देहरादून: बीजेपी विधायक देशराज कर्णवाल ने उत्तराखंड न्यायिक सेवा सिविल जज (ज्यूडिशियल) की प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग की मेरिट 15.37% पर सिमटने पर चुटकी ली है. उन्होंने कहा कि ये मेरिट लिस्ट सामान्य वर्ग के उन लोगों के लिए करारा तमाचा है, जो आरक्षण की खिलाफत करते है.
उन्होंने कहा कि जो लोग यह कहते हैं कि अनुसूचित जाति, जनजाति या अन्य पिछड़ा वर्ग के हाथों आरक्षण से प्रशासनिक गुणवत्ता प्रभावित होगी, वे इस बात का जवाब दें कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के व्यक्ति यदि 30.75 अर्थात् 15.37 प्रतिशत अंक पर जज बन गए तो क्या राज्य की गुणवत्ता बनी रहेगी.
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हालांकि, उन्होंने आर्थिक रूप पिछड़े सामान्य वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण देने का स्वागत किया है, लेकिन आरक्षण को शक की निगाह से देखने वाले सवर्णों के लिए तमाचा है.
बात दें कि हाल ही उत्तराखंड न्यायिक सेवा सिविल जज (ज्यूडिशियल) की प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट आया है. जिसमें अनुसूचित जाति की मेरिट 108.25 यानी 54.12 प्रतिशत हो गई. वहीं, आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग की मेरिट काफी कम यानी 30.75 जो 15.30 प्रतिशत पर आई. जिसके बाद उन्होंने आरक्षण को विरोध करने वाले सवर्णों पर चुटकी ली है.