ETV Bharat / state

500 मीटर की दूरी पर पड़ा रहा घायल हाथी, 48 घंटे जंगल की खाक छानते रहे वनकर्मी

राजाजी टाइगर रिजर्व के मोतीचूर रेंज में दो हाथियों के बीच संघर्ष हुआ था. इसमें एक हाथी की मौके पर ही मौत हो गई थी. दूसरा हाथी घायल अवस्था में जंगल की ओर चला गया था. घायल हाथी का सौंग नदी में शव मिला है. जबकि, इससे पहले डॉग स्क्वॉयड और 50 वनकर्मी ने काफी पसीने बहाए, लेकिन समय पर हाथी नहीं ढूंढ़ पाए.

elephant died
ऋषिकेश में हाथी की मौत
author img

By

Published : Feb 19, 2022, 10:43 AM IST

Updated : Feb 19, 2022, 6:19 PM IST

ऋषिकेशः राजाजी टाइगर रिजर्व के आला अफसर वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे करते हैं, लेकिन असल में जमीन पर ऐसा दिखता नहीं. डॉग स्क्वॉयड और 50 वनकर्मी एक अदद जख्मी हाथी को 48 घंटे में भी ढूंढ़ नहीं पाए. नतीजतन, समय पर हाथी के नहीं मिलने से इलाज के अभाव में उसकी मौत हो गई.

दरअसल, यह घटना मोतीचूर रेंज की है. यहां 17 फरवरी को दो हाथियों में खूनी संघर्ष हुआ. जिसमें 55 साल के एक हाथी की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि, सत्यनारायण बीट के जंगल में हुए संघर्ष में दूसरा हाथी वनकर्मियों को मौके पर नहीं मिला. हाथी के जख्मी होने की आशंका जाहिर करते हुए अधिकारियों ने मोतीचूर रेंज के कर्मचारियों को तो लगाया ही, साथ ही डॉग स्क्वायड की टीम को भी बुला लिया गया.

सौंग नदी से हाथी का शव बरामद.

ये भी पढ़ेंः केवीआईसी ने हाथियों और इंसानों के बीच संघर्ष को रोकने के लिए असम में परियोजना शुरू की

इसके बावजूद इसके न तो वनकर्मियों और न ही डॉग स्क्वायड टीम को हाथी मिला. शनिवार की सुबह आखिरकार वनकर्मियों को हाथी तो मिला, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. दिलचस्प बात ये है कि हाथी संघर्ष के घटनास्थल से महज 500 मीटर के दूरी पर सौंग नदी के किनारे मृत हालत में मिला. जबकि, पार्क के अधिकारी उसकी तलाश में 48 घंटे से कॉम्बिंग करने का दावा करते रहे. ऐसे में इस पूरी घटना ने पार्क प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा दिए हैं.

बता दें कि मोतीचूर रेंज में करीब 50 वनकर्मी तैनात हैं. पार्क के डिप्टी डायरेक्टर एलपी टम्टा ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह संघर्ष से शामिल हाथी ही है. कॉम्बिंग से जुड़ी टीम बीते शुक्रवार को यहीं से गुजरी थी, लेकिन उन्हें यह नजर नहीं आया. बड़ा सवाल यह है कि यह कैसी कॉम्बिंग जो घटनास्थल के मात्र 500 मीटर की दूरी पर ही घायल हाथी को नहीं देख पाए. पार्क की टीम ने ठीक से कॉम्बिंग की भी या नहीं, इस पर भी संदेह पैदा हो गया है.

ऋषिकेशः राजाजी टाइगर रिजर्व के आला अफसर वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे करते हैं, लेकिन असल में जमीन पर ऐसा दिखता नहीं. डॉग स्क्वॉयड और 50 वनकर्मी एक अदद जख्मी हाथी को 48 घंटे में भी ढूंढ़ नहीं पाए. नतीजतन, समय पर हाथी के नहीं मिलने से इलाज के अभाव में उसकी मौत हो गई.

दरअसल, यह घटना मोतीचूर रेंज की है. यहां 17 फरवरी को दो हाथियों में खूनी संघर्ष हुआ. जिसमें 55 साल के एक हाथी की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि, सत्यनारायण बीट के जंगल में हुए संघर्ष में दूसरा हाथी वनकर्मियों को मौके पर नहीं मिला. हाथी के जख्मी होने की आशंका जाहिर करते हुए अधिकारियों ने मोतीचूर रेंज के कर्मचारियों को तो लगाया ही, साथ ही डॉग स्क्वायड की टीम को भी बुला लिया गया.

सौंग नदी से हाथी का शव बरामद.

ये भी पढ़ेंः केवीआईसी ने हाथियों और इंसानों के बीच संघर्ष को रोकने के लिए असम में परियोजना शुरू की

इसके बावजूद इसके न तो वनकर्मियों और न ही डॉग स्क्वायड टीम को हाथी मिला. शनिवार की सुबह आखिरकार वनकर्मियों को हाथी तो मिला, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. दिलचस्प बात ये है कि हाथी संघर्ष के घटनास्थल से महज 500 मीटर के दूरी पर सौंग नदी के किनारे मृत हालत में मिला. जबकि, पार्क के अधिकारी उसकी तलाश में 48 घंटे से कॉम्बिंग करने का दावा करते रहे. ऐसे में इस पूरी घटना ने पार्क प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा दिए हैं.

बता दें कि मोतीचूर रेंज में करीब 50 वनकर्मी तैनात हैं. पार्क के डिप्टी डायरेक्टर एलपी टम्टा ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह संघर्ष से शामिल हाथी ही है. कॉम्बिंग से जुड़ी टीम बीते शुक्रवार को यहीं से गुजरी थी, लेकिन उन्हें यह नजर नहीं आया. बड़ा सवाल यह है कि यह कैसी कॉम्बिंग जो घटनास्थल के मात्र 500 मीटर की दूरी पर ही घायल हाथी को नहीं देख पाए. पार्क की टीम ने ठीक से कॉम्बिंग की भी या नहीं, इस पर भी संदेह पैदा हो गया है.

Last Updated : Feb 19, 2022, 6:19 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.