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बैन वाली घोषणा पर दून में बजरंग दल का बड़ा प्रदर्शन, कांग्रेस भवन घेरने की कोशिश, कांग्रेसी भी सड़क पर उतरे

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Published : May 4, 2023, 2:07 PM IST

Updated : May 4, 2023, 6:35 PM IST

कर्नाटक चुनाव के लिए कांग्रेस की ओर से जारी घोषणा पत्र में विश्व हिंदू परिषद की युवा इकाई बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा किया गया है. कांग्रेस के घोषणा पत्र में कहा गया है कि वो सभी संगठन जो जाति-धर्म के नाम पर नफरत और दुश्मनी फैलाते हैं, उन्हें वो बैन करेंगे. इसके बाद से ही बजरंग दल ने देशभर में कांग्रेस का विरोध शुरू कर दिया है.

दून में भी बजरंग दल का बड़ा प्रदर्शन
दून में भी बजरंग दल का बड़ा प्रदर्शन
दून में बजरंग दल का बड़ा प्रदर्शन

देहरादून: कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक चुनाव के लिए अपने घोषणा पत्र में विश्व हिंदू परिषद की युवा इकाई बजरंग दल को प्रतिबंधित किए जाने की घोषणा की है, जिसके बाद से उत्तराखंड में भी सियासत गरमा गई है. चुनावी वादे के विरोध में बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस भवन का घेराव करने की कोशिश की, लेकिन पहले से ही मौजूद भारी पुलिस बल ने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को एश्ले हॉल चौक पर बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया.

बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जताया आक्रोश इस दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि बजरंग दल की तुलना पीएफआई से करना गलत है. दल के जिलाध्यक्ष विकास वर्मा का कहना है कि कांग्रेस पार्टी बजरंग दल पर कार्रवाई किए जाने का सपना संजोए हुए बैठी है, लेकिन उनका सपना कभी साकार नहीं होगा. उन्होंने कहा कि बजरंग दल हमेशा से जनहित से जुड़े काम करता आया है, ताकि समाज को जोड़ा जा सके. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस समाज को तोड़ने की बात करती है और कांग्रेस देश के अंदर अलगाववाद की भावना को प्रेरित करती है. कांग्रेस ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह हिंदू विरोधी पार्टी है.

कांग्रेस ने बजरंग दल पर उठाए सवाल: इधर, कांग्रेस ने भी भाजपा और बजरंग दल पर कई गंभीर आरोप लगाए. कांग्रेस नेता मोहन काला का कहना है कि भाजपा हमेशा से ही धार्मिक भावनाओं को भड़काने का काम करती आई है. वही काम आज बजरंग दल भी कर रहा है. उन्होंने कहा कि जब ऋषिकेश जैसी धर्मनगरी में अंकिता हत्याकांड को अंजाम दिया जाता है, तब बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने अंकिता को न्याय दिलाने के लिए आवाज क्यों नहीं उठाई. जब दिल्ली के छावला गैंगरेप की पीड़िता के बलात्कारियों को रिहा कर दिया जाता है तब बजरंग दल के कार्यकर्ता कहां थे.
यह भी पढ़ें: अंकिता भंडारी के पिता ने सुरेंद्र नेगी से की मुलाकात, प्रेमचंद अग्रवाल लगाए गंभीर आरोप, सीएम से की बर्खास्तगी की मांग

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेसजन आज कांग्रेस भवन में मीटिंग कर रहे थे, तब बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने शहर का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की. ऐसे में कांग्रेस कार्यकर्ता चुप नहीं बैठने वाला है और ईंट का जवाब पत्थर से देना जानता है. इस दौरान कांग्रेस भवन से कांग्रेसी कार्यकर्ता भी सड़क पर आ गए और बजरंग दल के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. इस बीच कुछ कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग लांघने की भी कोशिश की, लेकिन पुलिस ने कांग्रेस जनों को आगे बढ़ने से रोक दिया.

दून में बजरंग दल का बड़ा प्रदर्शन

देहरादून: कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक चुनाव के लिए अपने घोषणा पत्र में विश्व हिंदू परिषद की युवा इकाई बजरंग दल को प्रतिबंधित किए जाने की घोषणा की है, जिसके बाद से उत्तराखंड में भी सियासत गरमा गई है. चुनावी वादे के विरोध में बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस भवन का घेराव करने की कोशिश की, लेकिन पहले से ही मौजूद भारी पुलिस बल ने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को एश्ले हॉल चौक पर बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया.

बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जताया आक्रोश इस दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि बजरंग दल की तुलना पीएफआई से करना गलत है. दल के जिलाध्यक्ष विकास वर्मा का कहना है कि कांग्रेस पार्टी बजरंग दल पर कार्रवाई किए जाने का सपना संजोए हुए बैठी है, लेकिन उनका सपना कभी साकार नहीं होगा. उन्होंने कहा कि बजरंग दल हमेशा से जनहित से जुड़े काम करता आया है, ताकि समाज को जोड़ा जा सके. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस समाज को तोड़ने की बात करती है और कांग्रेस देश के अंदर अलगाववाद की भावना को प्रेरित करती है. कांग्रेस ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह हिंदू विरोधी पार्टी है.

कांग्रेस ने बजरंग दल पर उठाए सवाल: इधर, कांग्रेस ने भी भाजपा और बजरंग दल पर कई गंभीर आरोप लगाए. कांग्रेस नेता मोहन काला का कहना है कि भाजपा हमेशा से ही धार्मिक भावनाओं को भड़काने का काम करती आई है. वही काम आज बजरंग दल भी कर रहा है. उन्होंने कहा कि जब ऋषिकेश जैसी धर्मनगरी में अंकिता हत्याकांड को अंजाम दिया जाता है, तब बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने अंकिता को न्याय दिलाने के लिए आवाज क्यों नहीं उठाई. जब दिल्ली के छावला गैंगरेप की पीड़िता के बलात्कारियों को रिहा कर दिया जाता है तब बजरंग दल के कार्यकर्ता कहां थे.
यह भी पढ़ें: अंकिता भंडारी के पिता ने सुरेंद्र नेगी से की मुलाकात, प्रेमचंद अग्रवाल लगाए गंभीर आरोप, सीएम से की बर्खास्तगी की मांग

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेसजन आज कांग्रेस भवन में मीटिंग कर रहे थे, तब बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने शहर का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की. ऐसे में कांग्रेस कार्यकर्ता चुप नहीं बैठने वाला है और ईंट का जवाब पत्थर से देना जानता है. इस दौरान कांग्रेस भवन से कांग्रेसी कार्यकर्ता भी सड़क पर आ गए और बजरंग दल के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. इस बीच कुछ कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग लांघने की भी कोशिश की, लेकिन पुलिस ने कांग्रेस जनों को आगे बढ़ने से रोक दिया.

Last Updated : May 4, 2023, 6:35 PM IST
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