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पद संभालने के बाद शहीद स्मारक पहुंचीं विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी, शहीदों को दी श्रद्धांजलि

उत्तराखंड की पहली महिला विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी ने पदभार संभालने के बाद शहीद स्मारक पर शहीदों को नमन करने पहुंचीं. उसके बाद धर्मपुर विधानसभा की महिलाओं एवं कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया.

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Published : Mar 27, 2022, 3:47 PM IST

Ritu Bhushan Khanduri
देहरादून

देहरादून: उत्तराखंड राज्य की पांचवीं विधानसभा में पहली महिला विधानसभा अध्यक्ष का पद संभालने के बाद ऋतु भूषण खंडूड़ी (Ritu Bhushan Khanduri) शहीद स्मारक पर शहीदों को नमन करने पहुंचीं, जहां उन्होंने शहीदों की मूर्तियों पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कहा कि उत्तराखंड राज्य निर्माण में अपने प्राणों की आहुति देने वाले राज्य आंदोलनकारियों के बलिदान को प्रदेश हमेशा याद रखेगा.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शहीद आंदोलनकारियों के सपनों के अनुरूप समृद्ध और प्रगतिशील उत्तराखंड बनाने के लिए संकल्पित हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य के निर्माण में महिलाओं की अहम भूमिका रही है. विधानसभा अध्यक्ष पद पर रहते हुए वह उत्तराखंड में महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में कार्य करेंगी.

पद संभालने के बाद शहीद स्थल पहुंचीं विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ीय

वहीं, इसके बाद शिमला बाईपास रोड स्थित वेडिंग प्वाइंट में धर्मपुर विधानसभा की महिलाओं एवं कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जहां विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया. कार्यक्रम के दौरान राज्य में पहली महिला विधानसभा अध्यक्ष बनने पर महिलाओं में गजब का उत्साह देखने को मिला. इस दौरान महिलाओं ने कई सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए, जिसमें नंदा राजजात यात्रा का कलाकारों ने मंचन किया. विधानसभा अध्यक्ष द्वारा सभी महिलाओं का आभार व्यक्त किया गया.

इस मौके पर ऋतु भूषण खंडूड़ी ने कहा कि मातृशक्ति आज विभिन्न क्षेत्रों में एवं विभिन्न रूपों में देश का नेतृत्व कर रही हैं. विभिन्न क्षेत्रों में महिलाएं कीर्तिमान स्थापित कर रही है. आजादी के आंदोलन से लेकर उत्तराखंड राज्य के आंदोलन में इस प्रदेश की महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. महिला शक्ति के बिना मानव जाति की कल्पना करना असंभव है.
पढ़ें- दिव्य प्रेम सेवा मिशन के रजत जयंती समारोह में राष्ट्रपति बोले- 'सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं'

ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कहा की महिलाओं का वास्तविक सशक्तिकरण तभी होगा, जब वे अपने अधिकारों का लाभ उठा पाएं और साथ ही आर्थिक रूप से सशक्त हों. महिला सशक्तीकरण का मतलब है कि उन्हें आर्थिक रुप से सशक्त किया जाए, वे आत्मनिर्भर हों. उन्हें सकारात्मक सोच के साथ किसी भी परिस्थिति का सामना करने लायक बनाया जाए और वे विकास की किसी भी गतिविधि में भाग लेने में सक्षम होनी चाहिए.

इस अवसर पर महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल, सांसद तीरथ रावत की धर्मपत्नी रश्मि रावत, कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत की धर्मपत्नी दीपा रावत, कमली भट्ट अनुराधा वालिया, मंजू कौशिक, मुकेश राठौर, सुमन सिंह, पुष्पा बर्तवाल, अरुणा उनियाल, कंचना ठाकुर सहित कई अन्य महिलाएं मौजूद रहीं.

देहरादून: उत्तराखंड राज्य की पांचवीं विधानसभा में पहली महिला विधानसभा अध्यक्ष का पद संभालने के बाद ऋतु भूषण खंडूड़ी (Ritu Bhushan Khanduri) शहीद स्मारक पर शहीदों को नमन करने पहुंचीं, जहां उन्होंने शहीदों की मूर्तियों पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कहा कि उत्तराखंड राज्य निर्माण में अपने प्राणों की आहुति देने वाले राज्य आंदोलनकारियों के बलिदान को प्रदेश हमेशा याद रखेगा.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शहीद आंदोलनकारियों के सपनों के अनुरूप समृद्ध और प्रगतिशील उत्तराखंड बनाने के लिए संकल्पित हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य के निर्माण में महिलाओं की अहम भूमिका रही है. विधानसभा अध्यक्ष पद पर रहते हुए वह उत्तराखंड में महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में कार्य करेंगी.

पद संभालने के बाद शहीद स्थल पहुंचीं विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ीय

वहीं, इसके बाद शिमला बाईपास रोड स्थित वेडिंग प्वाइंट में धर्मपुर विधानसभा की महिलाओं एवं कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जहां विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया. कार्यक्रम के दौरान राज्य में पहली महिला विधानसभा अध्यक्ष बनने पर महिलाओं में गजब का उत्साह देखने को मिला. इस दौरान महिलाओं ने कई सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए, जिसमें नंदा राजजात यात्रा का कलाकारों ने मंचन किया. विधानसभा अध्यक्ष द्वारा सभी महिलाओं का आभार व्यक्त किया गया.

इस मौके पर ऋतु भूषण खंडूड़ी ने कहा कि मातृशक्ति आज विभिन्न क्षेत्रों में एवं विभिन्न रूपों में देश का नेतृत्व कर रही हैं. विभिन्न क्षेत्रों में महिलाएं कीर्तिमान स्थापित कर रही है. आजादी के आंदोलन से लेकर उत्तराखंड राज्य के आंदोलन में इस प्रदेश की महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. महिला शक्ति के बिना मानव जाति की कल्पना करना असंभव है.
पढ़ें- दिव्य प्रेम सेवा मिशन के रजत जयंती समारोह में राष्ट्रपति बोले- 'सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं'

ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कहा की महिलाओं का वास्तविक सशक्तिकरण तभी होगा, जब वे अपने अधिकारों का लाभ उठा पाएं और साथ ही आर्थिक रूप से सशक्त हों. महिला सशक्तीकरण का मतलब है कि उन्हें आर्थिक रुप से सशक्त किया जाए, वे आत्मनिर्भर हों. उन्हें सकारात्मक सोच के साथ किसी भी परिस्थिति का सामना करने लायक बनाया जाए और वे विकास की किसी भी गतिविधि में भाग लेने में सक्षम होनी चाहिए.

इस अवसर पर महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल, सांसद तीरथ रावत की धर्मपत्नी रश्मि रावत, कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत की धर्मपत्नी दीपा रावत, कमली भट्ट अनुराधा वालिया, मंजू कौशिक, मुकेश राठौर, सुमन सिंह, पुष्पा बर्तवाल, अरुणा उनियाल, कंचना ठाकुर सहित कई अन्य महिलाएं मौजूद रहीं.

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