देहरादून: चाय बागान भूमि मामले में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सहित अन्य कई लोगों को नोटिस मिलने पर पार्टी संगठन की ओर से बयान आया है. भाजपा का कहना है कि कोर्ट से मिले नोटिस का विधिक प्रक्रिया के तहत दस्तावेजों के साथ जवाब दिया जाएगा. जबकि इस मामले में सभी को आगामी 24 जून तक जवाब दाखिल करने को कहा गया है.
देहरादून रिंग रोड पर प्रस्तावित बीजेपी प्रदेश मुख्यालय ऑफिस चाय बागान भूमि विवाद के चलते न्यायालय द्वारा नोटिस जारी किया गया है. कोर्ट ने भाजपा के पूर्व अध्यक्ष बिशन सिंह चुफाल को एडीएम कोर्ट ने 24 अगस्त तक जमीन के स्वामित्व को लेकर तथ्यों के साथ कोर्ट में जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस भेजा है. कोर्ट ने केवल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष ही नहीं, बल्कि इसके साथ ही आस-पास के अन्य विवादित भूमि के पक्षधरों को भी नोटिस भेजा है.
पढ़ें-देहरादून की 5500 बीघा सरकारी जमीन चढ़ गई अतिक्रमण की भेंट, 47 साल से चल रहा खेल
बता दें की सीलिंग के अंतर्गत घोषित चाय बागान की भूमि के संबंध में एडीएम शिव प्रसाद बरनवाल की कोर्ट से यह नोटिस जारी हुआ है. इस मामले पर भाजपा की ओर से कहा गया है यदि कोर्ट द्वारा कोई सूचना मांगी गई है तो उसे विधिक प्रक्रिया के तहत कोर्ट को उपलब्ध करवाया जाएगा. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट ने बताया कि रिंग रोड पर प्रस्तावित पार्टी के प्रदेश कार्यालय की जमीन की साल 2010 में रजिस्ट्री करवाई गई थी.
उस समय तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष बिशन सिंह चुफाल, कोषाध्यक्ष अनिल गोयल और संगठन महामंत्री धन सिंह रावत के आपसी मशवरे से पार्टी अध्यक्ष के नाम पर रजिस्ट्री करवाई गई थी. बिशन सिंह चुफाल का इस मामले में कहना है कि पार्टी अपने स्तर पर इस मामले को देख रही है. केवल भारतीय जनता पार्टी को ही नहीं बल्कि इसके अलावा रिंग रोड पर अन्य कई लोगों को भी कोर्ट द्वारा नोटिस जारी किए गए हैं. सभी को आगामी 24 जून तक जवाब दाखिल करने को कहा गया है.
पढ़ें-तो क्या अतिक्रमण की जद में आया BJP का प्रस्तावित मुख्यालय, हरीश रावत ने की CBI जांच की मांग
दरअसल, रिंग रोड पर मौजूद चाय बागान की भूमि पर सुप्रीम कोर्ट ने 10 अक्टूबर 1975 को चाय बागान की सीलिंग भूमि की खरीद फरोख्त को रोक लगाई है. ऑर्डर में कहा गया था कि अगर सीलिंग की जमीन पर खरीद-फरोख्त की गई तो वह भूमि सरकारी भूमि में सम्मिलित हो जाएगी.