों का खंडन कर दिया है.
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हरक सिंह रावत ने कहा कि उन्हें बेहद ज्यादा दुख है कि क्षेत्रीय विकास की मांग पर पिछले कई साल से उनकी बात को दरकिनार किया जाता रहा है. उन्होंने कहा कि जनता के हितों के लिए वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगे. हरक सिंह रावत ने कहा कि कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के पक्ष में हुए कैबिनेट निर्णय से वे संतुष्ट नहीं है. उन्होंने कहा कि जितनी रकम मेडिकल कॉलेज के लिए रखी गई है, उतने में तो सिर्फ मेडिकल कॉलेज की बाउंड्री वाल ही बन पाती है. हालांकि दिल्ली जाने से लेकर पार्टी छोड़ने की खबरों को उन्होंने गलत बताया है.
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हरीश रावत ने कहा कि उनकी लड़ाई राजनीतिक नहीं है, बल्कि उनकी लड़ाई क्षेत्र के लोगों के लिए है. लिहाजा इस मामले को मेडिकल कॉलेज से ही जोड़ कर देखना चाहिए.