देहरादून: उत्तराखंड राज्य बने हुए 19 साल से अधिक का समय बीत गया है. लेकिन अभी तक उत्तराखंड राज्य अपनी स्थाई राजधानी नहीं बना पाई है. यही वजह है कि अभी तक देहरादून और गैरसैंण, राजधानी को लेकर संशय बरकरार है. वहीं, कर्णप्रयाग विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी ने कहना है कि गैरसैंण में जिस तरह से व्यवस्थाएं मौजूद है, ऐसे में सरकार को वहां विधानसभा सत्र आहूत करने में कोई दिक्कत नहीं आएगी. लिहाजा, गैरसैंण में विधानसभा सत्र होना चाहिए.
भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि अब गैरसैंण में काफी बेहतर सुविधाएं उपलब्ध है. ऐसे में यहां विधानसभा सत्र करा सकते हैं. हालांकि, पहले कर्मचारियों के रुकने की दिक्कतें आती थी, लेकिन वह दिक्कतें भी अब दूर हो गई है. यहां अतिरिक्त 96 कमरे बनाए गए हैं. जहां पर अधिकारी और कर्मचारी अच्छे ढंग से ही रह सकेंगे. ऐसे में अब गैरसैंण में सत्र कराने में कोई दिक्कत नहीं आएगी.
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विधायक ने कहा कि गैरसैंण में सुविधाएं बढ़ाई जा रही है. राजधानी गैरसैंण की मांग बहुत पहले से होती आ रही है. क्योंकि, उत्तराखंड के लोगों की ये चाह रही थी कि पर्वतीय क्षेत्र की राजधानी पर्वतीय क्षेत्र में होनी चाहिए. लिहाजा, उस लक्ष्य की ओर हमें बढ़ना होगा.