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ऑनलाइन लोन और एप के जरिए ठगी का खेल, कम ब्याज के बहकावे से बचें

लॉकडाउन के बाद ऑनलाइन लोन एप का प्रचलन तेजी से बढ़ा है. ऐसे में साइबर फ्रॉड भी एक्टिव हो गए हैं. साइबर ठग पहले लोगों को फोन पर कम ब्याज दरों को लालच देते हैं, जब लोन वापसी का समय आता है तो लोगों से बहुत ज्यादा इंट्रेस्ट वसूल किया जाता है.

Uttarakhand online cheating
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Published : Feb 22, 2021, 10:19 PM IST

Updated : Feb 22, 2021, 10:31 PM IST

देहरादून: साइबर ठगी के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं. बावजूद इसके राज्य सरकार लोगों को साइबर ठगी से जागरूक करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रही है. जिसकी मुख्य वजह है कि साइबर ठग आए दिन नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को अपने जाल में फांस लेते हैं. इन दिनों ऑनलाइन लोन एप के जरिए लोगों को शिकार बनाया जा रहा है. हालांकि, यह मामला सीधे तौर पर साइबर ठगी से जुड़ा हुआ नहीं है, लेकिन कहीं ना कहीं इसके तार साइबर ठगी से जुड़े हुए नजर आते हैं. आखिर क्या है ऑनलाइन लोन एप के जरिए ठगी का मामला, किस तरह से लोगों को बनाया जा रहा है ठगी का शिकार? कैसे इस ठगी के प्रति रह सकते हैं सजग?

ऑनलाइन लोन और एप के जरिए ठगी का खेल.

यूं तो साल 2000 के बाद आधुनिकरण का एक ऐसा दौर शुरू हुआ जिससे तमाम चीजें धीरे-धीरे ऑनलाइन होती चली गईं. हालांकि, इस आधुनिकरण के चलते लोगों को काफी सहूलियत भी हुई लेकिन जैसे-जैसे इसका प्रचलन तेजी से बढ़ने लगा उसी अनुसार साइबर क्राइम के मामले भी तेजी से बढ़ने लगे.

यही नहीं, साल 2020 में वैश्विक महामारी कोरोना के दस्तक के बाद डिजिटलाइजेशन पर इतना जोर दिया जाने लगा कि मोबाइल फोन इस्तेमाल करने वाले अधिकांश लोग डिजिटल की तरफ भागने लगे. हालांकि, इसका नतीजा जितना फायदेमंद हुआ उतना ही नुकसानदायक भी साबित हो रहा है. क्योंकि, कोरोना काल के दौरान जितनी तेजी से लोग डिजिटल की तरफ रुख करना शुरू हुए उतनी ही तेजी से साइबर ठग भी सक्रिय होते चले गए.

पढ़ें- सावधान! कहीं आपके किसी 'परिचित' ने कॉल कर पैसे तो नहीं मांगे?

कोरोना काल के दौरान बढ़ा ऑनलाइन लोन एप का चलन

वैश्विक महामारी कोरोना की दस्तक के बाद लाखों लोगों की नौकरियां चली गईं. यही नहीं, जो लोग नौकरी कर भी रहे थे, उन लोगों को समय पर तनख्वाह नहीं मिल पाई, जिसके चलते लोगों ने घर बैठे ही ऑनलाइन लोन एप का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. हालांकि, ऑनलाइन लोन एप का उतना प्रचलन पहले नहीं था लेकिन लॉकडाउन के बाद ऑनलाइन लोन एप का प्रचलन तेजी से फैला और लोग, लोन लेने के लिए इन ऑनलाइन लोन ऐप का इस्तेमाल करने लगे.

Uttarakhand online cheating
ऑनलाइन लोन के नाम पर ठगी से बचें.

इन ऑनलाइन लोन एप में तमाम एप्लीकेशन तो कुछ बड़ी बैंक कंपनियों से जुड़े हुए थे. तो वही, तमाम ऐप ऐसे प्रचलन में आये जो भारत देश के नहीं बल्कि विदेशों के भी हैं. उस दौरान लोगों को ऑनलाइन लोन एप के जरिए कम प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध करा दिया गया लेकिन अब जब लोन की रिकवरी हो रही है, तो उनसे अधिक ब्याज दर लिया जा रहा है.

ऑनलाइन लोन एप के जरिए ठगी

ऑनलाइन लोन एप के जरिए अभी फिलहाल उन लोगों को ही ठगी का शिकार बनाया जा रहा है, जिन लोगों ने लोन ऐप के जरिए ऑनलाइन माध्यम से लोन लिया है. हालांकि, कोरोना काल के दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने घर बैठे ऑनलाइन लोन एप का फायदा उठाया. क्योंकि ऑनलाइन लोन एप के जरिए बिना कहीं जाए और समय गवाएं बिना, तत्काल लोन मिल जा रहा था.

उन्हें क्या पता था कि जब लोन रिकवरी का समय आएगा तो उस दौरान अधिक ब्याज दर के हिसाब से उन्हें भुगतान करना पड़ेगा? जिसके चलते तमाम लोग आए दिन साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन पहुंचकर, न सिर्फ इसकी शिकायत दर्ज करा रहे हैं, बल्कि पुलिस अधिकारियों से मदद मांग हैं.

Uttarakhand online cheating
शक होने पर साइबर पुलिस से करें संपर्क.

पढ़ें- अगर आप करते हैं डिजिटल पेमेंट, हो जाइये सावधान! फ्रॉड से बचाएगी ये बातें

कम ब्याज पर ऑनलाइन लोन दिलाने के नाम पर ठगी

ऑनलाइन लोन एप के माध्यम से कम ब्याज पर लोन दिलाने का झांसा देने के साथ ही इन दिनों तमाम साइबर ठग, कम ब्याज पर ऑनलाइन लोन दिलाने के नाम पर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. हालांकि मौजूदा समय में लोन की दरों की बात करें तो किसी भी बैंक में या फिर रेपुटेड निजी कंपनियों में कम से कम 9% ब्याज दर से कम पर कोई भी लोन उपलब्ध नहीं है, जिसका फायदा इन दिनों साइबर ठग उठा रहे हैं.

साइबर ठग पहले ऐसे लोगों को चिन्हित करते हैं, जिन्हें लोन की आवश्यकता है. फिर उन्हें फोन कर ऑनलाइन लोन कम ब्याज पर दिलाने की बात कहते हैं. इसके साथ ही उस व्यक्ति को अपने झांसे में लेकर ठग, तमाम तरह के शुल्क के नाम पर पैसे ठगते हैं.

कम ब्याज पर ऑनलाइन लोन के लालच में गवाएं 7 लाख

ऑनलाइन लोन का एक ऐसा ही मामला राजधानी देहरादून में सामने आया जिसमें देहरादून निवासी सीमा रावत (बदला हुआ नाम) ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन शिकायत दर्ज करायी कि उसके पास एक अज्ञात व्यक्ति ने स्वयं को रिलायंस कंपनी का कर्मचारी बताते हुए कम ब्याज पर लोन देने की बात कही. हालांकि, फोन करने वाले व्यक्ति ने कहा कि वह मात्र 3 प्रतिशत की ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराता है.

जिसके बाद महिला उसके बहकावे में आकर ₹15 लाख का लोन लेने की बात कही और फिर महिला से पहचान पत्र संबंधित तमाम दस्तावेज मांगे. महिला को लोन स्वीकृत होने का एक लेटर भी दिया, लेकिन खाते में पैसा आने के नाम पर फाइल चार्ज, इंश्योरेंस चार्ज समेत अन्य तमाम शुल्क की बात कहकर करीब 7 लाख रुपये अपने खाते में जमा करा लिए, जिसके बाद साइबर पुलिस अधिकारियों ने शिकायत प्रार्थना पत्र के आधार पर धारा 420, 120बी भादवि व 66(डी) आईटी एक्ट का अभियोग दर्ज किया.

पढ़ें- साइबर ठगों के निशाने पर लग्जरी गाड़ियां

साइबर ठग ऋषिकेश से हुआ गिरफ्तार

पीड़ित महिला की शिकायत किए जाने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और जांच में यह बात सामने आई कि ठग दो तीन राज्यों के सिम को इस्तेमाल कर रहा है. इसके साथ ही दो-तीन राज्यों के लोगों के खाते में इन पैसों को ट्रांसफर किया गया है, जिसके बाद मोबाइल नंबर और खातों की जानकारी ली गई और फिर तमाम प्रयासों के बाद शातिर ठग को ऋषिकेश से गिरफ्तार किया.

ठग से पूछताछ में पुलिस अधिकारियों को बताया कि वह ऑनलाइन लोन दिलाने के नाम पर पहले भी ठगी कर चुका है. साथ ही अब वह समाचार पत्रों, फेसबुक समेत अन्य सोशल साइट पर कम ब्याज पर लोन दिलाने का विज्ञापन जारी करता है और लोगों को अपने जाल में फंसा कर ठगी करता है.

ऑनलाइन लोन लेने से पहले सावधानी बरतनी की है जरूरत

वहीं, ज्यादा जानकारी देते हुए साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के सीओ अंकुश मिश्रा ने बताया कि इन दिनों दो प्रकार के ऑनलाइन लोन के मामले सामने आ रहे हैं. पहला ऑनलाइन लोन एप के माध्यम से कम ब्याज पर लोन देने की बात कही जा रही है, लेकिन रिकवरी के समय अधिक ब्याज दरों पर भुगतान करने का दबाव बनाया जाता है.

इससे अतिरिक्त ठग, ऑनलाइन लोन दिए जाने को लेकर तमाम तरह के विज्ञापन जारी करते हैं, जिसमें कम ब्याज दरों पर लोन देने की बात कहकर लोगों को अपने ठगी का शिकार बना रहे हैं. ऐसे में ऑनलाइन लोन लेने से पहले लोगों को सावधानियां बरतने की जरूरत है.

आरबीआई की गाइडलाइन में ऑनलाइन लोन का है जिक्र

ऑनलाइन लोन दिलाने के नाम पर लोगों को ठगी से बचाने के साथ ही लोन देने में पारदर्शिता रखने को लेकर आरबीआई ने पहले ही एक गाइडलाइन जारी की हुई है, जिसमें इस बात का जिक्र है कि अगर आप ऑनलाइन लोन ले रहे हैं तो क्या कुछ सुरक्षा टिप्स को अपनाने की जरूरत है. इसके साथ ही जो आरबीआई की गाइडलाइन है उसके तहत अगर कोई भी लोन, ऑनलाइन लोन एप के जरिए दिया जाता है तो उसमें किस बैंक के माध्यम से लोन दिया जा रहा है, उसकी भी जिक्र करना होगा.

देहरादून: साइबर ठगी के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं. बावजूद इसके राज्य सरकार लोगों को साइबर ठगी से जागरूक करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रही है. जिसकी मुख्य वजह है कि साइबर ठग आए दिन नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को अपने जाल में फांस लेते हैं. इन दिनों ऑनलाइन लोन एप के जरिए लोगों को शिकार बनाया जा रहा है. हालांकि, यह मामला सीधे तौर पर साइबर ठगी से जुड़ा हुआ नहीं है, लेकिन कहीं ना कहीं इसके तार साइबर ठगी से जुड़े हुए नजर आते हैं. आखिर क्या है ऑनलाइन लोन एप के जरिए ठगी का मामला, किस तरह से लोगों को बनाया जा रहा है ठगी का शिकार? कैसे इस ठगी के प्रति रह सकते हैं सजग?

ऑनलाइन लोन और एप के जरिए ठगी का खेल.

यूं तो साल 2000 के बाद आधुनिकरण का एक ऐसा दौर शुरू हुआ जिससे तमाम चीजें धीरे-धीरे ऑनलाइन होती चली गईं. हालांकि, इस आधुनिकरण के चलते लोगों को काफी सहूलियत भी हुई लेकिन जैसे-जैसे इसका प्रचलन तेजी से बढ़ने लगा उसी अनुसार साइबर क्राइम के मामले भी तेजी से बढ़ने लगे.

यही नहीं, साल 2020 में वैश्विक महामारी कोरोना के दस्तक के बाद डिजिटलाइजेशन पर इतना जोर दिया जाने लगा कि मोबाइल फोन इस्तेमाल करने वाले अधिकांश लोग डिजिटल की तरफ भागने लगे. हालांकि, इसका नतीजा जितना फायदेमंद हुआ उतना ही नुकसानदायक भी साबित हो रहा है. क्योंकि, कोरोना काल के दौरान जितनी तेजी से लोग डिजिटल की तरफ रुख करना शुरू हुए उतनी ही तेजी से साइबर ठग भी सक्रिय होते चले गए.

पढ़ें- सावधान! कहीं आपके किसी 'परिचित' ने कॉल कर पैसे तो नहीं मांगे?

कोरोना काल के दौरान बढ़ा ऑनलाइन लोन एप का चलन

वैश्विक महामारी कोरोना की दस्तक के बाद लाखों लोगों की नौकरियां चली गईं. यही नहीं, जो लोग नौकरी कर भी रहे थे, उन लोगों को समय पर तनख्वाह नहीं मिल पाई, जिसके चलते लोगों ने घर बैठे ही ऑनलाइन लोन एप का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. हालांकि, ऑनलाइन लोन एप का उतना प्रचलन पहले नहीं था लेकिन लॉकडाउन के बाद ऑनलाइन लोन एप का प्रचलन तेजी से फैला और लोग, लोन लेने के लिए इन ऑनलाइन लोन ऐप का इस्तेमाल करने लगे.

Uttarakhand online cheating
ऑनलाइन लोन के नाम पर ठगी से बचें.

इन ऑनलाइन लोन एप में तमाम एप्लीकेशन तो कुछ बड़ी बैंक कंपनियों से जुड़े हुए थे. तो वही, तमाम ऐप ऐसे प्रचलन में आये जो भारत देश के नहीं बल्कि विदेशों के भी हैं. उस दौरान लोगों को ऑनलाइन लोन एप के जरिए कम प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध करा दिया गया लेकिन अब जब लोन की रिकवरी हो रही है, तो उनसे अधिक ब्याज दर लिया जा रहा है.

ऑनलाइन लोन एप के जरिए ठगी

ऑनलाइन लोन एप के जरिए अभी फिलहाल उन लोगों को ही ठगी का शिकार बनाया जा रहा है, जिन लोगों ने लोन ऐप के जरिए ऑनलाइन माध्यम से लोन लिया है. हालांकि, कोरोना काल के दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने घर बैठे ऑनलाइन लोन एप का फायदा उठाया. क्योंकि ऑनलाइन लोन एप के जरिए बिना कहीं जाए और समय गवाएं बिना, तत्काल लोन मिल जा रहा था.

उन्हें क्या पता था कि जब लोन रिकवरी का समय आएगा तो उस दौरान अधिक ब्याज दर के हिसाब से उन्हें भुगतान करना पड़ेगा? जिसके चलते तमाम लोग आए दिन साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन पहुंचकर, न सिर्फ इसकी शिकायत दर्ज करा रहे हैं, बल्कि पुलिस अधिकारियों से मदद मांग हैं.

Uttarakhand online cheating
शक होने पर साइबर पुलिस से करें संपर्क.

पढ़ें- अगर आप करते हैं डिजिटल पेमेंट, हो जाइये सावधान! फ्रॉड से बचाएगी ये बातें

कम ब्याज पर ऑनलाइन लोन दिलाने के नाम पर ठगी

ऑनलाइन लोन एप के माध्यम से कम ब्याज पर लोन दिलाने का झांसा देने के साथ ही इन दिनों तमाम साइबर ठग, कम ब्याज पर ऑनलाइन लोन दिलाने के नाम पर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. हालांकि मौजूदा समय में लोन की दरों की बात करें तो किसी भी बैंक में या फिर रेपुटेड निजी कंपनियों में कम से कम 9% ब्याज दर से कम पर कोई भी लोन उपलब्ध नहीं है, जिसका फायदा इन दिनों साइबर ठग उठा रहे हैं.

साइबर ठग पहले ऐसे लोगों को चिन्हित करते हैं, जिन्हें लोन की आवश्यकता है. फिर उन्हें फोन कर ऑनलाइन लोन कम ब्याज पर दिलाने की बात कहते हैं. इसके साथ ही उस व्यक्ति को अपने झांसे में लेकर ठग, तमाम तरह के शुल्क के नाम पर पैसे ठगते हैं.

कम ब्याज पर ऑनलाइन लोन के लालच में गवाएं 7 लाख

ऑनलाइन लोन का एक ऐसा ही मामला राजधानी देहरादून में सामने आया जिसमें देहरादून निवासी सीमा रावत (बदला हुआ नाम) ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन शिकायत दर्ज करायी कि उसके पास एक अज्ञात व्यक्ति ने स्वयं को रिलायंस कंपनी का कर्मचारी बताते हुए कम ब्याज पर लोन देने की बात कही. हालांकि, फोन करने वाले व्यक्ति ने कहा कि वह मात्र 3 प्रतिशत की ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराता है.

जिसके बाद महिला उसके बहकावे में आकर ₹15 लाख का लोन लेने की बात कही और फिर महिला से पहचान पत्र संबंधित तमाम दस्तावेज मांगे. महिला को लोन स्वीकृत होने का एक लेटर भी दिया, लेकिन खाते में पैसा आने के नाम पर फाइल चार्ज, इंश्योरेंस चार्ज समेत अन्य तमाम शुल्क की बात कहकर करीब 7 लाख रुपये अपने खाते में जमा करा लिए, जिसके बाद साइबर पुलिस अधिकारियों ने शिकायत प्रार्थना पत्र के आधार पर धारा 420, 120बी भादवि व 66(डी) आईटी एक्ट का अभियोग दर्ज किया.

पढ़ें- साइबर ठगों के निशाने पर लग्जरी गाड़ियां

साइबर ठग ऋषिकेश से हुआ गिरफ्तार

पीड़ित महिला की शिकायत किए जाने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और जांच में यह बात सामने आई कि ठग दो तीन राज्यों के सिम को इस्तेमाल कर रहा है. इसके साथ ही दो-तीन राज्यों के लोगों के खाते में इन पैसों को ट्रांसफर किया गया है, जिसके बाद मोबाइल नंबर और खातों की जानकारी ली गई और फिर तमाम प्रयासों के बाद शातिर ठग को ऋषिकेश से गिरफ्तार किया.

ठग से पूछताछ में पुलिस अधिकारियों को बताया कि वह ऑनलाइन लोन दिलाने के नाम पर पहले भी ठगी कर चुका है. साथ ही अब वह समाचार पत्रों, फेसबुक समेत अन्य सोशल साइट पर कम ब्याज पर लोन दिलाने का विज्ञापन जारी करता है और लोगों को अपने जाल में फंसा कर ठगी करता है.

ऑनलाइन लोन लेने से पहले सावधानी बरतनी की है जरूरत

वहीं, ज्यादा जानकारी देते हुए साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के सीओ अंकुश मिश्रा ने बताया कि इन दिनों दो प्रकार के ऑनलाइन लोन के मामले सामने आ रहे हैं. पहला ऑनलाइन लोन एप के माध्यम से कम ब्याज पर लोन देने की बात कही जा रही है, लेकिन रिकवरी के समय अधिक ब्याज दरों पर भुगतान करने का दबाव बनाया जाता है.

इससे अतिरिक्त ठग, ऑनलाइन लोन दिए जाने को लेकर तमाम तरह के विज्ञापन जारी करते हैं, जिसमें कम ब्याज दरों पर लोन देने की बात कहकर लोगों को अपने ठगी का शिकार बना रहे हैं. ऐसे में ऑनलाइन लोन लेने से पहले लोगों को सावधानियां बरतने की जरूरत है.

आरबीआई की गाइडलाइन में ऑनलाइन लोन का है जिक्र

ऑनलाइन लोन दिलाने के नाम पर लोगों को ठगी से बचाने के साथ ही लोन देने में पारदर्शिता रखने को लेकर आरबीआई ने पहले ही एक गाइडलाइन जारी की हुई है, जिसमें इस बात का जिक्र है कि अगर आप ऑनलाइन लोन ले रहे हैं तो क्या कुछ सुरक्षा टिप्स को अपनाने की जरूरत है. इसके साथ ही जो आरबीआई की गाइडलाइन है उसके तहत अगर कोई भी लोन, ऑनलाइन लोन एप के जरिए दिया जाता है तो उसमें किस बैंक के माध्यम से लोन दिया जा रहा है, उसकी भी जिक्र करना होगा.

Last Updated : Feb 22, 2021, 10:31 PM IST
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