देहरादून: उत्तराखंड में 2022 के चुनाव के बाद क्या मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक बार फिर सत्ता आने पर इस कुर्सी को हासिल कर पाएंगे. यह सवाल आजकल इसलिए उठ रहा है, क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने भाजपा को लेकर एक ऐसी बात कह दी जो पार्टी में बवंडर मचाए हुए है.
दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने गुजरात का उदाहरण देते हुए भाजपा की मुख्यमंत्रियों को लेकर रोटेशन नीति होने की बात कही है. विजय बहुगुणा के इस बयान के बाद इसे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से जोड़कर देखा जा रहा है.
बता दें कि प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए कई चेहरे समय-समय पर दावेदारी करते हुए दिखाई दिए हैं और पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा भी एक लंबे समय से भाजपा में किसी महत्वपूर्ण पद का इंतजार कर रहे हैं. उधर चुनाव के दौरान भाजपा युवा मुख्यमंत्री 60 पार का नारा देकर चुनाव को जीतने की जद्दोजहद में जुटी हुई है, लेकिन इस सबके बीच विजय बहुगुणा का मुख्यमंत्री को लेकर रोटेशन होने की बात कहना पुष्कर सिंह धामी के चुनाव के बाद के समीकरणों पर सवाल खड़े कर रहा है.
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बरहाल इस मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कहते हैं कि विजय बहुगुणा के कहने का मतलब क्या था यह तो वह खुद ही बता सकते हैं, लेकिन कई बार कोई व्यक्ति कहना कुछ और चाहता है. लेकिन उसका मतलब कुछ और निकाल लिया जाता है. त्रिवेंद्र सिंह रावत कहते हैं कि इसे पुष्कर सिंह धामी से जोड़कर नहीं देखना चाहिए. उन्होंने पुराने अनुभवों को देखते हुए अपनी बात रखी है.
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इस मामले पर विजय बहुगुणा के बेहद खास माने जाने वाले सरकार में कैबिनेट मंत्री कहते हैं कि यदि हर व्यक्ति को मौका मिल रहा है तो इसमें क्या बुराई है? उन्होंने कहा कि कभी किसी ने 15 साल पहले सोचा था कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बन जाएंगे. विजय बहुगुणा के कहने का मतलब भाजपा में कोई भी व्यक्ति किसी भी बड़े पद पर पहुंच सकता है.
इस मामले पर कांग्रेस भी चुटकी लेने से पीछे नहीं हट रही है. कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री मथुरा से जोशी कहते हैं कि चेहरा बदलने में भाजपा माहिर है और एक के बाद एक मुख्यमंत्री लगातार बदले जाते रहे हैं. मथुरा दत्त जोशी कहते हैं कि विजय बहुगुणा का फिलहाल कोई चांस नहीं है और भाजपा ने विजय बहुगुणा को बता दिया कि वह भाजपा की प्राथमिकता में भी नहीं है, लेकिन विजय बहुगुणा न जाने किस नाराजगी में इस सच्चाई को आखिरकार बोल गए हैं, जो भाजपा की परिपाटी रहा है.
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बीजेपी में रोटेशन पॉलिसी: कांग्रेस सरकार में साल 2012 से 2014 तक मुख्यमंत्री रहे और बाद में बीजेपी में शामिल हुए वरिष्ठ नेता विजय बहुगुणा का कहा था कि बीजेपी में कोई रिपीट नहीं होता है. यहां रोटेशन पॉलिसी है. वंस ए चीफ मिनिस्टर, ऑलवेज ए चीफ मिनिस्टर की नीति भाजपा में नहीं चलती, इसलिए आज आप यदि मुख्यमंत्री, मंत्री हैं तो कल आपको पार्टी का काम भी सौंपा जा सकता है. लिहाजा, अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, ये आलाकमान ही तय करेगा. विजय बहुगुणा के इस बयान से तो लगता है कि पुष्कर सिंह धामी आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं होंगे.
इसके साथ ही विजय बहुगुणा ने कहा था कि राजनीति अनिश्चितताओं का खेल है और बीजेपी ने यह सिद्ध कर दिया है. उन्होंने कहा था कि यह जरूरी नहीं कि मुख्यमंत्री को यहां पर रिपीट किया जाए. उन्होंने गुजरात का उदाहरण देते हुए कहा कि बीजेपी में रिपीट नहीं किया जाता है, यह साबित हो चुका है. बहुगुणा ने अपने बयान में यह भी बताने की कोशिश की है कि अभी उत्तराखंड में टॉप लीडरशिप बाकी है. ऐसे में मुख्यमंत्री का चेहरा धामी ही होंगे कुछ कहा नहीं जा सकता.