देहरादून: उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के देहरादून स्थित कार्यालय में गबन (embezzlement in satpal maharaj office) के आरोपी कर्मचारियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है. देहरादून की एसीजेएम थर्ड निहारिका मित्तल की अदालत ने दोनों आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए 10 साल कोर्ट प्रक्रिया के बाद आखिरकार बरी कर दिया.
क्या था मामला: पूर्व सांसद और वर्तमान में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के कार्यालय में साल 2011 के दौरान देहरादून में कार्यरत महिला कर्मचारी और दिल्ली स्थित दफ्तर में कार्यरत एक युवक पर गबन का आरोप लगा था. उनके राजनीतिक सचिव गुलाब सिंह ने डालनवाला में शालिनी वर्मा और भानू भाई के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.
आरोप के मुताबिक, देहरादून कार्यालय में तैनात महिला कर्मचारी शालिनी वर्मा को सामान लाने के लिए रुपए दिए जाते थे. आरोप था कि 5 मई 2011 को गुलाब सिंह कार्यालय से बाहर गए. इससे पहले शालिनी को 70 हजार रुपये स्टेशनरी का सामान मंगवाने के लिए दिए गए थे. आरोप था कि शालिनी इस रकम से सामान नहीं लाई और इसे गायब कर दिया. मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की थी.
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इस दौरान पता लगा कि इसी तरह उनके दिल्ली स्थित कार्यालय से सहायक भानू भाई भी फरार हो गया था. दोनों के रकम लेकर भागने को लेकर पुलिस ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की. पुलिस की यह चार्जशीट बचाव पक्ष के सामने नहीं टिक पाई. देहरादून एसीजेएम थर्ड ने दोनों आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है.