देहरादून: राजधानी की सड़कों पर हुए अतिक्रमण के खिलाफ एक बार फिर जिला प्रशासन कार्रवाई करने जा रहा है. हाई कोर्ट के आदेश पर जिलाधिकारी ने एक बार फिर अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू करने आदेश दिए हैं. ऐसे में शहर में हुए अतिक्रमण ध्वस्त करने के लिए टास्क फोर्स ने कमर कस ली है. वहीं, एक हफ्ते के भीतर टास्क फोर्स की दो टीमों को शहर में ध्वस्तीकरण के लिए भेजा जाएगा.
बता दें कि हाई कोर्ट के आदेशों के बाद इस बार फिर अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन कार्रवाई करने जा रहा है. जिसके लिए जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और राजस्व विभाग को नए पुराने अतिक्रमण की पहचान करने के निर्देश दिए हैं.
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अक्टूबर 2018 में हाई कोर्ट ने साल 1938 की स्थिति के आधार पर अतिक्रमण चिन्हित कर ध्वस्त करने के आदेश दिए थे. इसके बाद फरवरी 2019 में करीब 20 दिन जिला प्रशासन से अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चला था, लेकिन इसके बाद चुनावी आचार संहिता के चलते इसे रोक दिया गया. इसके बाद सितंबर 2019 को करीब तीन हजार अतिक्रमण ध्वस्त किए गए.
जिलाधिकारी ने हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए अभियान को पूरा करने का निर्देश दिया हैं और इस बार अभियान में पहले कैनाल रोड, त्यागी रोड और प्रेम नगर में फोकस किया जाएगा. साथ ही क्षेत्रवार बनने वाली टास्क फोर्स अन्य स्थानों पर भी फोकस करेगी. वहीं, अतिक्रमण को लेकर समय-समय पर हाईकोर्ट में समीक्षा की जा रही है. न्यायालय के दबाव में फिर से अभियान शुरू करने की तैयारी की गई है और इस सप्ताह क्षेत्र के हिसाब से टास्क फोर्स बना ली जाएगी. अगले सप्ताह से धवस्त करना शुरू कर दिया जाएगा.
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इस बारे में अपर जिलाधिकारी रामजी शरण शर्मा ने बताया कि एक बार फिर प्रशासन अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू करने जा रहा है. पिछली बार जो अतिक्रमण ध्वस्त किए गए थे उन्हें दोबारा चिन्हित किया जाएगा. ताकि पता चल सके कि वहां दोबारा अतिक्रमण तो नहीं हुआ है. चिन्हीकरण के लिए प्रशासन सात दिन का समय लेगा. इसके बाद अगले बुधवार से अतिक्रमण हटाओ अभियान के शुरू किया जाएगा. अतिक्रमण हटाओ अभियान में पिछली बार चार टीमें थी. लेकिन इस बार हम शुरू में दो ही टास्क टीम ही रखेंगे.