देहरादून: भारतीय किसान यूनियन वेलफेयर फाउंडेशन (Bhartiya Kisan Union Welfare Foundation) ने सहसपुर क्षेत्र के रामपुर गांव में सैकड़ों आम के हरे पेड़ काटे जाने का विरोध (protest against the cutting of green mango trees) किया है. यूनियन पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि 10 नवंबर तक मामले का पर्दाफाश नहीं किया जाता है तो, किसानों को डीएम कार्यालय पर महापंचायत (Mahapanchayat at DM office) करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय संस्थापक सोमदत्त शर्मा ने कहा कि थाना सहसपुर के नाक के नीचे मेन रोड से करीब 500 मीटर की दूरी पर रामपुर गांव में सैकड़ों आम के पेड़ काट दिए गए. इसमें अधिकारियों की सांठगांठ और पैसों का लेनदेन हुआ है. आम का पूरा बाग काट डाला गया. किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि अब तक इस मामले में कार्रवाई के बदले पुलिस ने लीपापोती करते हुए हल्की धाराओं में मामला दर्ज किया है. मामले में वन विभाग ने कुछ कटी हुई लकड़ी को लीपापोती के तहत सीज किया है.
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सोमदत्त शर्मा ने कहा कि एक तरफ सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए हरेला पर्व (Harela festival for environmental protection )मनाती है. वहीं, दूसरी तरफ हरे भरे पेड़ काटे जा रहे हैं. उन्होंने इस मामले में पर्यावरण के क्षेत्र में काम कर रही एनजीओ और पर्यावरणविदों की चुप्पी साधे जाने पर भी सवाल उठाए हैं.
किसान यूनियन ने मामले की निष्पक्ष जांच कराने और इसमें लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. किसानों का कहना है कि यदि 10 नवंबर तक इसका पर्दाफाश नहीं होता है तो, किसानों को मजबूरन 10 नवंबर को डीएम कार्यालय पर महापंचायत करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा. जिसमें संगठन के आगे की रणनीति तय की जाएगी.