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नारों की राइमिंग में पिछड़ी भाजपा, कांग्रेस के नारों में धार, जानें कंटेट में कौन किस पर भारी

उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में वर्चुअल लड़ाई में राजनीतिक दलों की सक्रियता निर्णायक साबित होगी. यही कारण है कि सभी दल चुनाव प्रचार के फाइनल राउंड में नारों की राइमिंग, कंटेट और सोशल साइड पर जोर दे रहे हैं. आइये जानते हैं प्रदेश में इस समय इस मामले में कौन सा दल सब पर हावी है.

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विधानसभा चुनाव में वर्चुअल प्रचार
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Published : Jan 13, 2022, 10:03 PM IST

Updated : Jan 15, 2022, 7:40 AM IST

देहरादून: चुनावी सीजन में नारों, स्लोगन और सोशल मीडिया की बहुत बड़ी भूमिका है. कोरोनाकाल में तो सभी राजनीतिक दलों ने इसे हथियार बना लिया है. यहीं कारण है कि चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही राजनीतिक दलों ने इस पर काम करना शुरू कर दिया था. अब सभी दल इस मामले में आक्रामक मोड में आ गये हैं. बात अगर उत्तराखंड की करें तो यहां नारों की राइमिंग में भाजपा पिछड़ती नजर आ रही है. कांग्रेस के नारों की धार उसे इस सोशल वॉर में काफी आगे रखे हुए है. कांग्रेस का कंटेट भी दूसरे दलों पर भारी पड़ रहा है.

उत्तराखंड में सबसे धारदार और सबसे पहले काम शुरू करने वाला आईटी सेल आम आदमी पार्टी का था. लेकिन समय के साथ-साथ आम आदमी पार्टी का आईटी सेल काफी कमजोर हो चुका है. अब यह वर्चुअल लड़ाई सीधे तौर से कांग्रेस और भाजपा के बीच लड़ी जा रही है. कांग्रेस ने पिछले कुछ महीनों में अपने आईटी सेल को काफी तेजी से मजबूत किया है. कांगेस लगातार अपने सोशल मीडिया के कंटेंट नारों और प्रचार-प्रसार के वर्चुअल तौर-तरीकों पर काफी तेजी से काम कर रही है.

नारों की राइमिंग में पिछड़ी भाजपा.

कांग्रेस ने अपने चुनाव प्रचार-प्रसार के लिए कई वीडियो और गाने भी लांच किए हैं. जिसमें से सबसे ज्यादा वायरल कांग्रेस का तीन तिगाड़ा और काम बिगाड़ा हो रहा है. इस गाने से कांग्रेस, भाजपा सरकार में बदले गए तीन-तीन मुख्यमंत्रियों पर प्रहार कर रही है. वहीं, इसके अलावा इंस्टाग्राम, फेसबुक और ट्विटर पर लगातार कांग्रेस सरकार को घेरने में लगी हुई है. जिसके लिए कई तरह के स्लोगन और नारों का इस्तेमाल किया जा रहा है.

पढ़ें- नशा तस्कर रूबी और तनबीर पर गुंडा एक्ट में कार्रवाई, जिलाबदर के लिए DM को भेजी रिपोर्ट

इसके अलावा कांग्रेस भाजपा द्वारा लाए जा रहे नारों को भी ट्रोल कर रही है. बुधवार को भाजपा द्वारा लाए गए नारे को कांग्रेस ने खूब ट्रोल किया. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि कांग्रेस का आईटी सेल बेहद मुस्तैदी से काम कर रहा है. कांग्रेस के आईटी सेल सहित पूरी कांग्रेस टीम इस बार भाजपा को पटखनी देने के लिए मैदान में है.

वहींं, दूसरी तरफ आईटी सेल के मामले में भाजपा का अनुभव काफी पुराना और बड़ा है. आईटी सेल के मामले में भाजपा नई खिलाड़ी नहीं है. भाजपा पिछले लंबे समय से आईटी सेल के जरिये लोगों तक पहुंच बानाती रही है. जैसे-जैसे चुनाव आ रहे हैं भाजपा के चुनावी नारों में धार कम होती नजर आ रही है.

पढ़ें- हरिद्वार धर्म संसद हेट स्पीच मामला: SC की फटकार के बाद उत्तराखंड पुलिस देगी जवाब

बुधवार को भाजपा ने कांग्रेस के तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा नारे का जवाब देते हुए एक ही मंच पर अपने तीनों मुख्यमंत्रियों को साथ मिलाकर एक नया नारा दिया. इसके लॉन्च होते ही भाजपा बुरी तरह ट्रोल हो गई. भाजपा द्वारा लॉन्च किया गया नारा 'किया है करती है और करेगी सिर्फ भाजपा' इस नारे को कांग्रेस ने लॉन्च होते ही घेर लिया. सोशल मीडिया पर कांग्रेस, इस पर हमलावर दिखाई दी. भाजपा के इस थीम सॉन्ग में राइमिंग की काफी कमी नजर आईं.

पढ़ें- हरिद्वार धर्म संसद हेट स्पीच मामले में पहली गिरफ्तारी, वसीम रिजवी नारसन बॉर्डर से गिरफ्तार

बीजेपी के आईटी इंचार्ज शेखर वर्मा का कहना है कि लॉन्च किया गया स्लोगन भाजपा के कैंपेन का एक हिस्सा है. केवल यही स्लोगन नहीं बल्कि इसके अलावा भाजपा ने कई ऐसे स्लोगन दिए हैं जो कि लोगों की जुबान पर आज तक चढ़े हैं. उन्होंने कहा भाजपा धरातल से लेकर अपने वर्चुअल वॉर में भी बेहद मजबूती से लड़ रही है. इसका प्रमाण जनता द्वारा की जा रही स्वीकार्यता है.

देहरादून: चुनावी सीजन में नारों, स्लोगन और सोशल मीडिया की बहुत बड़ी भूमिका है. कोरोनाकाल में तो सभी राजनीतिक दलों ने इसे हथियार बना लिया है. यहीं कारण है कि चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही राजनीतिक दलों ने इस पर काम करना शुरू कर दिया था. अब सभी दल इस मामले में आक्रामक मोड में आ गये हैं. बात अगर उत्तराखंड की करें तो यहां नारों की राइमिंग में भाजपा पिछड़ती नजर आ रही है. कांग्रेस के नारों की धार उसे इस सोशल वॉर में काफी आगे रखे हुए है. कांग्रेस का कंटेट भी दूसरे दलों पर भारी पड़ रहा है.

उत्तराखंड में सबसे धारदार और सबसे पहले काम शुरू करने वाला आईटी सेल आम आदमी पार्टी का था. लेकिन समय के साथ-साथ आम आदमी पार्टी का आईटी सेल काफी कमजोर हो चुका है. अब यह वर्चुअल लड़ाई सीधे तौर से कांग्रेस और भाजपा के बीच लड़ी जा रही है. कांग्रेस ने पिछले कुछ महीनों में अपने आईटी सेल को काफी तेजी से मजबूत किया है. कांगेस लगातार अपने सोशल मीडिया के कंटेंट नारों और प्रचार-प्रसार के वर्चुअल तौर-तरीकों पर काफी तेजी से काम कर रही है.

नारों की राइमिंग में पिछड़ी भाजपा.

कांग्रेस ने अपने चुनाव प्रचार-प्रसार के लिए कई वीडियो और गाने भी लांच किए हैं. जिसमें से सबसे ज्यादा वायरल कांग्रेस का तीन तिगाड़ा और काम बिगाड़ा हो रहा है. इस गाने से कांग्रेस, भाजपा सरकार में बदले गए तीन-तीन मुख्यमंत्रियों पर प्रहार कर रही है. वहीं, इसके अलावा इंस्टाग्राम, फेसबुक और ट्विटर पर लगातार कांग्रेस सरकार को घेरने में लगी हुई है. जिसके लिए कई तरह के स्लोगन और नारों का इस्तेमाल किया जा रहा है.

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इसके अलावा कांग्रेस भाजपा द्वारा लाए जा रहे नारों को भी ट्रोल कर रही है. बुधवार को भाजपा द्वारा लाए गए नारे को कांग्रेस ने खूब ट्रोल किया. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि कांग्रेस का आईटी सेल बेहद मुस्तैदी से काम कर रहा है. कांग्रेस के आईटी सेल सहित पूरी कांग्रेस टीम इस बार भाजपा को पटखनी देने के लिए मैदान में है.

वहींं, दूसरी तरफ आईटी सेल के मामले में भाजपा का अनुभव काफी पुराना और बड़ा है. आईटी सेल के मामले में भाजपा नई खिलाड़ी नहीं है. भाजपा पिछले लंबे समय से आईटी सेल के जरिये लोगों तक पहुंच बानाती रही है. जैसे-जैसे चुनाव आ रहे हैं भाजपा के चुनावी नारों में धार कम होती नजर आ रही है.

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बुधवार को भाजपा ने कांग्रेस के तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा नारे का जवाब देते हुए एक ही मंच पर अपने तीनों मुख्यमंत्रियों को साथ मिलाकर एक नया नारा दिया. इसके लॉन्च होते ही भाजपा बुरी तरह ट्रोल हो गई. भाजपा द्वारा लॉन्च किया गया नारा 'किया है करती है और करेगी सिर्फ भाजपा' इस नारे को कांग्रेस ने लॉन्च होते ही घेर लिया. सोशल मीडिया पर कांग्रेस, इस पर हमलावर दिखाई दी. भाजपा के इस थीम सॉन्ग में राइमिंग की काफी कमी नजर आईं.

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बीजेपी के आईटी इंचार्ज शेखर वर्मा का कहना है कि लॉन्च किया गया स्लोगन भाजपा के कैंपेन का एक हिस्सा है. केवल यही स्लोगन नहीं बल्कि इसके अलावा भाजपा ने कई ऐसे स्लोगन दिए हैं जो कि लोगों की जुबान पर आज तक चढ़े हैं. उन्होंने कहा भाजपा धरातल से लेकर अपने वर्चुअल वॉर में भी बेहद मजबूती से लड़ रही है. इसका प्रमाण जनता द्वारा की जा रही स्वीकार्यता है.

Last Updated : Jan 15, 2022, 7:40 AM IST
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