देहरादून: कांग्रेस की 'भारत बचाओ संविधान बचाओ' रैली पर जहां बीजेपी की निगाहें हैं तो वहीं, कांग्रेस भी शांति मार्च के दौरान उपद्रवियों को लेकर सतर्क रहेगी. कांग्रेस के केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ निकाले जा रहे इस मार्च को लेकर पहले ही बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं.
दिल्ली में भारत बचाओ रैली के बाद देश भर की राजधानियों में कांग्रेस शांति मार्च निकालने का कार्यक्रम बना चुकी है. इस कड़ी में शनिवार को कांग्रेस देहरादून में करीब साढ़े तीन किलोमीटर का शांति मार्च निकालकर केंद्र की नीतियों के खिलाफ लोगों को संदेश देने की कोशिश करेगी. खास बात यह है कि देशभर में नागरिक संशोधन कानून को लेकर हो रही हिंसक घटनाओं को देखते हुए कांग्रेस शांति मार्च के दौरान उपद्रवियों से सतर्क रहेगी. हालांकि, बीजेपी ने हिंसक घटनाओं के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बताते हुए रैली से पहले ही राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ा दी है.
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कांग्रेस ने नागरिकता संशोधन कानून पर सरकार को निशाना बनाया तो बीजेपी ने भी कांग्रेस के मार्च को नया नाम दे डाला. बीजेपी मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन ने कहा कि कांग्रेस की भारत बचाओ संविधान बचाओ रैली हकीकत में कांग्रेस बचाओ राहुल गांधी लाओ के लिए हो रही है. उधर, सीएए पर हिंसक घटनाओं के लिए बीजेपी ने कांग्रेस के नेताओं को जिम्मेदार बताया है.
कांग्रेस का देहरादून में होने जा रहा मार्च यूं तो राजनीतिक रूप से बेहद अहम है. लेकिन इससे पहले ही कांग्रेस और बीजेपी के बीच बयानबाजी तेज होने से आने वाले दिनों में उत्तराखंड के सर्द मौसम में राजनीति के गर्म रहने की उम्मीद है.