देहरादून: उत्तराखंड वन विभाग के पास सैकड़ों हथियारों की मौजूदा स्थिति को लेकर विभागीय अधिकारी अनजान हैं. राजकीय हथियारों पर लाइसेंस को लेकर सवाल खड़े होने के बाद अब विभाग मौजूद असलहे का परीक्षण करवाने की तैयारी कर रहा है. वहीं वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उनको इसकी जानकारी मिली है और अब वह अधिकारियों से इस बारे में विस्तृत जानकारी लेंगे.
उत्तराखंड में वन विभाग के फील्ड कर्मी अलग-अलग तरह के कई हथियारों से लैस हैं. वन क्षेत्र में मौजूद वन्यजीव तस्करों से वन्यजीव की सुरक्षा के लिए फील्ड कर्मियों को हथियार दिए गए हैं. यही नहीं वन क्षेत्रों में गश्त के दौरान खुद की सुरक्षा के लिए भी यही हथियार काफी अहम भूमिका निभाते हैं. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि उत्तराखंड वन विभाग के बड़े अफसरों को महकमे के कर्मचारियों के पास मौजूद हथियारों को लेकर स्पष्ट स्थिति का पता ही नहीं है. दरअसल, राज्य में वन विभाग के कर्मियों के पास मौजूद असलहे के लाइसेंस को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. बताया जा रहा है कि अधिकतर हथियारों के लाइसेंस का सालों साल से रिन्यूअल हुआ ही नहीं है.
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जानकारी के अनुसार वन विभाग के कर्मियों के पास कुल 1052 हथियार मौजूद हैं. जिसमें सबसे ज्यादा 351 बोर की राइफल शामिल है. उधर 12 बोर की बंदूक भी वन कर्मियों के पास मौजूद है. साथ ही कुछ कर्मियों को रिवाल्वर भी दी गई है. इस मामले पर पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ डॉ. समीर सिन्हा कहते हैं कि वन कर्मियों के पास मौजूद शस्त्र राजकीय हैं और मौजूदा स्थिति को लेकर जिन प्रावधानों के तहत असलहा दिए गए हैं, उसका परीक्षण करवाया जा रहा है.
जानकारी के अनुसार 500 से ज्यादा राइफल 351 बोर की है और करीब 400 बंदूक 12 बोर की, यही नहीं करीब 50 रिवाल्वर भी विभाग के पास मौजूद हैं. लेकिन जिस तरह अब लाइसेंस रिन्यूअल को लेकर सवाल खड़े हुए हैं, उसके बाद विभाग के अंदर इसको लेकर कसरत तेज हो गई है. वहीं वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उनको इसकी जानकारी मिली है और अब वह अधिकारियों से इस बारे में विस्तृत जानकारी लेंगे.