देहरादूनः बीते 4 महीने से राज्य शिक्षा निदेशालय परिसर में बीएड टीईटी प्रशिक्षित बेरोजगारों का धरना जारी है. प्रशिक्षित बेरोजगार प्रदेश में प्राथमिक सहायक अध्यापक के पदों में वृद्धि करने की मांग कर रहे हैं. मामले में शासनादेश जारी न होने से बेरोजगार शिक्षकों में भारी आक्रोश है. इतना ही नहीं उन्होंने अब उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है.
दरअसल, बीते 2 सितंबर को प्रदेशभर के बीएड टीईटी प्रशिक्षित बेरोजगारों ने शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे से मुलाकात की थी. जिसमें शिक्षा मंत्री की ओर से गतिमान प्राथमिक सहायक अध्यापक भर्ती में जल्द ही पद वृद्धि का आश्वासन दिया था, लेकिन इसके बावजूद निदेशालय स्तर से अभी तक कोई शासनादेश जारी नहीं हुआ है. जिसके चलते बीएड टीईटी प्रशिक्षित बेरोजगार शिक्षकों का आक्रोश दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है.
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बता दें कि नवंबर 2020 में प्राथमिक सहायक अध्यापक के 2288 पदों पर शासन स्तर से भर्तियां निकाली गई थी. जिस पर वर्तमान में भर्ती प्रक्रिया गतिमान है. लेकिन धरने पर बैठे बीएड टीईटी प्रशिक्षित बेरोजगारों का तर्क है कि यह पद बेहद ही कम है. निदेशालय स्तर से इन पदों को बढ़ाकर लगभग 4000 किया जाना चाहिए.
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बीएड टीईटी प्रशिक्षित बेरोजगार संघ के महासचिव बलवीर बिष्ट का कहना है कि वर्तमान में 2288 पदों की भर्ती में डीएलएड एवं शिक्षामित्रों का ही चयन होना है. ऐसे में उनके लिए बहुत ही कम पद बच रहे हैं. जबकि, विभाग में 2022 तक सेवानिवृत, पदोन्नति होने से अभी भी हजारों पद रिक्त हैं. उन्होंने कहा कि बीएड प्रशिक्षितों की नाराजगी पर शिक्षामंत्री ने प्रशिक्षित बेरोजगारों के प्रतिनिधिमंडल एवं अधिकारियों की संयुक्त बैठक की.
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वहीं, अरविंद पांडे ने अधिकारियों से रिक्तियों का स्पष्ट ब्यौरा लेते हुए गतिमान भर्ती प्रक्रिया में 31 मार्च 2022 तक सेवानिवृत होने वाले पदों को शामिल करने के निर्देश दिए. लेकिन इसके बावजूद निदेशालय स्तर से अब तक गतिमान भर्ती प्रक्रिया में पद वृद्धि का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है. ऐसे में जब तक निदेशालय स्तर से पद वृद्धि को लेकर कोई आदेश जारी नहीं होता, तब तक प्रशिक्षित बेरोजगारों का धरना प्रदर्शन इसी तरह जारी रहेगा.