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FRI से निकाले गये 200 से अधिक कर्मचारियों का प्रदर्शन जारी, भीम आर्मी ने भी दिया समर्थन - Bhim Army gave support to protesters

वन अनुसंधान संस्थान से हटाए गए 200 से अधिक कर्मचारियों का प्रदर्शन (protest of more than 200 employees fired from Forest Research Institute) जारी है. ये सभी प्रदर्शनकारी नियुक्ति की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं. वहीं, अब भीम आर्मी भी आंदोलन कर्मियों के समर्थन (Bhim Army gave support to protesters) में उतर आई है.

Bhim Army gives support to more than 200 employees fired from FRI
FRI से निकाले गये 200 से अधिक कर्मचारियों का प्रदर्शन जारी
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Published : Jun 23, 2022, 4:18 PM IST

देहरादून: वन अनुसंधान संस्थान से निकाले गए सभी संविदा कर्मी बीते 3 दिनों से अनिश्चितकालीन धरने (protest of more than 200 employees fired from Forest Research Institute) पर बैठे हुए हैं. तीन दिन बाद भी एफआरआई प्रबंधन ने उनकी कोई सुध नहीं ली है. इधर बेमियादी धरने पर बैठे एफआरआई कर्मचारियों के समर्थन में भीम आर्मी (Bhim Army gave support to protesters) भी उतर आई है. उन्होंने कर्मियों की मांग को जायज ठहराया है.

बता दें एफआरआई से निकाले गए कर्मचारी संस्थान के मुख्य द्वार पर बेमियादी धरने पर बैठे हुए हैं. बीते कई वर्षों से नर्सरी, न्यू फॉरेस्ट हॉस्पिटल, सिल्वीकल्चर डिवीजन, सेंटर नर्सरी, स्थापना अनुभाग, क्लाइमेट चेंज, बजट और अकाउंट सेक्शन में कार्यरत इन कर्मचारियों को बजट ना होने का हवाला देकर निकाल दिया गया है. कुछ कर्मचारियों का कहना है कि अधिकतर कर्मचारियों को बगैर नोटिस के बाहर का रास्ता दिखाया गया है.

पढ़ें- IAS रामविलास ने आय से 500 गुना ज्यादा संपत्ति के नहीं खोले राज, अब रिमांड पर लेने की तैयारी

धरने पर बैठे कर्मियों ने मांग की है कि जिन कर्मचारियों को जिस विभाग से निकाला गया है उसे उस विभाग में जल्द नियुक्ति देने के आदेश दिये जायें. धरने पर बैठे विकास और रेखा थापा का कहना है कि बीते कई वर्षों से काम कर रहे कर्मचारियों को बजट ना होने के कारण निकाल दिया गया है. उन्होंने कहा जब तक उन्हें ड्यूटी पर दोबारा वापस नहीं लिया जाता है तब तक उनका धरना ऐसे ही जारी रहेगा. इधर बेमियादी धरने पर बैठे एफआरआई कर्मचारियों के समर्थन में भीम आर्मी भी उतर आई है. उन्होंने कर्मियों की मांग को जायज ठहराया है.

भीम आर्मी के प्रदेश प्रभारी राहुल कुमार का कहना है कि इन कर्मचारियों को सेवाओं से हटाना नाइंसाफी है. उन्होंने कहा कि बीते काफी समय से इनके परिवार का भरण पोषण इसी नौकरी के भरोसे हो रहा था. लेकिन सरकार ने इन कर्मियों को निकालकर गलत फैसला लिया है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा यदि हटाए गए कर्मियों को दोबारा नियुक्ति नहीं दी तो भीम आर्मी को मजबूरन बड़े आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा.

पढ़ें- 30 जून को धामी सरकार 2.0 के 100 दिन, कांग्रेस का तंज- ये तो ट्रेलर था, पिक्चर क्या होगी?

दरअसल, वन अनुसंधान संस्थान से निकाले गए सभी संविदा कर्मी संस्थान के मुख्य द्वार पर बेमियादी धरने पर बैठे हुए हैं. कर्मचारियों के मुताबिक 20 से 21 वर्षों से काम कर रहे कर्मचारियों को बजट ना होने का हवाला देते हुए निकाल दिया गया है. ऐसे में हटाए गए कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उन्हें ड्यूटी पर वापस नहीं लिया जाता है उनका धरना इसी प्रकार जारी रहेगा.

देहरादून: वन अनुसंधान संस्थान से निकाले गए सभी संविदा कर्मी बीते 3 दिनों से अनिश्चितकालीन धरने (protest of more than 200 employees fired from Forest Research Institute) पर बैठे हुए हैं. तीन दिन बाद भी एफआरआई प्रबंधन ने उनकी कोई सुध नहीं ली है. इधर बेमियादी धरने पर बैठे एफआरआई कर्मचारियों के समर्थन में भीम आर्मी (Bhim Army gave support to protesters) भी उतर आई है. उन्होंने कर्मियों की मांग को जायज ठहराया है.

बता दें एफआरआई से निकाले गए कर्मचारी संस्थान के मुख्य द्वार पर बेमियादी धरने पर बैठे हुए हैं. बीते कई वर्षों से नर्सरी, न्यू फॉरेस्ट हॉस्पिटल, सिल्वीकल्चर डिवीजन, सेंटर नर्सरी, स्थापना अनुभाग, क्लाइमेट चेंज, बजट और अकाउंट सेक्शन में कार्यरत इन कर्मचारियों को बजट ना होने का हवाला देकर निकाल दिया गया है. कुछ कर्मचारियों का कहना है कि अधिकतर कर्मचारियों को बगैर नोटिस के बाहर का रास्ता दिखाया गया है.

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धरने पर बैठे कर्मियों ने मांग की है कि जिन कर्मचारियों को जिस विभाग से निकाला गया है उसे उस विभाग में जल्द नियुक्ति देने के आदेश दिये जायें. धरने पर बैठे विकास और रेखा थापा का कहना है कि बीते कई वर्षों से काम कर रहे कर्मचारियों को बजट ना होने के कारण निकाल दिया गया है. उन्होंने कहा जब तक उन्हें ड्यूटी पर दोबारा वापस नहीं लिया जाता है तब तक उनका धरना ऐसे ही जारी रहेगा. इधर बेमियादी धरने पर बैठे एफआरआई कर्मचारियों के समर्थन में भीम आर्मी भी उतर आई है. उन्होंने कर्मियों की मांग को जायज ठहराया है.

भीम आर्मी के प्रदेश प्रभारी राहुल कुमार का कहना है कि इन कर्मचारियों को सेवाओं से हटाना नाइंसाफी है. उन्होंने कहा कि बीते काफी समय से इनके परिवार का भरण पोषण इसी नौकरी के भरोसे हो रहा था. लेकिन सरकार ने इन कर्मियों को निकालकर गलत फैसला लिया है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा यदि हटाए गए कर्मियों को दोबारा नियुक्ति नहीं दी तो भीम आर्मी को मजबूरन बड़े आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा.

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दरअसल, वन अनुसंधान संस्थान से निकाले गए सभी संविदा कर्मी संस्थान के मुख्य द्वार पर बेमियादी धरने पर बैठे हुए हैं. कर्मचारियों के मुताबिक 20 से 21 वर्षों से काम कर रहे कर्मचारियों को बजट ना होने का हवाला देते हुए निकाल दिया गया है. ऐसे में हटाए गए कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उन्हें ड्यूटी पर वापस नहीं लिया जाता है उनका धरना इसी प्रकार जारी रहेगा.

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