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करोड़ों की लागत से बने सरकारी बंगलों को मंत्रियों का इंतजार, लाखों का सामान हो चुका है चोरी

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Published : Jun 18, 2019, 11:39 PM IST

वर्तमान में एक बंगला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नाम पर एलाट है. जबकि दूसरे बंगले में शासन के बडे़ अधिकारी रह रहे है. बाकि के चार बंगलों में ताले लटके हुए है.

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देहरादून: उत्तराखंड में किस तरह जनता की गाढ़ी कमाई को बर्बाद किया जा रहा है इसे देखने के लिए कहीं और जाने की जरुरत नहीं है, बल्कि इसका एक उदाहरण राजधानी देहरादून में देखने को मिल सकता है. यहां मंत्रियों के लिए बनाए गए आलिशान बंगला में घास उग आई है. आलम यह है कि सुरक्षा के अभाव में कुछ बंगलों से मौजदू एसी और फर्नीचर समेत कई कीमती सामान भी चोरी हो चुका हैं. लेकिन राज्य संपति विभाग है कि चैन की नींद सोया हुआ है.

पढ़ें- औली में शाही शादी पर रोक से HC का इनकार, गुप्ता परिवार जमा करेगा 3 करोड़

देहरादून की यमुना कॉलोनी में मंत्रियों के रहने के लिए पूर्व की कांग्रेस सरकार में करोडो़ं रुपए की लागत से 6 बगलें बनाए गए थे. लेकिन इन में से चार बगलें रख रखाव के अभाव में बदहाल स्थिति में पहुंच चुके है. बगलों में लंबी-लंबी घास उगी हुई है. इतना ही नहीं है इसमें से एक बगले में से साल 2018 में कीमती सामान भी चोरी हो चुका है. जिसकी रिपोर्ट कैंट थाने में दर्ज है. बगलों में रखा कीमती सामान आज धूल फांक रहा है. जिन्हें कोई देखने वाला नहीं है.

करोड़ों रुपए के सरकारी बंगले फांक रहे धूल

पढ़ें- कांग्रेस ने किया लोकसभा चुनाव की हार पर मंथन, उठा गुटबाजी का मुद्दा

वर्तमान में एक बंगला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नाम पर एलाट है. जबकि दूसरे बंगले में शासन के बडे़ अधिकारी रह रहे है. बाकि के चार बंगलों में ताले लटके हुए है.

इससे साफ पता चलता है कि उत्तराखंड में नेताओं की सुविधा के नाम पर किस तरह जनता के पैसे को बर्बाद किया गया. इस बारे में जब संपत्ति विभाग के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने इस पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया.

देहरादून: उत्तराखंड में किस तरह जनता की गाढ़ी कमाई को बर्बाद किया जा रहा है इसे देखने के लिए कहीं और जाने की जरुरत नहीं है, बल्कि इसका एक उदाहरण राजधानी देहरादून में देखने को मिल सकता है. यहां मंत्रियों के लिए बनाए गए आलिशान बंगला में घास उग आई है. आलम यह है कि सुरक्षा के अभाव में कुछ बंगलों से मौजदू एसी और फर्नीचर समेत कई कीमती सामान भी चोरी हो चुका हैं. लेकिन राज्य संपति विभाग है कि चैन की नींद सोया हुआ है.

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देहरादून की यमुना कॉलोनी में मंत्रियों के रहने के लिए पूर्व की कांग्रेस सरकार में करोडो़ं रुपए की लागत से 6 बगलें बनाए गए थे. लेकिन इन में से चार बगलें रख रखाव के अभाव में बदहाल स्थिति में पहुंच चुके है. बगलों में लंबी-लंबी घास उगी हुई है. इतना ही नहीं है इसमें से एक बगले में से साल 2018 में कीमती सामान भी चोरी हो चुका है. जिसकी रिपोर्ट कैंट थाने में दर्ज है. बगलों में रखा कीमती सामान आज धूल फांक रहा है. जिन्हें कोई देखने वाला नहीं है.

करोड़ों रुपए के सरकारी बंगले फांक रहे धूल

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वर्तमान में एक बंगला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नाम पर एलाट है. जबकि दूसरे बंगले में शासन के बडे़ अधिकारी रह रहे है. बाकि के चार बंगलों में ताले लटके हुए है.

इससे साफ पता चलता है कि उत्तराखंड में नेताओं की सुविधा के नाम पर किस तरह जनता के पैसे को बर्बाद किया गया. इस बारे में जब संपत्ति विभाग के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने इस पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया.

Intro:summary_जनता के टैक्स से बने करोड़ों के सरकारी बंगले हुए घास के जंगल सुरक्षा के अभाव में कहीं चोरी तो कहीं रखरखाव के बिना बदहाली...

देहरादून- उत्तराखंड में जनता से वसूले गए टैक्स वाले धन की सरकार किस तरह बर्बादी कर रही हैं इसका जीता जागता उदाहरण देहरादून के पॉश इलाकें यमुना कॉलोनी में नज़र आया,जहाँ करोड़ों की लागत से बनाए गए मंत्रियों के सरकारी बंगले वर्तमान में घास के जंगल बने हुए है। आलम यह है कि सुरक्षा के अभाव में जहां कुछ बंगलों में मौजदू AC, फर्नीचर जैसे जैसे कीमती सामान चोरी हो रहे हैं वहीं दूसरी तरफ राज्य संपत्ति विभाग की लापरवाही व रखरखाव में भारी कमी के चलते हैं यह बंगले घास के जंगल बन रहे हैं।

पेश है यह स्पेशल रिपोर्ट


Body:उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सरकार द्वारा किस तरह से सरकारी धन की बर्बादी हो रही है इसका नजारा तब सामने आया जब मंत्रियों के आवास स्थान वाले पॉश यमुना कॉलोनी इलाके में पूर्वर्ती कांग्रेस सरकार के समय बनाए गए करोड़ों के 6 बंगलों में से चार बंगले वर्तमान में सुरक्षा व रखरखाव के अभाव में बदहाल स्थिति पर नजर आ रहे हैं, करोड़ों की लागत से बने इन बंगलो में से एक बंगले के अंदर बाहर से वर्ष 2018में जहाँ कीमती सामान भी चोरी हो चुके हैं, बंगले के अंदर से चोरी हुए कीमती सामान की एफ आई आर 2018 वर्ष में थाना कैंट के अंतर्गत आने वाले बिंदाल चौकी पर दर्ज है। वही दूसरी तरफ इन कीमती भवनों के रखरखाव में भारी कमी के चलते यहां बदहाल स्थिति देखते ही बनती है। बंगलो के अंदर रखे सामान खिड़की दरवाजे खुला होने से धूल फांक ख़राब हो रहे हैं जिन्हें कोई देखने वाला नहीं है।


आवाज की कमी के चलते बनाये गए मंत्रियों के लिए बंगले, आज
हैं बदहाल

जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय मंत्रियों के आवास व्यवस्था के दृष्टिगत भारी भरकम सरकारी धन से 6 बंगले यमुना कॉलोनी में सिंचाई विभाग की जमीन पर बनाकर तैयार किए गए, इन बंगलों में उस समय कांग्रेस के किशोर उपाध्याय व दिनेश धनी जैसे मंत्री नेता आवास करते थे। उधर दूसरी तरफ उच्च न्यायालय के आदेश पर जब पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा उनके सरकारी बंगले खाली कराए गए तत्पश्चात उन बंगलों पर यमुना कॉलोनी के इन भवनों पर रहने वाले मंत्री वहाँ शिफ्ट हो गए, ऐसे में उसके बाद करोड़ों की लागत से बनाए गए यमुना कॉलोनी में बचे 6 बंगलो में से एक पर वर्तमान में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह रहते हैं। जबकि दूसरे बंगले शासन के एक बड़े अधिकारी,लेकिन बाकी बचे 4 सरकारी बंगले आज घास का जंगल बनकर धूल फांक बदलाव स्थिति मेंनजर आ रहे हैं। हालत यह है कि इन भवनों के गेट पर ताला तो लगा है लेकिन अंदर की हालत पूरी तरह से खस्ताहाल है फर्नीचर और एसी सहित कीमती सामान चोरी हो रहे हैं,वही बंगलो में अन्य सामान जहां तहान बिखर रहे हैं जगह-जगह घास उग आई है। ऐसे में साफ नजर आता है कि सरकार किस तरह से जनता की गाढ़ी कमाई से वसूले गए टैक्स को लेकर धन की किस तरह से बर्बादी कर रही है। उधर इस संबंध में आंख कान बंद कर बैठी पूर्वर्ती सरकार से लेकर मौजूदा भाजपा सरकार पूरी तरह से लापरवाह बने करोड़ों से तैयार इन भवनों की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है।

उधर इन सरकारी बंगलों की हालत व रखरखाव के संबंध में जिम्मेदार राज्य संपत्ति विभागीय अधिकारियों की व्यस्तता के कारण उनकी इस मामले में प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है लेकिन यह सरकारी बंगले अपने आप में विभाग की लापरवाही व उदासीनता को जग जाहिर करता है.


Conclusion:राज्य कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं और करोड़ों की लागत से बने सरकारी भवन भगवान भरोसे

जहां एक तरफ उत्तराखंड सरकार के पास सरकारी कर्मचारियों को समय पर वेतन देने के लिए लाले पड़े रहते हैं। वहीं सरकार करोड़ों की लागत से बनाए मंत्रियों के सरकारी भवनों को तैयार कर भूल गई हैं। ऐसे सरकारी धन की बर्बादी का यह नज़ारा हैरान करने वाला हैं। सरकार जिस तरह से इनके रखरखाव व सुरक्षा को लेकर जिस तरह से लापरवाह बनी है यह अपने आप में एक चिंता का विषय है।

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pls note_input_महोदय, यह किरण कांत शर्मा का मोजो मोबाइल हैं,जिसे मैं (परमजीत सिंह )इसे इस्तेमाल कर रहा हूं। मेरा मोजो मोबाइल खराब हो गया हैं, ऐसे मेरी स्टोरी इस मोजो से भेजी जा रही हैं.. ID 7200628
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