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उत्तराखंड में अगले 6 महीने तक हड़ताल पर प्रतिबंध, उल्लंघन किया तो लगेगा एस्मा, ये है कारण - एस्मा

उत्तराखंड में अगले 6 महीने तक हड़ताल पर प्रतिबंध लग गया है. उत्तराखंड चारधाम यात्रा, अगले महीने से कांवड़ यात्रा और आने वाले मानसून सीजन को देखते हुए हड़ताल बैन की गई है. इस आदेश के बावजूद अगर कोई कर्मचारी या संगठन हड़ताल करता है तो उस पर एस्मा लगा दिया जाएगा.

strike in Uttarakhand
कर्मचारी हड़ताल
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Published : Jun 17, 2023, 9:48 AM IST

Updated : Jun 17, 2023, 10:58 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में चारधाम यात्रा और मानसून सीजन को देखते हुए राज्य कर्मचारियों की हड़ताल पर रोक लगाने का फैसला लिया है. इसके मद्देनजर सचिव कार्मिक शैलेश बगौली ने आदेश जारी कर अगले 6 महीनों तक किसी भी हड़ताल पर रोक लगाई है.

  • In view of the ongoing Chardham Yatra and possible natural disasters in the state during the monsoon period, the Uttarakhand government has issued a notification prohibiting the strike in state services for 6 months. pic.twitter.com/kce7nqHzHE

    — ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 17, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उत्तराखंड में हड़ताल पर लगी रोक: प्रदेश में चारधाम यात्रा के चलते अब तक लाखों श्रद्धालु इन धामों में दर्शन कर चुके हैं. उधर मानसून सीजन नजदीक आने के चलते अब प्रशासन और सरकार की चिंताएं और चुनौतियां बढ़ गई हैं. इन्हीं स्थितियों को देखते हुए राज्य सरकार ने अब कर्मचारियों कि किसी भी संभावित हड़ताल पर रोक लगाने का फैसला लिया है. हालांकि अभी किसी भी कर्मचारी संगठन की तरफ से बड़ी हड़ताल की कॉल नहीं हुई है. लेकिन राज्य में जिस तरह चारधाम यात्रा गतिमान है और मानसून के भी जल्द ही उत्तराखंड पहुंचने की संभावना है, लिहाजा हर तरह की चौकसी रखने के लिए सरकार ने पहले ही कर्मचारियों की हड़ताल पर रोक लगा दी है.

strike in Uttarakhand
हड़ताल पर प्रतिबंध का आदेश

अगले 6 महीने तक हड़ताल पर प्रतिबंध: जारी किए गए आदेश के अनुसार उत्तर प्रदेश अत्यावश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम 1966 की धारा 3 की उप धारा में अधीन शक्तियों के चलते राज्यपाल की तरफ से 6 महीने की अवधि के लिए राज्य अधीन सेवाओं में हड़ताल पर रोक लगाई गई है. इससे संबंधित आदेश सचिव कार्मिक शैलेश बगौली ने जारी किया है. आदेश के अनुसार राज्य का कोई भी कर्मचारी संगठन हड़ताल का आह्वान नहीं कर सकेगा. इसके बावजूद भी अगर कोई हड़ताल करता है तो उन कर्मचारियों पर एस्मा लागू होगा.
ये भी पढ़ें: कल से डोईवाला नगर पालिका की बढेंगी मुश्किलें, सफाई कर्मचारियों ने किया हड़ताल का ऐलान

हड़ताल करने वालों पर एस्मा लगेगा: उत्तराखंड में मानसून सीजन के दौरान कई तरह की आपदाओं की आशंका रहती है. इसके अलावा बड़ी संख्या में चारधाम यात्रा में यात्री पहुंचते हैं. लिहाजा सभी तरह के खतरों और चुनौतियों को देखते हुए जिला प्रशासन स्तर पर भी शासन से निर्देश जारी किए गए हैं. मानसून सीजन के दौरान तैयारियों में किसी तरह का खलल ना पड़े, इसके लिए हड़ताल पर रोक लगाई गई है. अब कर्मचारी संगठन अपनी मांगों को लेकर अगले 6 महीने तक हड़ताल नहीं कर पाएंगे.

एस्मा क्या होता है? एस्मा यानी आवश्‍यक सेवा अनुरक्षण कानून (Essential Services Maintenance Act) हड़ताल को रोकने के लिए लगाया जाता है. एस्‍मा लागू करने से पहले इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को समाचार पत्रों और सूचना के अन्य माध्‍यमों से सूचित किया जाता है. एस्‍मा अधिकतम 6 महीने के लिए लगाया जा सकता है. एस्‍मा लागू होने के दौरान अगर कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं तो उनकी हड़ताल अवैध‍ और दं‍डनीय मानी जाती है. क्रिमिनल प्रोसीजर 1898 (5 ऑफ 1898) के अन्‍तर्गत एस्‍मा लागू होने के पश्चात इस आदेश से सम्‍बन्‍धित किसी भी कर्मचारी को बिना किसी वारं‍ट के अरेस्ट किया जा सकता है.

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में चारधाम यात्रा और मानसून सीजन को देखते हुए राज्य कर्मचारियों की हड़ताल पर रोक लगाने का फैसला लिया है. इसके मद्देनजर सचिव कार्मिक शैलेश बगौली ने आदेश जारी कर अगले 6 महीनों तक किसी भी हड़ताल पर रोक लगाई है.

  • In view of the ongoing Chardham Yatra and possible natural disasters in the state during the monsoon period, the Uttarakhand government has issued a notification prohibiting the strike in state services for 6 months. pic.twitter.com/kce7nqHzHE

    — ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 17, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उत्तराखंड में हड़ताल पर लगी रोक: प्रदेश में चारधाम यात्रा के चलते अब तक लाखों श्रद्धालु इन धामों में दर्शन कर चुके हैं. उधर मानसून सीजन नजदीक आने के चलते अब प्रशासन और सरकार की चिंताएं और चुनौतियां बढ़ गई हैं. इन्हीं स्थितियों को देखते हुए राज्य सरकार ने अब कर्मचारियों कि किसी भी संभावित हड़ताल पर रोक लगाने का फैसला लिया है. हालांकि अभी किसी भी कर्मचारी संगठन की तरफ से बड़ी हड़ताल की कॉल नहीं हुई है. लेकिन राज्य में जिस तरह चारधाम यात्रा गतिमान है और मानसून के भी जल्द ही उत्तराखंड पहुंचने की संभावना है, लिहाजा हर तरह की चौकसी रखने के लिए सरकार ने पहले ही कर्मचारियों की हड़ताल पर रोक लगा दी है.

strike in Uttarakhand
हड़ताल पर प्रतिबंध का आदेश

अगले 6 महीने तक हड़ताल पर प्रतिबंध: जारी किए गए आदेश के अनुसार उत्तर प्रदेश अत्यावश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम 1966 की धारा 3 की उप धारा में अधीन शक्तियों के चलते राज्यपाल की तरफ से 6 महीने की अवधि के लिए राज्य अधीन सेवाओं में हड़ताल पर रोक लगाई गई है. इससे संबंधित आदेश सचिव कार्मिक शैलेश बगौली ने जारी किया है. आदेश के अनुसार राज्य का कोई भी कर्मचारी संगठन हड़ताल का आह्वान नहीं कर सकेगा. इसके बावजूद भी अगर कोई हड़ताल करता है तो उन कर्मचारियों पर एस्मा लागू होगा.
ये भी पढ़ें: कल से डोईवाला नगर पालिका की बढेंगी मुश्किलें, सफाई कर्मचारियों ने किया हड़ताल का ऐलान

हड़ताल करने वालों पर एस्मा लगेगा: उत्तराखंड में मानसून सीजन के दौरान कई तरह की आपदाओं की आशंका रहती है. इसके अलावा बड़ी संख्या में चारधाम यात्रा में यात्री पहुंचते हैं. लिहाजा सभी तरह के खतरों और चुनौतियों को देखते हुए जिला प्रशासन स्तर पर भी शासन से निर्देश जारी किए गए हैं. मानसून सीजन के दौरान तैयारियों में किसी तरह का खलल ना पड़े, इसके लिए हड़ताल पर रोक लगाई गई है. अब कर्मचारी संगठन अपनी मांगों को लेकर अगले 6 महीने तक हड़ताल नहीं कर पाएंगे.

एस्मा क्या होता है? एस्मा यानी आवश्‍यक सेवा अनुरक्षण कानून (Essential Services Maintenance Act) हड़ताल को रोकने के लिए लगाया जाता है. एस्‍मा लागू करने से पहले इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को समाचार पत्रों और सूचना के अन्य माध्‍यमों से सूचित किया जाता है. एस्‍मा अधिकतम 6 महीने के लिए लगाया जा सकता है. एस्‍मा लागू होने के दौरान अगर कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं तो उनकी हड़ताल अवैध‍ और दं‍डनीय मानी जाती है. क्रिमिनल प्रोसीजर 1898 (5 ऑफ 1898) के अन्‍तर्गत एस्‍मा लागू होने के पश्चात इस आदेश से सम्‍बन्‍धित किसी भी कर्मचारी को बिना किसी वारं‍ट के अरेस्ट किया जा सकता है.

Last Updated : Jun 17, 2023, 10:58 AM IST
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